दमोह। मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बेहाल है. आम लोगों को सरकारी सुविधाओं का लाभ कितना मिल रहा है इसका एक उदाहरण दमोह में देखने को मिला. यहां पर हालात इतने खराब हैं कि गंभीर मरीजों को भी सरकारी एंबुलेंस का लाभ नहीं मिल रहा है. हटा तहसील मुख्यालय में एक लकवा ग्रस्त (Paralysis Attack) बुजुर्ग को एंबुलेंस नहीं मिलने पर हाथ ठेले पर परिजनों ने उन्हें अस्पताल में लाकर भर्ती कराया. बुजुर्ग की हालत खराब थी और उसे तत्काल इलाज की जरूरत थी.(Poor Health Service in MP)
आखिर ठेला क्यों: सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रही है, लेकिन हालात फिर भी खराब हैं. हटा के चंडी वार्ड निवासी 72 वर्षीय कालू पटेल पिछले 15 दिन से लकवा पीड़ित है. शनिवार रात जब हालत बिगड़ गई और तकलीफ बढ़ गई तो परिजनों ने 108 सेवा पर कॉल किया, लेकिन एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हुआ. मजबूरन बेबस होकर मजदूर बेटे ने अपना हाथ ठेला उठाया और पिता को उसी पर लेटाकर रात में अस्पताल ले गया.
वीडियो स्वास्थ्य विभाग की सफाई: इस मामले का वीडियो सामने आने पर स्वास्थ्य विभाग इसपर सफाई देता नजर आ रहा है. मौके पर मौजूद ड्यूटी डॉक्टर विदेश शर्मा का कहना है कि मरीज का इलाज अस्पताल में पिछले कुछ दिनों से चल रहा है. पहले उसे दमोह भी रेफर किया जा चुका है. मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा है और गाड़ियां कम है, इसी वजह से मरीज को समय पर एंबुलेंस नहीं मिल पाई होगी.
फोन लगाया एंबुलेंस नहीं आई: मरीज के बेटे ने बताया कि उसके पिता 15 दिन से बीमार हैं. उन्हें लकवा मार दिया है. 108 एंबुलेंस पर जब फोन लगाया तो उन्होंने फोन उठाया, लेकिन वे आए नहीं. तब मजबूरी में मजदूर युवक को अपने पिता को हाथ ठेला पर अस्पताल लाना पड़ा. उसके पास रहने को घर भी नहीं है. एक जगह वे चौकीदारी करता है और वहीं पर अपने पिता को भी साथ रखे हुए है. (MP ambulance not found son brought father on handcraft)