दमोह। जिले के वन परिक्षेत्र में पौधारोपण के लिए तैयार कराए जाने वाले गड्ढों की संख्या को लेकर मजदूरों का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है, जिसके चलते मजदूर अपनी गृहस्थी का सामान लेकर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंच गए. मजदूरों का कहना है कि वे पिछले 6 महीने से गड्ढे खोदने का काम कर रहे हैं, जिसे वन प्रभारी इंकार कर रहे हैं. मजदूरों ने मांग की है कि इन्होंने जितने गड्ढे खोदे हैं, उतने का भुगतान किया जाए.
दरअसल, जिले के हटा वन परिक्षेत्र में पौधारोपण के लिए करीब 1 लाख 20 हजार गड्ढों का लक्ष्य वन विभाग द्वारा रखा गया है. इन्हीं गड्ढों को खोदने के लिए सीधी जिले के मजदूरों को दमोह बुलाकर उन्हें काम दिया गया. करीब एक महीने से यह मजदूर अपने परिजनों के साथ यहां पर गड्ढे खोदने का काम कर रहे हैं. इन मजदूरों को एडवांस केवल ₹15 हजार की राशि वन विभाग द्वारा दी गई थी. वहीं इन मजदूरों ने बकाए पैसों की मांग की तो स्थानीय अधिकारियों ने 12 हजार गड्ढों के हिसाब से पैसे का भुगतान करने की बात कही.
मजदूरों का कहना है कि उन लोगों ने 1 महीने की कड़ी मेहनत कर करीब 60 हजार गड्ढे खोदे हैं लेकिन वन अमला इसे मानने को तैयार नहीं हैं. वहीं अब मजदूरों का कहना है कि वन विभाग के अधिकारी उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. जिसके चलते अपनी गृहस्थी का सामान परिजनों के साथ लेकर कलेक्ट्रेट पहुंच गए जहां पर इन्होंने अधिकारियों को अपनी परेशानी से अवगत कराया.
इस मामले पर एसडीओ फॉरेस्ट का कहना है कि मजदूरों धमकाने का गलत आरोप लगा रहे हैं. साथ ही कहा मजदूरों द्वारा केवल 12 हजार गड्ढे खोदे गए हैं. उन्होंने मजदूरों से कहा है कि वे सभी गड्ढों की गिनती करवा दें, जिसके बाद वे गड्ढों की गिनती के हिसाब से पैसों का भुगतान करने को तैयार हैं. जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम ने पहुंचकर मजदूरों को समझाने का प्रयास किया. इसके साथ ही प्रशासन ने गड्ढों का सही अनुमान लगाए जाने के बाद भुगतान किए जाने की बात कही है.