दमोह। सिंग्रामपुर में आज सिंगौरगढ़ किले का संरक्षण कार्य का शिलान्यास एवं राज्य स्तरीय जनजातीय सम्मेलन आयोजित किया गया. जिसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बतौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की. इस मौके पर राष्ट्रपति ने अन्य कार्यों का भी शिलान्यास किया.
- खुद को सौभाग्यशाली महसूस कर रहा
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज जबलपुर से सेना के विशेष हेलीकॉप्टर द्वारा जलहरी हेलीपैड पहुंचे. वह अपने समय से करीब 40 मिनट पहले सिंग्रामपुर पहुंच गए. यहां पर महामहिम राष्ट्रपति ने वीरांगना रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अपनी पुष्पांजलि अर्पित की. इसके बाद मुख्य कार्यक्रम में भाग लिया. इस अवसर पर राष्ट्रपति ने अपने उद्बोधन में कहा कि यदि उनके रहते देश में जनजातीय समुदाय की उपेक्षा होती है और उनकी भलाई का कोई कार्य नहीं कर पाते हैं, तो उनके राष्ट्रपति पद का कोई औचित्य नहीं है. महामहिम ने कहा कि वीरांगना दुर्गावती को मैं देवी मानता हूं और आज इस पावन धरा पर आकर, मैं अपने आप को सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस को तीन दिवस तक मनाए जाने के निर्णय कि मैं सराहना करता हूं. यह क्षेत्र काफी पिछड़ा हुआ है, लेकिन पर्यावरणीय और भूगर्भीय संपदाओं से भरा पड़ा है. यहां के जनजातीय समुदाय ने यहां की संपदा को बचाने का जो काम किया है, वह पूरे देश में अपने आप में एक मिसाल है. आने वाले समय में यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से सभी को अपनी ओर आकर्षित करेगा. अपने भाषण के दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का भी स्मरण किया.
- आदिवासियों से हमें सीखने की जरूरत
मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि आदिवासियों का वन्य प्राणियों और जंगल से सदियों से बहुत गहरा रिश्ता और लगाव रहा है. उन्होंने अपनी संस्कृति और कला को आज भी जीवित रखा है. उनसे हमें बहुत कुछ सीखने की जरूरत है. उन्होंने अपनी संस्कृति में बहुत सारी वन संपदा और जड़ी-बूटियों को उनकी उपयोगिता और उससे होने वाले लाभों को सहेज कर रखा है. उनको पहचान कर उसे आधुनिक रूप में रखना हम सबकी जिम्मेदारी है. आदिवासियों के ज्ञान से हमें सीखने की आवश्यकता है. आज प्रदेश की 20% से अधिक आबादी आदिवासी पर जनजातीय समुदाय की है, उन्हें विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ मिल रहा है. उन्हें और अधिक सरल और पारदर्शी बनाने की जरूरत है.
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- राज्य सरकार उठाएगी सारा खर्च
इस अवसर पर कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार आदिवासियों के हित संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है, प्रदेश सरकार द्वारा आदिवासी छात्र-छात्राओं को अपने क्षेत्र से बाहर जाकर पढ़ाई करने के लिए वजीफा दे रही है. अब उनके माता-पिता को चिंता करने की जरूरत नहीं है. राज्य सरकार सारा खर्च उठाएगी.
- छात्रों को किया सम्मानित
कार्यक्रम के दौरान मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 10 वीं एवं 12वीं की कक्षा में मेरिट में आने वाले 4 छात्र छात्राओं को मंच पर बुलाकर सम्मानित किया.
- विभिन्न निर्माण कार्यों की आधारशिला रखी
मंचीय कार्यक्रम से राष्ट्रपति ने रिमोट का बटन दबाकर विभिन्न निर्माण कार्यों की वर्चुअल आधारशिला रखी. उन्होंने करीब 30 करोड़ रुपए की लागत वाले सिंगौरगढ़ किले का संरक्षण कार्य, दमोह में 23.16 करोड़ रुपए की लागत से बेलाताल झील के सौंदर्यीकरण तथा उसके समीप ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय एवं राम मनोहर लोहिया की आदमकद प्रतिमा का लोकार्पण भी किया. इसके अलावा उन्होंने वेब पोर्टल आगम का लोकार्पण किया.