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ईद-उल-अजहा के मौके पर पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना ये बकरा, मालिक ने बेचने से किया इनकार

अरबी भाषा में अल्लाह लिखा होने की वजह से दमोह जिले का एक बकरा पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया है,  दूर- दूर से लोग इस बकरे को देखने पहुंचे, हालांकि बकरे के मालिक ने इसकी कर्बानी नहीं की और बेजने से भी इनकार कर दिया.

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Published : Aug 12, 2019, 5:39 PM IST

बकरा

दमोह। ईद के मौक पर कुर्बानी के लिये बकरों की मांग हर तरफ बढ़ जाती है. जिले के नूरी नगर में रहने वाले सरवर पठान के बकरे को देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो रही है. इस बकरे में खास बात यह है कि इसके शरीर पर अरबी भाषा में अल्लाह लिखा हुआ दिख रहा है.

चर्चा का विषय बना अल्लाह लिखा ये बकरा

बकरा बना चर्चा का विषय

बकरे के मालिक इसे बकरीद के मौके पर अल्लाह की राह पर कुर्बान करने की बात कर रहे थे, लेकिन ईद पर इस बकरे को हलाल नहीं किया गया. अब यह बकरा लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. मैकेनिक फरीद के घर बचपन से पल रहे इस बकरे के शरीर पर धीरे- धीरे अल्लाह का नाम लिखा दिखने लगा. दरअसल अरबी भाषा में लिखा हुआ अल्लाह दिखने के बाद से यह बकरा चर्चाओं में आ गया. अब हर शख्स इसे देखना चाहता है.

किस्मत वालों को मिलता है ऐसा बकरा

अरबी भाषा को जानने और पहचानने वाले लोग इसे खुदा की नियामत बता रहे हैं. उनका मानना है कि वह लोग बड़े किस्मत वाले हैं जिन्हें अल्लाह के नाम लिखा हुआ बकरा पालने का मौका मिला है. बकरे के बदन पर लिखा हुआ अल्लाह का नाम बड़ा ही अजीम है और बकरे को अल्लाह की राह पर कुर्बान कर देना इससे भी ज्यादा अजीम है.

महज इत्तेफाक या चमत्कार?

हर जानवर में अलग-अलग पैदाइशी रंग होते हैं और जींस की मौजूदगी इनके शरीर में इनके बालों के रंग का निर्धारण करते हैं. यह महज इत्तेफाक ही है कि बकरे के बदन पर बने अक्स को लोग अल्लाह पढ़ रहे हैं. ईद के मौके पर यह बकरा कुर्बान तो नहीं किया गया लेकिन लोगों के आकर्षण का केंद्र जरूर बना हुआ है.

दमोह। ईद के मौक पर कुर्बानी के लिये बकरों की मांग हर तरफ बढ़ जाती है. जिले के नूरी नगर में रहने वाले सरवर पठान के बकरे को देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो रही है. इस बकरे में खास बात यह है कि इसके शरीर पर अरबी भाषा में अल्लाह लिखा हुआ दिख रहा है.

चर्चा का विषय बना अल्लाह लिखा ये बकरा

बकरा बना चर्चा का विषय

बकरे के मालिक इसे बकरीद के मौके पर अल्लाह की राह पर कुर्बान करने की बात कर रहे थे, लेकिन ईद पर इस बकरे को हलाल नहीं किया गया. अब यह बकरा लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. मैकेनिक फरीद के घर बचपन से पल रहे इस बकरे के शरीर पर धीरे- धीरे अल्लाह का नाम लिखा दिखने लगा. दरअसल अरबी भाषा में लिखा हुआ अल्लाह दिखने के बाद से यह बकरा चर्चाओं में आ गया. अब हर शख्स इसे देखना चाहता है.

किस्मत वालों को मिलता है ऐसा बकरा

अरबी भाषा को जानने और पहचानने वाले लोग इसे खुदा की नियामत बता रहे हैं. उनका मानना है कि वह लोग बड़े किस्मत वाले हैं जिन्हें अल्लाह के नाम लिखा हुआ बकरा पालने का मौका मिला है. बकरे के बदन पर लिखा हुआ अल्लाह का नाम बड़ा ही अजीम है और बकरे को अल्लाह की राह पर कुर्बान कर देना इससे भी ज्यादा अजीम है.

महज इत्तेफाक या चमत्कार?

हर जानवर में अलग-अलग पैदाइशी रंग होते हैं और जींस की मौजूदगी इनके शरीर में इनके बालों के रंग का निर्धारण करते हैं. यह महज इत्तेफाक ही है कि बकरे के बदन पर बने अक्स को लोग अल्लाह पढ़ रहे हैं. ईद के मौके पर यह बकरा कुर्बान तो नहीं किया गया लेकिन लोगों के आकर्षण का केंद्र जरूर बना हुआ है.

Intro:ईद के मौके पर यह बकरा बना आकर्षण का केंद्र

बकरे के शरीर पर लिखा हुआ है अल्लाह

ईद का त्योहार पर बकरों की पूंछ परख बढ़ जाती है. तो दमोह के नूरी नगर में रहने वाले सरवर पठान के बकरे को देखने के लिए आसपास के लोग पहुंच रहे है. इस बकरे की खासियत यह है कि इसके बदन पर अरबी अल्फ़ाज़ में अल्लाह लिखा हुआ नजर आता है. बकरे के मालिक इस बकरा ईद पर इसे अल्लाह की राह पर कुर्बान करने की बात कर रहे थे, लेकिन ईद पर इस बकरे को हलाल नहीं किया गया. अब यह बकरा लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.


Body:दमोह के नूरी नगर में रहने वाले मैकेनिक फरीद चाचा के घर बचपन से पल रहे इस बकरे के शरीर पर धीरे धीरे अल्लाह का नाम लिखा दिखने लगा. दरअसल उर्दू भाषा में लिखा हुआ अल्लाह पढ़ने के बाद यह बकरा चर्चाओं में आ गया. अब हर शख्स इसे देखना चाहता है. अरबी जबान को जानने और पहचानने वाले लोग इसे खुदा की नियामत बता रहे हैं. इनका मानना है की वह लोग बड़े किस्मत वाले हैं जिन्हें अल्लाह के नाम लिखा हुआ बकरा पालने का मौका मिला है. वह मानते हैं कि बकरे के बदन पर लिखा हुआ अल्लाह का नाम बड़ा ही अजीम है और बकरे को अल्लाह की राह पर कुर्बान कर देना इससे भी ज़ियादा अजीम है.

बाइट - सरवर पठान बकरे के मालिक

बाइट रियाजुद्दीन मलिक इस्लाम के जानकार


Conclusion:दरअसल हर जानवर में अलग अलग पैदाइशी रंग होते हैं और जींस की मौजूदगी इनके शरीर में इनके बालों के रंग का निर्धारण करते हैं. यह महक इत्तेफाक ही है की बकरे के बदन पर बने अक्स को लोग अल्लाह पढ़ रहे हैं. ईद के मौके पर यह बकरा कुर्बान तो नहीं किया गया लेकिन लोगों के आकर्षण का केंद्र जरूर बना हुआ है.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत दमोह
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