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पौधारोपण के लिए गड्ढे खोदने के बाद नहीं मिली मजदूरी, कलेक्टर से गुहार लगाने पहुंच गए मजदूर - वन प्रभारी

वन परिक्षेत्र में पौधारोपण के लिए तैयार कराए जाने वाले गड्ढों की संख्या को लेकर मजदूरों का भुगतान अभी तक नहीं किया गया, मजदूर अपनी गृहस्थी का सामान लेकर मदद की गुहार लगाने जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे.

कलेक्टर से गुहार लगाने पहुंचे मजदूर
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Published : Apr 28, 2019, 12:03 AM IST

दमोह। जिले के वन परिक्षेत्र में पौधारोपण के लिए तैयार कराए जाने वाले गड्ढों की संख्या को लेकर मजदूरों का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है, जिसके चलते मजदूर अपनी गृहस्थी का सामान लेकर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंच गए. मजदूरों का कहना है कि वे पिछले 6 महीने से गड्ढे खोदने का काम कर रहे हैं, जिसे वन प्रभारी इंकार कर रहे हैं. मजदूरों ने मांग की है कि इन्होंने जितने गड्ढे खोदे हैं, उतने का भुगतान किया जाए.

दरअसल, जिले के हटा वन परिक्षेत्र में पौधारोपण के लिए करीब 1 लाख 20 हजार गड्ढों का लक्ष्य वन विभाग द्वारा रखा गया है. इन्हीं गड्ढों को खोदने के लिए सीधी जिले के मजदूरों को दमोह बुलाकर उन्हें काम दिया गया. करीब एक महीने से यह मजदूर अपने परिजनों के साथ यहां पर गड्ढे खोदने का काम कर रहे हैं. इन मजदूरों को एडवांस केवल ₹15 हजार की राशि वन विभाग द्वारा दी गई थी. वहीं इन मजदूरों ने बकाए पैसों की मांग की तो स्थानीय अधिकारियों ने 12 हजार गड्ढों के हिसाब से पैसे का भुगतान करने की बात कही.

कलेक्टर से गुहार लगाने पहुंचे मजदूर

मजदूरों का कहना है कि उन लोगों ने 1 महीने की कड़ी मेहनत कर करीब 60 हजार गड्ढे खोदे हैं लेकिन वन अमला इसे मानने को तैयार नहीं हैं. वहीं अब मजदूरों का कहना है कि वन विभाग के अधिकारी उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. जिसके चलते अपनी गृहस्थी का सामान परिजनों के साथ लेकर कलेक्ट्रेट पहुंच गए जहां पर इन्होंने अधिकारियों को अपनी परेशानी से अवगत कराया.

इस मामले पर एसडीओ फॉरेस्ट का कहना है कि मजदूरों धमकाने का गलत आरोप लगा रहे हैं. साथ ही कहा मजदूरों द्वारा केवल 12 हजार गड्ढे खोदे गए हैं. उन्होंने मजदूरों से कहा है कि वे सभी गड्ढों की गिनती करवा दें, जिसके बाद वे गड्ढों की गिनती के हिसाब से पैसों का भुगतान करने को तैयार हैं. जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम ने पहुंचकर मजदूरों को समझाने का प्रयास किया. इसके साथ ही प्रशासन ने गड्ढों का सही अनुमान लगाए जाने के बाद भुगतान किए जाने की बात कही है.

दमोह। जिले के वन परिक्षेत्र में पौधारोपण के लिए तैयार कराए जाने वाले गड्ढों की संख्या को लेकर मजदूरों का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है, जिसके चलते मजदूर अपनी गृहस्थी का सामान लेकर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंच गए. मजदूरों का कहना है कि वे पिछले 6 महीने से गड्ढे खोदने का काम कर रहे हैं, जिसे वन प्रभारी इंकार कर रहे हैं. मजदूरों ने मांग की है कि इन्होंने जितने गड्ढे खोदे हैं, उतने का भुगतान किया जाए.

दरअसल, जिले के हटा वन परिक्षेत्र में पौधारोपण के लिए करीब 1 लाख 20 हजार गड्ढों का लक्ष्य वन विभाग द्वारा रखा गया है. इन्हीं गड्ढों को खोदने के लिए सीधी जिले के मजदूरों को दमोह बुलाकर उन्हें काम दिया गया. करीब एक महीने से यह मजदूर अपने परिजनों के साथ यहां पर गड्ढे खोदने का काम कर रहे हैं. इन मजदूरों को एडवांस केवल ₹15 हजार की राशि वन विभाग द्वारा दी गई थी. वहीं इन मजदूरों ने बकाए पैसों की मांग की तो स्थानीय अधिकारियों ने 12 हजार गड्ढों के हिसाब से पैसे का भुगतान करने की बात कही.

कलेक्टर से गुहार लगाने पहुंचे मजदूर

मजदूरों का कहना है कि उन लोगों ने 1 महीने की कड़ी मेहनत कर करीब 60 हजार गड्ढे खोदे हैं लेकिन वन अमला इसे मानने को तैयार नहीं हैं. वहीं अब मजदूरों का कहना है कि वन विभाग के अधिकारी उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. जिसके चलते अपनी गृहस्थी का सामान परिजनों के साथ लेकर कलेक्ट्रेट पहुंच गए जहां पर इन्होंने अधिकारियों को अपनी परेशानी से अवगत कराया.

इस मामले पर एसडीओ फॉरेस्ट का कहना है कि मजदूरों धमकाने का गलत आरोप लगा रहे हैं. साथ ही कहा मजदूरों द्वारा केवल 12 हजार गड्ढे खोदे गए हैं. उन्होंने मजदूरों से कहा है कि वे सभी गड्ढों की गिनती करवा दें, जिसके बाद वे गड्ढों की गिनती के हिसाब से पैसों का भुगतान करने को तैयार हैं. जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम ने पहुंचकर मजदूरों को समझाने का प्रयास किया. इसके साथ ही प्रशासन ने गड्ढों का सही अनुमान लगाए जाने के बाद भुगतान किए जाने की बात कही है.

Intro:जिले के जंगलों में पौधारोपण के लिए गड्ढे खोदने आए मजदूरों को नहीं मिली तय मजदूरी

मजदूरी दिलाने परिवारजनों के साथ कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंच गए पीड़ित मजदूर

गड्ढों के गिनती को लेकर हुआ बवाल प्रशासनिक अमले की समझाइश पर भी नहीं माने मजदूर

Anchor. दमोह जिले के वन परिक्षेत्र में पौधारोपण के लिए तैयार कराए जाने वाले गड्ढों की संख्या को लेकर जब मजदूरों का भुगतान नहीं हुआ, तो यह मजदूर अपनी गृहस्थी का सामान लेकर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंच गए. इतना ही नहीं प्रशासन के अधिकारियों के पहुंचने पर भी यह मजदूर नहीं माने. इनका कहना था कि इन्होंने जितने गड्ढे खोदे हैं, उतने का भुगतान किया जाए. लेकिन वन परिक्षेत्र के वन प्रभारी 6 गुना कम गड्ढे खोदे जाने की बात कर रहे हैं.


Body:Vo. दमोह जिले के हटा वन परिक्षेत्र में पौधारोपण के लिए करीब 120000 गड्ढों का लक्ष्य बन विभाग द्वारा रखा गया है इन्हीं गड्ढा खोदने के लिए सीधी जिले के मजदूरों को दमोह बुलाकर उन्हें काम दिया गया करीब एक माह सहित यह मजदूर अपने परिवार जनों के साथ यहां पर गड्ढे खोदने का काम कर रहे हैं इन मजदूरों को खर्च के लिए केवल ₹15000 की राशि वन विभाग द्वारा दी गई लेकिन जब पैसे खर्च हो गए तब इन मजदूरों ने पैसों की मांग की तो स्थानीय अधिकारियों ने 12000 गड्ढों के हिसाब से पैसे का भुगतान करने की बात कही वहीं मजदूरों का कहना था कि उन लोगों ने 1 माह की कड़ी मेहनत कर करीब 60000 गड्ढे खोदे हैं लेकिन वन अमला इसे मान्य तैयार नहीं पैसों का भुगतान नहीं होने के बाद यह मजदूर अपनी गृहस्ती का सामान परिजनों के साथ लेकर कलेक्ट्रेट पहुंच गए जहां पर इन्होंने अधिकारियों को अपनी परेशानी से अवगत कराया मजदूरों का कहना था कि इनको अपनी मेहनत का पैसा चाहिए लेकिन वहां के वन विभाग के अधिकारी उन को धमकी दे रहे हैं इस कारण से वे यहां पर भागकर आए हैं तथा अपने पैसों की मांग कर रहे हैं

बाइट पीड़ित मजदूर

बाइट पीड़ित मजदूर

Vo. मजदूरों के इस मामले पर एसडीओ फॉरेस्ट का कहना है कि मजदूरों का आरोप गलत है, कि किसी ने उनको धमकाया है. वही इतने गड्ढे उनके द्वारा नहीं खोदे गए. उन्होंने मजदूरों से कहा है कि वे लोग मौका स्थल पर पहुंचकर सभी गड्ढों की गिनती करवा दें. जिसके बाद वे उन गड्ढों की गिनती के हिसाब से पैसों का भुगतान करने तैयार हैं.

बाइट जी एस धुर्वे एसडीओ फॉरेस्ट

Vo. जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम ने पहुंचकर मजदूरों को समझाने का प्रयास किया. इसके साथ ही प्रशासन की टीम के साथ मौका पर पहुंचकर गड्ढों का सही अनुमान लगाए जाने की बात कही. लेकिन इसके लिए मजदूर तैयार नहीं थे. जिस कारण से प्रशासन की टीम द्वारा गड्ढों की सही स्थिति पता करके भुगतान कराया जाएगा.

बाइट रविंद्र चोकसे एसडीएम दमोह


Conclusion:Vo. इस पूरे घटनाक्रम पर मजदूरों का आरोप है कि जिस दौरान यह मजदूर काम कर रहे थे. उन्होंने बीट प्रभारी से अनेक बार हर दिन ही गड्ढों की गिनती करने की बात कही. लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं थे. यही कारण रहा कि जब उन्होंने पैसों की मांग की, तो वन अमले द्वारा उनको उनकी मजदूरी का सही भुगतान नहीं किया जा रहा है. 60,000 गड्ढों के बदले केवल 12000 गड्ढों के पैसों का भुगतान करने की बात कही जा रही है. जो उन मजदूरों के साथ अन्याय है. देखना होगा इस मामले पर प्रशासन मजदूरों के साथ न्याय करने में कहां तक ईमानदारी दिखाता है.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत दमोह
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