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सिद्धार्थ मलैया नहीं लड़ेंगे चुनाव, कहा- पिता और पार्टी का आदेश सर्वोपरि - सिद्धार्थ मलैया नहीं लड़ेंगे चुनाव

पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है, उनका कहना है कि पिता और पार्टी का आदेश सर्वोपरि है.

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सिद्धार्थ ने चुनाव न लड़ने का लिया फैसला
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Published : Mar 25, 2021, 8:13 PM IST

दमोह। प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के बेटे और युवा भाजपा नेता सिद्धार्थ मलैया ने तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया है. उनके इस फैसले से उनके समर्थक भले ही नाराज हो गए हैं, लेकिन सिद्धार्थ का कहना है कि उनके पिता और पार्टी का आदेश उनके लिए सर्वोपरि है. पिछले कुछ महीनों से चुनाव प्रत्याशी और चुनाव लड़ने को लेकर चल रही रस्साकशी गरुवार को सिद्धार्थ मलैया की एक घोषणा के साथ ही खत्म हो गई.

सिद्धार्थ ने चुनाव न लड़ने का लिया फैसला
  • पिता और पार्टी का आदेश सर्वोपरि- सिद्धार्थ मलैया

युवा नेता सिद्धार्थ मलैया ने गरुवार को मीडिया से बात करते हुए चुनाव लड़ने की सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है. सिद्धार्थ ने कहा कि वह अपने पिता और पार्टी के आदेश पर चुनाव न लड़ने का फैसला कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ना चाहते थे. लेकिन अब वह पार्टी के लिए काम करेंगे. एक सवाल के जवाब में सिद्धार्थ ने कहा कि यदि पार्टी उन्हें जवाबदारी देगी. तो वह पूरी निष्ठा और विश्वास के साथ काम करेंगे.

  • पद लेकर छोटा नहीं बनना चाहता- सिद्धार्थ मलैया

यह पूछे जाने पर की देरी से फैसला क्यों लिया ? तो उन्होंने कहा कि वह चुनाव लड़ना चाहते थे. लेकिन वह पार्टी के फैसले के साथ खड़े हैं. वे अपने वार्ड में रहकर काम करेंगे और भाजपा प्रत्याशी को चुनाव में जीत दिलाएंगे. दो-तीन दिनों से निगम अध्यक्ष का पद देने की अफवाहों के बीच सिद्धार्थ ने कहा कि वह पद के लिए काम नहीं करते हैं. लेकिन उनके परिवार और उनका विश्वास काम करने पर रहा है. पद लेकर वह छोटा बनना नहीं चाहते हैं.

  • घोषणाओं के क्या हैं मायने ?

सिद्धार्थ मलैया की इस घोषणा के पीछे पार्टी का दबाव और उनके पिता की इच्छा बताई जा रही है. गौरतलब है, कि पिछले दिनों पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया ने दमोह में रहने के दौरान कहा था कि वह भाजपा में थे, भाजपा में हैं और भाजपा में ही रहेंगे. और परिवार की भूमिका के सवाल पर कहा था कि वह क्या करेंगे. यह वही लोग बताएंगे. उनका मतलब यही था कि वह सिद्धार्थ मलैया के चुनाव लड़ने के फैसले से खुश नहीं थे.

चुनाव तो BJP के ही टिकट पर लड़ना चाहता हूं: सिद्धार्थ मलैया

  • सिद्धार्थ मलैया के कार्यकर्ता निराश

सिद्धार्थ की कॉन्फ्रेंस के दौरान गरुवार को मलैया मिल परिसर में बड़ी संख्या में उनके कार्यकर्ता और समर्थक मौजूद थे. उनकी घोषणा के बाद वह मायूस और निराश हो गए. कार्यकर्ता चाहते थे कि वह चुनाव लड़ें. जबकि सिद्धार्थ ने स्पष्ट किया कि उन्होंने आशीर्वाद यात्रा रद्द नहीं की है. केवल कुछ समय के लिए स्थगित कर दी है और वह आगे जारी रहेगी.

  • चुनाव का समीकरण बदला

सिद्धार्थ मलैया के चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा के बाद अब यह तय हो गया है कि मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही रहेगा. अभी तक यह कयास लगाए जा रहे थे कि अगर सिद्धार्थ मलैया चुनाव लड़ते हैं तो इससे भाजपा को नुकसान होने की संभावना थी. क्योंकि उनके चुनाव लड़ने से पूरा मुकाबला त्रिकोणीय बन जाता. लेकिन उन्होंने चुनाव न लड़ने की बात कहकर पूरे चुनाव के समीकरण बदल दिए हैं.

दमोह। प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के बेटे और युवा भाजपा नेता सिद्धार्थ मलैया ने तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया है. उनके इस फैसले से उनके समर्थक भले ही नाराज हो गए हैं, लेकिन सिद्धार्थ का कहना है कि उनके पिता और पार्टी का आदेश उनके लिए सर्वोपरि है. पिछले कुछ महीनों से चुनाव प्रत्याशी और चुनाव लड़ने को लेकर चल रही रस्साकशी गरुवार को सिद्धार्थ मलैया की एक घोषणा के साथ ही खत्म हो गई.

सिद्धार्थ ने चुनाव न लड़ने का लिया फैसला
  • पिता और पार्टी का आदेश सर्वोपरि- सिद्धार्थ मलैया

युवा नेता सिद्धार्थ मलैया ने गरुवार को मीडिया से बात करते हुए चुनाव लड़ने की सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है. सिद्धार्थ ने कहा कि वह अपने पिता और पार्टी के आदेश पर चुनाव न लड़ने का फैसला कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ना चाहते थे. लेकिन अब वह पार्टी के लिए काम करेंगे. एक सवाल के जवाब में सिद्धार्थ ने कहा कि यदि पार्टी उन्हें जवाबदारी देगी. तो वह पूरी निष्ठा और विश्वास के साथ काम करेंगे.

  • पद लेकर छोटा नहीं बनना चाहता- सिद्धार्थ मलैया

यह पूछे जाने पर की देरी से फैसला क्यों लिया ? तो उन्होंने कहा कि वह चुनाव लड़ना चाहते थे. लेकिन वह पार्टी के फैसले के साथ खड़े हैं. वे अपने वार्ड में रहकर काम करेंगे और भाजपा प्रत्याशी को चुनाव में जीत दिलाएंगे. दो-तीन दिनों से निगम अध्यक्ष का पद देने की अफवाहों के बीच सिद्धार्थ ने कहा कि वह पद के लिए काम नहीं करते हैं. लेकिन उनके परिवार और उनका विश्वास काम करने पर रहा है. पद लेकर वह छोटा बनना नहीं चाहते हैं.

  • घोषणाओं के क्या हैं मायने ?

सिद्धार्थ मलैया की इस घोषणा के पीछे पार्टी का दबाव और उनके पिता की इच्छा बताई जा रही है. गौरतलब है, कि पिछले दिनों पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया ने दमोह में रहने के दौरान कहा था कि वह भाजपा में थे, भाजपा में हैं और भाजपा में ही रहेंगे. और परिवार की भूमिका के सवाल पर कहा था कि वह क्या करेंगे. यह वही लोग बताएंगे. उनका मतलब यही था कि वह सिद्धार्थ मलैया के चुनाव लड़ने के फैसले से खुश नहीं थे.

चुनाव तो BJP के ही टिकट पर लड़ना चाहता हूं: सिद्धार्थ मलैया

  • सिद्धार्थ मलैया के कार्यकर्ता निराश

सिद्धार्थ की कॉन्फ्रेंस के दौरान गरुवार को मलैया मिल परिसर में बड़ी संख्या में उनके कार्यकर्ता और समर्थक मौजूद थे. उनकी घोषणा के बाद वह मायूस और निराश हो गए. कार्यकर्ता चाहते थे कि वह चुनाव लड़ें. जबकि सिद्धार्थ ने स्पष्ट किया कि उन्होंने आशीर्वाद यात्रा रद्द नहीं की है. केवल कुछ समय के लिए स्थगित कर दी है और वह आगे जारी रहेगी.

  • चुनाव का समीकरण बदला

सिद्धार्थ मलैया के चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा के बाद अब यह तय हो गया है कि मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही रहेगा. अभी तक यह कयास लगाए जा रहे थे कि अगर सिद्धार्थ मलैया चुनाव लड़ते हैं तो इससे भाजपा को नुकसान होने की संभावना थी. क्योंकि उनके चुनाव लड़ने से पूरा मुकाबला त्रिकोणीय बन जाता. लेकिन उन्होंने चुनाव न लड़ने की बात कहकर पूरे चुनाव के समीकरण बदल दिए हैं.

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