भोपाल। पांचवीं बार सांसद बने बीजेपी के कद्दावर नेता प्रहलाद सिंह पटेल को मोदी मंत्रिमंडल में जगह दी गई है. इससे पहले वे अटल सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं. मोदी कैबिनेट में शामिल होने के बाद उनके समर्थकों में खुशी का माहौल है.
नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव से हैं प्रहलाद
प्रहलाद पटेल मूलतः नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव निवासी हैं. 28 जून 1960 को जन्मे प्रहलाद एलएलबी के अलावा दर्शनशास्त्र से पोस्ट ग्रेजुएट हैं. रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने वाले प्रहलाद अब जबलपुर के शक्ति नगर में रहते हैं. प्रहलाद 1982 में बीजेपी युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष बनाए गए. 1985 में एक माह तक पदयात्रा कर जनचेतना रैली निकाली. 1986 से 1990 तक बीजेपी युवा मोर्चा के सचिव रहे. इसी समय प्रदेश युवा मोर्चा के महासचिव के रूप में सक्रियता दर्ज कराते रहे.
राजनीति की शुरूआत
प्रहलाद पटेल पहली बार 1989 में 9वीं लोकसभा के लिए सिवनी संसदीय सीट से निर्वाचित हुए. सन 1990 में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति स्थाई समिति के सलाहकार नियुक्त किए गए. 1996 में एक बार फिर सिवनी से सांसद निर्वाचित हुए. 1998 में नेहरू युवा केंद्र संगठन मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा महानिदेशक भी बनाए गए. 1999 में बालाघाट से फिर संसद पहुंचे. 2003 के लोकसभा चुनाव के बाद केंद्रीय राज्य मंत्री पद की शपथ ली. साल 2014 में दमोह संसदीय क्षेत्र से सांसद बने. 2015 में मणिपुर चुनाव के पहले वहां के प्रभारी बनाए गए. 2019 में एक बार फिर दमोह से सांसद बने और मोदी सरकार ने अपने मंत्रिमंडल में उन्हें शामिल किया.
ऐसा राजनीतिक सफर
प्रहलाद पटेल 8 बार चुनाव लड़े हैं, जिनमें से पांच बार उन्होंने जीत हासिल की. चार बार सिवनी संसदीय सीट से चुनाव लड़े हैं, जहां से दो बार 1989 और 1996 में चुनाव जीते और दो बार साल 1991 और 1998 में चुनाव हार गए थे. इसके बाद 1999 में बालाघाट से चुनाव जीतकर सांसद बने. 2004 में छिंदवाड़ा से वह चुनाव हार गए. 2008 में प्रहलाद पटेल ने कोई चुनाव नहीं लड़ा. इसके बाद 2014 में वे दमोह से सांसद बने, जबकि 2019 में एक बार फिर इसी सीट से जीतकर संसद पहुंचे हैं और उन्हें दूसरी बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह भी मिल गयी है.