दमोह। उज्ज्वल भविष्य के लिए पढ़ना जरूरी है और पढ़ने के लिए स्कूल जाना जरूरी, लेकिन मौत का दरिया पारकर कैसे पढ़ें हम, ये सवाल छात्रों के मन में बना हुआ है. यह तस्वीरें हैं दमोह जिले के पथरिया की, जहां के छात्र और रहवासी हर बारिश में पिछले कई सालों से जान हथेली पर लेकर इसी तरह आना-जाना करते हैं. प्रदेश में हुई बारिश के बाद कई जिलों में नदी-नाले उफान पर हैं. रहवासी इलाके से गुजरने वाले नाले पर स्थायी पुल नहीं होने के कारण लोग इसी तरह लकड़ी का पुल बनाकर नाला पार करने को मजबूर हैं.
यह तस्वीर देखकर आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि देश के आने वाले भविष्य की जान पर किस तरह खतरा मंडरा रहा है. छात्र-छात्राओं का कहना है कि वह हर रोज इसी तरह अपनी जान को जोखिन में डालकर स्कूल जाने को मजबूर हैं और अगर ऐसे में कोई बड़ा हदासा होता है, तो इसकी जिम्मदारी शासन-प्रशासन की होगी. सरकार छात्रों और विकास को लेकर कई दावे करती है, ऐसे में यह तस्वीरें दावों की पोल खोलती नजर आ रही है.
पथरिया विकासखंड के अंतर्गत आने वाले पिपरिया गांव के ग्रामीणों का कहना है कि करीब 10 सालों से इस इलाके से बहने वाले नाले पर पुल बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ प्रशासन के लोग भी उनकी मांगों को नजरअंदाज करते आ रहे हैं, ऐसे में हर बारिश में पूरे गांव के लोग अपनी जान जोखिम में डालकर लकड़ी का पुल पार करते हैं. साथ ही ग्रामीणों का कहना है कि वोट मांगने के लिए आने वाले नेता समस्या का समाधान करने का आश्वासन देते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होते ही वादे भूल जाते हैं.
वहीं प्रशासन भी बारिश के दिनों में समस्या के समाधान का आश्वासन देता है. पर नाले में पानी कम होते ही सारी समस्याएं अपने आप खत्म हो जाती है. देखना होगा विकास के दावों की पोल खोलती इस तस्वीर के सामने आने के बाद प्रशासन किस तरह कार्रवाई करता है.