दमोह। विश्व प्रसिद्ध जैन तीर्थ क्षेत्र कुंडलपुर ट्रस्ट कमेटी के चुनाव संपन्न हो गए. इसमें बड़ा उलटफेर हो गया. चुनाव में 28 साल बाद अध्यक्ष को मतदाताओं ने बदल दिया. जैन तीर्थ क्षेत्र कुंडलपुर ट्रस्ट कमेटी के चुनाव को लेकर देशभर के जैन समाज की निगाहें लगी हुई थीं. मंगलवार को हुए मतदान एवं मतगणना के बाद चंद्र कुमार सराफ ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी संतोष सिंघई को करारी शिकस्त देते हुए अध्यक्ष पद पर कब्जा जमा लिया.
28 साल तक अध्यक्ष रहने का रिकॉर्ड : गौरतलब है कि संतोष सिंघई लगातार पांच बार ट्रस्ट कमेटी के अध्यक्ष बने रहे. उन्होंने 28 साल तक एकछत्र अध्यक्ष रहने का रिकॉर्ड कायम किया. इस बड़े उलटफेर के बाद लोग सहसा विश्वास नहीं कर पा रहे हैं कि नए प्रतिद्वंदी ने उन्हें कैसे शिकस्त दे दी. चुनाव को लेकर लंबे समय से चल रही सरगर्मी अब शांत हो गई. मतदान लेकर दमोह जिले से ही नहीं बल्कि कई जिलों से लोग मतदान प्रक्रिया देखने एवं परिणाम जानने के लिए कुंडलपुर पहुंचे.
95 प्रतिशत हुआ मतदान : श्री दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र कुंडलपुर कमेटी अध्यक्ष पद के चुनाव प्रक्रिया में में 845 मतदाताओं ने अपने मतों का प्रयोग किया। मतदान सायं 5 बजे तक मत चला. कुंडलपुर क्षेत्र कमेटी के 1018 सदस्यों में से लगभग 129 सदस्यों की मृत्यु हो चुकी है, जिससे मतदान की प्रक्रिया से उन सदस्यों के नाम विलोपित कर दिए गए. शेष बचे 879 सदस्यों में से 843 लोगों लगभग 95 प्रतिशत अध्यक्ष पद के लिए मतदान किया गया. चंद्र कुमार सराफ ने 158 मतों से संतोष सिंघई को परास्त किया है.
इसलिए हारे संतोष सिंघई : बड़े बाबा का आशीर्वाद बताया : परिणामों की घोषणा के बाद विजयी प्रत्याशी चंद्र कुमार सराफ ने कहा कि यह जैन समाज के मतदाताओं का स्नेह एवं बड़े बाबा का आशीर्वाद है. वह क्षेत्र की विकास एवं समाज को ऊपर उठाने के लिए काम करेंगे. संतोष सिंघई के चुनाव हारने को लेकर एक बड़ा कारण जैन समाज की उनके प्रति नाराजगी थी. दरअसल, इसी साल फरवरी में संपन्न हुए गजरथ एवं पंचकल्याणक महोत्सव में आमजन को कार्यक्रम में किसी तरह की भागीदारी नहीं मिल पाई. इसके अलावा परिवार एवं अपने खास लोगों की मनमानी से दमोह सहित अन्य जिलों के लोग भी नाराज थे. इसका खामियाजा हार के रूप में सामने आया. ( Jain Tirth Kshetra Kundalpur Trust election) (Santosh Singhai lost chairman 28 years) (Chandra Kumar Saraf won election)