दमोह। जेल में एक कैदी की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई, जिसके बाद प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. वहीं, परिजनों ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कैदी यहां करीब 45 दिन से बंद था.
- मौत के कारणों का खुलासा नहीं
कैदी को सुबह करीब 7:30 बजे जेल से अचानक जिला अस्पताल लाया गया. वहां डॉक्टर ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया. कैदी को की मौत कोरोना से हुई है, या फिर कोई गंभीर बीमारी थी. इसका खुलास जेल प्रशासन नहीं कर रहा है. जेलर ने भी किसी से मिलने से इनकार कर दिया है, जिसके कारण पूरा मामला संदिग्ध बन गया है. जिला प्रशासन ने शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया है.
- जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप
कैदी के नाती भरत सिंह ने आरोप लगाया कि उसके नाना 45 दिन से जेल में बंद थे. कैदियों द्वारा उनसे मारपीट कर रुपयों की मांग की जाती थी, क्योंकि वह पैसा जेल प्रशासन को जाता है. जेल में अवैध वसूली होती है, उसके नाना की मौत कैसी हुई इस बात की जानकारी और सूचना भी उन्हें नहीं दी गई. वह बीमार थे या उनके साथ मारपीट हुई है, या फिर किसी अन्य कारण से उनकी मौत हुई. इसकी जानकारी प्रशासन नहीं बता रहा है.
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- हत्या के मामले में सजा काट रहा था कैदी
तेजगढ़ थाना प्रभारी विकास सिंह चौहान ने बताया कि पिछले साल जुलाई में 9 लोगों ने मिलकर ग्राम के एक दलित की हत्या कर दी थी. उस मामले में मृतक कैदी का बेटा सुरेंद्र सिंह सहित छह अन्य लोगों की गिरफ्तारी हो गई थी. उसके बाद फरवरी में चुन्नू नाम के एक अन्य व्यक्ति और इसी साल मार्च के महीने में कैदी की गिरफ्तारी की गई थी.