दमोह। प्रदेश का इतिहास किलों से भरा पड़ा हुआ है. राजाओं- महाराजाओं के दौर में बनाए गए कई किले आज भी इतिहास के साक्षी हैं. जिनमें से कुछ प्राचीन किले आज भी सुरक्षित हैं और कुछ खंडहर में तब्दील हो गए हैं. प्रदेश के सुरक्षित किलों में से कई किले दमोह जिले में मौजूद हैं. हम बात कर रहे हैं, जिले के हटा में मौजूद भिलोनी के किले की.
भिलोनी का ये किला लंबे वक्त से पुरातत्व विभाग के अधीन है. जिसके चलते ये किला अभी भी सुरक्षित और व्यवस्थित बना हुआ है. इस किले तक अच्छी सड़क ना होने के कारण, पर्यटक यहां पहुंच नहीं पाते, लेकिन प्रदेश में मौजूद ऐतिहासिक किलों में ये किला अभी भी अपनी पहचान बरकरार रखे हुए है.
राजस्व वसूलने के लिए बना था किला
ये किला प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के नायक, शाहगढ़ राज्य के राजा बखतबली शाह के राजस्व अधिकारी फतेह सिंह ने बनवाया था. इस किले में राज्य का राजस्व वसूलने वाले अधिकारी रहते थे.
16वीं शताब्दी का है किला
इस किले का निर्माण16 वीं शताब्दी में हुआ था. जिसके बाद से ये किला आज भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. मौजूदा स्थिति में ये किला पर्यटन के दृष्टिकोण से प्रमुख पर्यटन स्थल माना जाता है. लेकिन किले तक पहुंचने के लिए उचित मार्ग न होने के कारण पर्यटकों का आना कम होता है.
समृद्ध परंपरा को बयां करता किला
ये किला जिले की ऐतिहासिक विरासत के साथ समृद्ध परंपरा को बयां करता है. ऐसे हालात में इस किले तक पहुंच मार्ग होने की जरूरत है, जिससे पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हो सके. जिले में और भी ऐसे किले मौजूद हैं जो अपने में ऐतिहासिक परंपरा और विरासत को आज भी सहेजे हुए हैं.
इस किले के बारे में पुरातत्व अधिकारी का कहना हैं कि ये जिले का सबसे संरक्षित स्मारक है, लेकिन संरक्षण के लिए कुछ मूलभूत सुविधाओं की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इस किले तक पहुंच मार्ग ना होने के कारण पर्यटकों की संख्या कम है. ऐसे में यहां मूलभूत सुविधाओं के मुहैया हो जाने पर पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी. साथ ही यहां आने वाले पर्यटक जिले की धरोहर और विरासत को जान सकेंगे.