दमोह। जबेरा से करीब 5 किलोमीटर दूर बसे महगंवा गांव में सड़क निर्माण नहीं होने से लोग भारी परेशान है, यह परेशानी बारिश में और भी बढ़ जाती है, हालात ये हैं कि प्रसूताओं और मरीजों को खाट पर टांग कर ले जाना पड़ता है.
बढ़ते मध्य प्रदेश की देखिए तस्वीर
सरकार विकास के लाख दावे क्यों न करे, लेकिन जबेरा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत खैरी सिंगौरगढ़ के महगंवा गांव में हालात बद से बदतर हैं, यहां अगर कोई बीमार पड़ जाता है, तो उसे मुख्य मार्ग तक पहुंचने के लिए कीचड़ भरे रास्ते से गुजरना पड़ता है. इस गांव से निकली नदी पर पुल तो बन गया है, लेकिन मुख्य सड़क से गांव तक कि एक किलोमीटर कच्चे मार्ग पर सड़क नहीं बनी है.
गांव में आज तक नहीं बनी सड़क
महगंवा गांव की आबादी 500 के लगभग है, इस गांव तक पहुंचने के लिए बारिश कच्ची सड़क का एक ही रास्ता है, लेकिन बारिश में यहां की सड़कें कीचड़ में तब्दील हो जाती हैं, सबसे ज्यादा परेशानी तब आती है, जब प्रसूताओं को अस्पताल जाना पड़ता है.
कंधों के सहारे मरीजों को पहुंचाया जाता है अस्पताल
गांव की एक प्रसूता अस्पताल से वापस आ रही थी, तभी ईटीवी भारत की टीम मौके पर पहुंची, ग्रामीणों ने बताया कि सड़क नहीं होने से यहां एंबुलेंस भी नहीं पहुंच पाती है, ऐसे हालात में सड़क से गांव तक वो महिला को कंधों पर उठाकर घर ले जा रहा है.
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ग्रामीणों ने बताया कि ऑपरेशन के बाद महिला ने एक नवजात बच्ची को जन्म दिया है और 3 दिन तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद आज जब परिजन उसे वापस गांव ले जा रहे थे, तब उन्हें कीचड़ भरे रास्तों से गुजना पड़ा.