दमोह। भीषण गर्मी से परेशान लोग मानसून से राहत मिलने की आस लगाए हुए हैं, लेकिन इस बार सावन का महीना शुरु होने के बाद भी मध्यप्रदेश के ज्यादातर इलाकों में बारिश नहीं हुई है. बारिश नहीं होने से किसानों की खेती पर इसका सबसे बुरा असर हो रहा है. यही कारण है कि, ग्रामीण अंचलों में पुरानी मान्यताओं के तहत टोने-टोटके करके इंद्रदेव को मनाने का प्रयास किया जा रहा है. दमोह जिले के ग्रामीण अंचलों में इन दिनों तरह-तरह के टोटके किए जा रहे हैं. जिससे इंद्रदेव प्रसन्न हो जाएं और थोड़ी सी बारिश कर दें.
दमोह जिले के ग्राम खिरिया मंडला में बारिश के लिए ग्रामीण टोटका कर रहे हैं. यहां पर पुरानी मान्यता हैं कि, मेढक को मूसर में बांधकर पूरे गांव में उसकी एक यात्रा निकाली जाती है, साथ ही लोगों से दान भी मांगा जाता है. इसके बाद गांव के एक देवी मंदिर में इस मुसर को रखकर इंद्र देवता से बारिश की मांग की जा रही है. टोटके के लिए लोग छोटे बच्चों का चुनाव करते हैं. जिसमें ये बच्चे मेढक पकड़ कर लाते हैं. इसके बाद बड़े बुजुर्गों के मार्गदर्शन में पहले सभी कन्याओं की पूजा की जाती है, उसके बाद मूसर की पूजा करके उसमें मेढक को टांगा जाता है.
फिर दो बालिकाएं इस मूसर को लेकर गांव का भ्रमण करती हैं और ग्रामीण इंद्र देवता से पानी की मांग करते हैं. वहीं गांव के लोग भंडारे के लिए अपनी इच्छा अनुसार भोजन पानी भी देते हैं. देवी के स्थान पर पहुंचकर मूसर में बंधे मेढक को देवी के पास रख दिया जाता है. मंदिर के चबूतरे पर ही बच्चे लेटकर आसमान की तरफ देखकर पानी की प्रार्थना करते हैं. यहां के लोगों का कहना है कि, सनातन परंपरा में इस मान्यता का पालन करते हैं और इससे पानी भी गिरता है. लोगों का कहना है कि, जब से बारिश नहीं हो रही है, तब से लगातार ग्रामीण इस तरह का टोटका कर रहे हैं.