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जब जनता ने उठाया शहर सुधारने का जिम्मा तो जिम्मेदारों ने शर्म के मारे किया श्रमदान

दमोह के हटा में शहर वासियों ने जिम्मदारों की अनदेखी के बाद सफाई, पानी और अन्य समस्याओं निपटने का जिम्मा खुद उठाया और अस्पताल, तलाब समेत कई जगहों पर सफाई अभियान चलाया.

मूलभूत सुविधाओं के लिये तरस रहा हटा
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Published : Jun 10, 2019, 5:44 AM IST

Updated : Jun 10, 2019, 6:20 AM IST

दमोह। जिले के हटा में शहर वासियों ने स्वावलंबन की एक मिसाल पेश की है. शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के शिकार हटा वासी पिछले कई साल से अपने शहर में साफ-सफाई, स्वास्थ्य और पानी की समस्या से निजात पाने जैसी कई मांगों को लेकर अड़े रहे लेकिन अधिकारियों की अनसुनी से तंग आकर लोगों ने खुद ही शहर में पनप रही समस्याओं से निपटने का बीड़ा उठा लिया.

शर्म के मारे जिम्मेदारों ने सर झुकाकर किया श्रमदान
इतना ही नहीं यहां के नगरवासियों ने जब खुद आगे आकर समस्याओं से निपटने की ठानी तो अधिकारी भी शर्म के मारे इनके पीछे आ गए और काम मे हाथ बटाने लगे. हटा के बाशिंदों ने सबसे पहले तालाब में श्रमदान करते हुए खुद फावड़ा शहर के तालाबों की सफाई की, इसके बाद जलसंकट से जूझ रहे हैं वार्डों की बावड़ियों में खुद के खर्चे पर हेंडपंप लगवाये, जिससे लोगों को पानी की समस्या से राहत मिले.

मूलभूत सुविधाओं के लिये तरस रहा हटा

अस्पताल में भी साफ सफाई
सरकारी अस्पताल में प्रबंधन के लिये फंड रहता है और मरम्मत के लिये पैसा भी आता है लेकिन वह पैसा अधिकारियों की मिलीभगत से बंदरबांट कर लिया जाता है, जिससे हटा अस्पताल की हालत खस्ता हो चली है. ऐसे में अस्पताल में लोगों ने जाकर साफ- सफाई, बंद पड़े कूलर-पंखों की मरम्मत की, चोक पड़े टैंक, नालियों की भी सफाई की और गड्डों में भरे गंदे पानी को जेसीबी की मदद से साफ कराया.
सरकार भले ही नागरिक कल्याण के लिये तरह-तरह की योजनाएं बना रही हो लेकिन इनके कारिंदे खुद योजनाओं को पलीता लगाते नजर आते हैं. हटा में पानी, स्वच्छता और स्वास्थ्य को लेकर असुविधायें नई नहीं हैं इन समस्याओं से शहर की जनता परेशान है और जबाबदेह चुप्पी साधे बैठे हैं.

दमोह। जिले के हटा में शहर वासियों ने स्वावलंबन की एक मिसाल पेश की है. शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के शिकार हटा वासी पिछले कई साल से अपने शहर में साफ-सफाई, स्वास्थ्य और पानी की समस्या से निजात पाने जैसी कई मांगों को लेकर अड़े रहे लेकिन अधिकारियों की अनसुनी से तंग आकर लोगों ने खुद ही शहर में पनप रही समस्याओं से निपटने का बीड़ा उठा लिया.

शर्म के मारे जिम्मेदारों ने सर झुकाकर किया श्रमदान
इतना ही नहीं यहां के नगरवासियों ने जब खुद आगे आकर समस्याओं से निपटने की ठानी तो अधिकारी भी शर्म के मारे इनके पीछे आ गए और काम मे हाथ बटाने लगे. हटा के बाशिंदों ने सबसे पहले तालाब में श्रमदान करते हुए खुद फावड़ा शहर के तालाबों की सफाई की, इसके बाद जलसंकट से जूझ रहे हैं वार्डों की बावड़ियों में खुद के खर्चे पर हेंडपंप लगवाये, जिससे लोगों को पानी की समस्या से राहत मिले.

मूलभूत सुविधाओं के लिये तरस रहा हटा

अस्पताल में भी साफ सफाई
सरकारी अस्पताल में प्रबंधन के लिये फंड रहता है और मरम्मत के लिये पैसा भी आता है लेकिन वह पैसा अधिकारियों की मिलीभगत से बंदरबांट कर लिया जाता है, जिससे हटा अस्पताल की हालत खस्ता हो चली है. ऐसे में अस्पताल में लोगों ने जाकर साफ- सफाई, बंद पड़े कूलर-पंखों की मरम्मत की, चोक पड़े टैंक, नालियों की भी सफाई की और गड्डों में भरे गंदे पानी को जेसीबी की मदद से साफ कराया.
सरकार भले ही नागरिक कल्याण के लिये तरह-तरह की योजनाएं बना रही हो लेकिन इनके कारिंदे खुद योजनाओं को पलीता लगाते नजर आते हैं. हटा में पानी, स्वच्छता और स्वास्थ्य को लेकर असुविधायें नई नहीं हैं इन समस्याओं से शहर की जनता परेशान है और जबाबदेह चुप्पी साधे बैठे हैं.

Intro:मूलभूत सुविधाओं के लिये तरस रहा हटा
समस्या बनी पहचान ग्रामीण परेशान
जनप्रतिनिधियों व शासन प्रशासन की उपेक्षा के बाद नगरवासियों ने समस्याओं से निपटने का खुद उठाया जिम्मा

Anchor. कहते है अगर किसी काम की ठान ली जाए तो बड़े से बड़ा काम भी आसान हो जाता है यह बात दमोह जिले के हटा के नगरवासियों पर एकदम सटीक बैठती हैं शासन प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का शिकार हटा वासी पिछले कई साल से मान - मनव्वल कर अपने नगर में साफ - सफाई स्वास्थ्य व्यवस्था,पानी की समस्या से निजात पाने जैसी कई मांगों को लेकर अड़े रहे और आवाज बुलंद की लेकिन किसी ने एक न सुनी तो नगरवासियों ने स्वयंं नगर में पनप रही समस्याओं से निपटने का बीड़ा अपने सर उठा लिया। यहा के नगरवासियों ने जब खुद आगे आकर समस्याओं से निपटने का बीड़ा उठाया तो अधिकारी भी शर्म के मारे इनके पीछे आ गए और इनके काम मे हाथ बटाने लगे लेकिन सरकारी कर्मचारियों की मदद से समस्याओं का निपटारा नही कराया


Body:Vo.हटा के बाशिंदों ने स्वयं ही नगर में पनप रही समस्याओं से निपटने का बीड़ा उठाया तो सबसे पहले तालाब में श्रमदान करते हुए ट्रेक्टर ट्राली से मिट्टी पाटकर खुद फावड़ा लेकर तालाब की सफाई की और तालाब को स्वच्छ साफ बनाने में लग गए और एक एक कर नगर के निम्न तालाबो की सफाई कर उन्हें गंदगी मुक्त किया।इसके बाद नगर के वो वार्ड जो जलसंकट से जूझ रहे हैं वहां के वार्डो की बावड़ियों में जगह जगह सवयं के व्यय पर हेण्डपम्प लगाए जिससे लोगो को पानी की समस्या से राहत मिले।इसके बाद हटा की सिविल अस्पताल में जाकर सभी ने साफ सफाई,बंद पड़े कूलर पंखों को चालू कर चोक पड़े टैंक नालियों की सफाई की और गड्डो में भरे गंदे पानी को जेसीबी मशीन के सहायता से उस जगह को स्वच्छ की,दरअसल सरकारी अस्पताल में फंड भी रहता है और मरम्मत के लिये पैसा भी आता है लेकिन वह पैसा अधिकारियों की मिलीभगत से बंदरबांट कर लिया जाता है जिससे हटा अस्पताल की हालत खस्ता हो चली है,,

बाईट/- चंद्रभान पटेल (नगरवासी हटा)

Conclusion:Vo.सरकार भले ही समूचे नागरिकों का कल्याण के लिये तरह तरह की योजनाएं बना रही हो लेकिन इनके कारिंदे खुद योजनाओं को पलीता लगाते नजर आते हैं हटा में शुरू से ही लोग पानी, स्वच्छता और अपने शहर की समस्याओं को लेकर काफि परेशान हैं जबाबदेह चुप्पी साधे बैठे हुए हैं।

बाईट/- श्रीराम पंन्या (नगरवासी हटा)
आकिब खान
हटा/दमोह
ईटीवी भारत
Last Updated : Jun 10, 2019, 6:20 AM IST
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