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इतिहास के पन्नों में कहीं गुम न जाए विरासत, अपना वजूद तलाश रहा ये किला - ऐतिहासिक विरासत

प्रदेश में ऐसे कई किलें हैं जो अपने आप में कई इतिहास समेटे हुए हैं. दमोह का भिलोनी किला भी बेहद खूबसूरत है. इस किले का निर्माण राजस्व वसूलने के लिए हुआ था.

भिलोनी का ऐतिहासिक किला
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Published : Nov 17, 2019, 12:54 PM IST

Updated : Nov 17, 2019, 3:36 PM IST

दमोह। प्रदेश का इतिहास किलों से भरा पड़ा हुआ है. राजाओं- महाराजाओं के दौर में बनाए गए कई किले आज भी इतिहास के साक्षी हैं. जिनमें से कुछ प्राचीन किले आज भी सुरक्षित हैं और कुछ खंडहर में तब्दील हो गए हैं. प्रदेश के सुरक्षित किलों में से कई किले दमोह जिले में मौजूद हैं. हम बात कर रहे हैं, जिले के हटा में मौजूद भिलोनी के किले की.

भिलोनी का ऐतिहासिक किला

भिलोनी का ये किला लंबे वक्त से पुरातत्व विभाग के अधीन है. जिसके चलते ये किला अभी भी सुरक्षित और व्यवस्थित बना हुआ है. इस किले तक अच्छी सड़क ना होने के कारण, पर्यटक यहां पहुंच नहीं पाते, लेकिन प्रदेश में मौजूद ऐतिहासिक किलों में ये किला अभी भी अपनी पहचान बरकरार रखे हुए है.

राजस्व वसूलने के लिए बना था किला
ये किला प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के नायक, शाहगढ़ राज्य के राजा बखतबली शाह के राजस्व अधिकारी फतेह सिंह ने बनवाया था. इस किले में राज्य का राजस्व वसूलने वाले अधिकारी रहते थे.

16वीं शताब्दी का है किला
इस किले का निर्माण16 वीं शताब्दी में हुआ था. जिसके बाद से ये किला आज भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. मौजूदा स्थिति में ये किला पर्यटन के दृष्टिकोण से प्रमुख पर्यटन स्थल माना जाता है. लेकिन किले तक पहुंचने के लिए उचित मार्ग न होने के कारण पर्यटकों का आना कम होता है.

समृद्ध परंपरा को बयां करता किला
ये किला जिले की ऐतिहासिक विरासत के साथ समृद्ध परंपरा को बयां करता है. ऐसे हालात में इस किले तक पहुंच मार्ग होने की जरूरत है, जिससे पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हो सके. जिले में और भी ऐसे किले मौजूद हैं जो अपने में ऐतिहासिक परंपरा और विरासत को आज भी सहेजे हुए हैं.

इस किले के बारे में पुरातत्व अधिकारी का कहना हैं कि ये जिले का सबसे संरक्षित स्मारक है, लेकिन संरक्षण के लिए कुछ मूलभूत सुविधाओं की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इस किले तक पहुंच मार्ग ना होने के कारण पर्यटकों की संख्या कम है. ऐसे में यहां मूलभूत सुविधाओं के मुहैया हो जाने पर पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी. साथ ही यहां आने वाले पर्यटक जिले की धरोहर और विरासत को जान सकेंगे.

दमोह। प्रदेश का इतिहास किलों से भरा पड़ा हुआ है. राजाओं- महाराजाओं के दौर में बनाए गए कई किले आज भी इतिहास के साक्षी हैं. जिनमें से कुछ प्राचीन किले आज भी सुरक्षित हैं और कुछ खंडहर में तब्दील हो गए हैं. प्रदेश के सुरक्षित किलों में से कई किले दमोह जिले में मौजूद हैं. हम बात कर रहे हैं, जिले के हटा में मौजूद भिलोनी के किले की.

भिलोनी का ऐतिहासिक किला

भिलोनी का ये किला लंबे वक्त से पुरातत्व विभाग के अधीन है. जिसके चलते ये किला अभी भी सुरक्षित और व्यवस्थित बना हुआ है. इस किले तक अच्छी सड़क ना होने के कारण, पर्यटक यहां पहुंच नहीं पाते, लेकिन प्रदेश में मौजूद ऐतिहासिक किलों में ये किला अभी भी अपनी पहचान बरकरार रखे हुए है.

राजस्व वसूलने के लिए बना था किला
ये किला प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के नायक, शाहगढ़ राज्य के राजा बखतबली शाह के राजस्व अधिकारी फतेह सिंह ने बनवाया था. इस किले में राज्य का राजस्व वसूलने वाले अधिकारी रहते थे.

16वीं शताब्दी का है किला
इस किले का निर्माण16 वीं शताब्दी में हुआ था. जिसके बाद से ये किला आज भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. मौजूदा स्थिति में ये किला पर्यटन के दृष्टिकोण से प्रमुख पर्यटन स्थल माना जाता है. लेकिन किले तक पहुंचने के लिए उचित मार्ग न होने के कारण पर्यटकों का आना कम होता है.

समृद्ध परंपरा को बयां करता किला
ये किला जिले की ऐतिहासिक विरासत के साथ समृद्ध परंपरा को बयां करता है. ऐसे हालात में इस किले तक पहुंच मार्ग होने की जरूरत है, जिससे पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हो सके. जिले में और भी ऐसे किले मौजूद हैं जो अपने में ऐतिहासिक परंपरा और विरासत को आज भी सहेजे हुए हैं.

इस किले के बारे में पुरातत्व अधिकारी का कहना हैं कि ये जिले का सबसे संरक्षित स्मारक है, लेकिन संरक्षण के लिए कुछ मूलभूत सुविधाओं की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इस किले तक पहुंच मार्ग ना होने के कारण पर्यटकों की संख्या कम है. ऐसे में यहां मूलभूत सुविधाओं के मुहैया हो जाने पर पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी. साथ ही यहां आने वाले पर्यटक जिले की धरोहर और विरासत को जान सकेंगे.

Intro:भिलोनी का यह ऐतिहासिक किला आज भी है एएसआई का संरक्षित स्मारक

इस किले तक बन जाए पहुंच मार्ग तो पर्यटकों को पहुंचने में होगी आसानी

राजा के राजस्व अधिकारी ने बनाया था रहने के लिए यह किला

Anchor. दमोह जिले की हटा विधानसभा के अंतर्गत आने वाले भिलोनी का यह किला वर्तमान में पुरातत्व विभाग के अधीन है. लेकिन इस किले तक पहुंचने के लिए पहुंच मार्ग ना होने के कारण लोग यहां तक नहीं पहुंच पाते. लेकिन दमोह जिले में मौजूद ऐतिहासिक किलों में यह किला अभी भी अपनी पहचान बरकरार रखे हुए हैं.


Body:Vo. शाहगढ़ राज्य के राजा बखत बली शाह के राजस्व अधिकारी फतेह सिंह के द्वारा यह किला बनाया गया था. यह किला राजस्व वसूलने के लिए प्रमुख रूप से जाना जाता था. मतलब साफ है कि राजा के अधीन आने वाले राजस्व अधिकारी के माध्यम से इस किले का निर्माण कराया गया और यह किला अपने आप में उस वक्त की विरासत को बयां करता है. 16 वीं शताब्दी में इस किले का निर्माण हुआ था. जिसके बाद यह किला आज भी लोगों के आकर्षण का केंद्र है. वर्तमान में यह किला पर्यटन के दृष्टिकोण से प्रमुख स्थान माना जा सकता है. लेकिन पहुंच मार्ग नहीं होने के कारण लोगों का आवागमन कम होता है. पुरातत्व अधिकारी कहते हैं कि यह जिले में सबसे संरक्षित स्मारक है. जिसके संरक्षण की आवश्यकता है. यदि इसको पर्यटन से जोड़ दिया जाए तो निश्चित ही लोग जिले की विरासत को पहचान सकेंगे.

बाइट - सुरेंद्र चौरसिया पुरातत्व अधिकारी दमोह


Conclusion:Vo. यह किला दमोह जिले की ऐतिहासिक समृद्ध परंपरा को बयां करता है. ऐसे हालात में इन किलो के संरक्षण की दरकार भी है. यदि किलो का संरक्षण कर दिया जाए तो लोग यहां पर पर्यटन के लिए आने लगेंगे. साथ ही यहां पर संरक्षित किले में होने वाली गतिविधियों को जान भी सकेंगे. दमोह जिले में और भी ऐसे किले हैं जो जिले की ऐतिहासिक परंपरा को आज भी सहेजे हुए हैं. जिनमें से यह किला भी नामचीन है.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत दमोह
Last Updated : Nov 17, 2019, 3:36 PM IST
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