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जेल में बंद कैदियों से मिलने पहुंचीं बहनें, तिलक लगाकर मनाया भाई दूज का त्योहार

जिला जेल में बंद कैदियों से मिलने भाई दूज के मौके पर परिजन पहुंचे. इस मौके पर बहनों ने अपने भाइयों को टीका लगाकर भाईदूज का त्योहार मनाया.

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Published : Oct 29, 2019, 3:22 PM IST

Updated : Oct 29, 2019, 3:56 PM IST

जेल में भाई दूज मनाने पहुंची बहनें

दमोह। पूरे देश में भाई दूज का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस मौके पर जेल में बंद कैदियों से मिलने बड़ी संख्या में उनके परिजन पहुंचे. जेल प्रशासन ने केवल बहनों को ही कारागार के अंदर जाने की इजाजत दी.

जेल में भाई दूज मनाने पहुंची बहनें

भाई दूज का इंतजार बहनें हर साल करती हैं. जेल में बंद भाइयों से मिलने भी उनकी बहनें जेल पहुंचीं. यहां उन्होंने अपने भाइयों को टीका लगाया और मिठाई खिलाकर भाई- दूज का त्योहार मनाया. भाई का साथ पाकर बहनों के चेहरे खिल गए.

दमोह। पूरे देश में भाई दूज का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस मौके पर जेल में बंद कैदियों से मिलने बड़ी संख्या में उनके परिजन पहुंचे. जेल प्रशासन ने केवल बहनों को ही कारागार के अंदर जाने की इजाजत दी.

जेल में भाई दूज मनाने पहुंची बहनें

भाई दूज का इंतजार बहनें हर साल करती हैं. जेल में बंद भाइयों से मिलने भी उनकी बहनें जेल पहुंचीं. यहां उन्होंने अपने भाइयों को टीका लगाया और मिठाई खिलाकर भाई- दूज का त्योहार मनाया. भाई का साथ पाकर बहनों के चेहरे खिल गए.

Intro:भाई दूज के अवसर पर जिला जेल में बंदियों की कराई गई परिजनों से मुलाकात

जेलर ने माना नहीं की गई कोई व्यवस्था

परिजनों से जेल के बाहर एवं केवल बहनों को टीका करने ले जाया जा रहा अंदर

Anchor. दमोह जिला जेल में भाई दूज के अवसर पर लगातार कई वर्षों से बंदियों से मुलाकात करने की परिपाटी चली आ रही है. जिला जेल में बंद बंदियों से उनके परिजन एवं उनकी बहनें मिलकर के टीका लगाती हैं. लेकिन कुछ वर्षों से निर्देश के बाद अब बाहर से ही बंदियों से उनके परिजनों की मुलाकात कराई जाती है. इसके लिए भी जिला जेल प्रशासन कोई व्यवस्था नहीं करता.


Body:Vo. जेल में बंद बंदियों के लिए हर तीज त्यौहार उनके परिजनों से मुलाकात का अवसर लेकर आता है. जिसको लेकर जेल प्रशासन कुछ वर्षों तक व्यवस्थाएं करता रहा है. लेकिन बीते कुछ सालों से निर्देश के बाद अब जेल के अंदर जाकर बंदियों से परिजनों की मुलाकात नहीं कराई जाती. बल्कि बाहर से ही उनकी मुलाकात कराई जाती है. ऐसा नियम आ जाने के बाद जिला जेल प्रशासन परिजनों के लिए भी परिसर में कोई व्यवस्था नहीं करता. जिला जेलर खुद मानते हैं कि त्योहारों पर बंदियों से मिलने के लिए कोई व्यवस्था नहीं होती. वे केवल बाहर से ही परिजनों की बंदियों से मुलाकात करा देते हैं. वहीं यदि बहने टीका लगाना चाहती हैं. तो वे जेल के अंदर एक हिस्से तक उनको ले जाते हैं. जहां से टीका आदि लगाकर वापस कर देते हैं. दोज के दौरान बड़ी संख्या में बंधुओं से मिलने के लिए उनके परिजन जेल परिसर में एकत्रित नजर आए.

बाइट रामलाल सेलम जेलर दमोह


Conclusion:Vo. दोज के अवसर पर जेल में बंद बंदियों से मुलाकात के लिए परंपरा तो रखी गई है. लेकिन उनसे मिलने के लिए आने वाले परिजनों के लिए कोई व्यवस्था ना किया जाना जेल प्रशासन की नियमावली पर भी सवाल खड़े करता है. ऐसे हालात में बंदियों के परिजन परिसर में बैठे अपनी बारी का इंतजार भी करते नजर आए.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत दमोह
Last Updated : Oct 29, 2019, 3:56 PM IST
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