दमोह। देश में लॉकडाउन दो हफ्ते के लिए और बढ़ा दिया गया है. लेकिन लॉकडाउन के चलते अब किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लॉकडाउन बढ़ने से गन्ने की खेती करने वाले किसानों की चिंता और बढ़ गई है. क्योंकि किसानों को हर दिन लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है.
दमोह जिले के ग्रामीण अंचलों में हजारों किसान ऐसे हैं, जो अपने खेतों में गन्ने की फसल लगाते हैं. आमतौर पर नवरात्रि तक इनकी पूरी फसल बिक जाती थी. वहीं भीषण गर्मी के दौर में लोगों को राहत देने के लिए गन्ने के रस की अच्छी खासी डिमांड होती है. लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते जहां बाजार पूरी तरह से बंद है. वहीं गन्ने का रस भी नहीं बेचा जा रहा है. जिससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है.
खेतों में ही खराब हो रहा गन्ना
किसानों का कहना है कि गन्ना अब अपनी अधिकतम ऊंचाई पर पहुंच चुका है. जो धीरे-धीरे खेत में लगे लगे ही खराब हो रहा है. किसानों का कहना है इस साल लाखों का नुकसान हो रहा है. अब उनके सामने इस गन्ने को जलाने के अलावा कोई और उपाय नहीं है. ऐसे में सरकार भी इनकी ओर ध्यान नहीं दे रही. किसानों का मानना है कि बाकी फसलों के लिए तो सरकार ने नियम बना दिए हैं. बिक्री भी जारी है. लेकिन गन्ना किसानों के लिए राहत की कोई भी खबर अभी तक नहीं आई.
किसानों कहना है कि अगर गन्ने की पिराई समय से नहीं हुई तो आने वाले समय में शक्कर, गुढ़ और गन्ने से बनने वाली वस्तुओं के दाम भी बढ़ेंगे. जिसका असर सभी पर पड़ेगा. किसानों ने सरकार से गुहार लगाई है कि जल्द ही उनके लिए भी कोई ठोस कदम उठाए जाए. ताकि उनके गन्ने की फसल इस बार खराब होने से बच सके.