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रिजल्ट पता चला तो लड़की ने खा लिया जहर, अस्पताल में भर्ती

दसवीं का रिजल्ट आने के बाद परिजनों ने छात्रा को अंधेरे में रखा था और उससे कहा था की वो पास हो गई है. लेकिन जब सच्चाई सामने आई तो छात्रा ने जहर खाकर अपनी जान देने की कोशिश की.

रिज्लट पता चला तो लड़की ने खा लिया जहर
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Published : Jul 15, 2019, 12:01 AM IST

Updated : Jul 15, 2019, 12:07 AM IST

दमोह| दमोह में एक छात्रा ने फेल होने की जानकारी मिलने पर खुदकुशी करने की कोशिश की है. छात्रा ने जहर खाकर जान दी है. बताया जा रहा है कि दसवीं का रिजल्ट आने के बाद परिजनों ने छात्रा को उसके फेल होने की जानकारी नहीं दी थी. छात्रा को इस बात की जब जानकारी लगी तो उसने जान देने की कोशिश की.

रिज्लट पता चला तो लड़की ने खा लिया जहर

दमोह जिले के बिलाई गांव की दसवीं में पढ़ने वाली एक छात्रा को उसके परिजनों ने पास होने की जानकारी दी, जबकि वह एक विषय में फेल हो गई थी. परिजनों ने आरोप है कि घर के लोग अपनी बेटी को आगे नहीं पढ़ाना चाहते थे. इस कारण से युवती को उसके फेल होने की जानकारी नहीं दी.

परिवार के आश्वासन के बाद वो भी पास होने की झूठी बात सुनकर खुश हो गई. लेकिन जब उसने मार्कशीट निकलवाकर रिजल्ट देखा तो एक विषय में वो फेल हो गई थी. जब उसे ये बात पता लगी की वो फेल हो गई है और सप्लीमेंट्री परीक्षा भी नहीं दे सकी, तो छात्रा ने जहर खा लिया. जिसके बाद परिजनों द्वारा उसे जिला अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया. जहां उसका इलाज किया जा रहा है.

ग्रामीण अंचलों में आज भी बच्चों की पढ़ाई के प्रति माता-पिता चिंतित नहीं हैं. यही कारण है कि दसवीं का परीक्षा परिणाम आने के बाद छात्रा को सही रिजल्ट नहीं बताया गया. यदि सही रिजल्ट बता दिया गया होता, तो छात्रा माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित होने वाली सप्लीमेंट्री की परीक्षा में बैठकर पास हो सकती थी.

दमोह| दमोह में एक छात्रा ने फेल होने की जानकारी मिलने पर खुदकुशी करने की कोशिश की है. छात्रा ने जहर खाकर जान दी है. बताया जा रहा है कि दसवीं का रिजल्ट आने के बाद परिजनों ने छात्रा को उसके फेल होने की जानकारी नहीं दी थी. छात्रा को इस बात की जब जानकारी लगी तो उसने जान देने की कोशिश की.

रिज्लट पता चला तो लड़की ने खा लिया जहर

दमोह जिले के बिलाई गांव की दसवीं में पढ़ने वाली एक छात्रा को उसके परिजनों ने पास होने की जानकारी दी, जबकि वह एक विषय में फेल हो गई थी. परिजनों ने आरोप है कि घर के लोग अपनी बेटी को आगे नहीं पढ़ाना चाहते थे. इस कारण से युवती को उसके फेल होने की जानकारी नहीं दी.

परिवार के आश्वासन के बाद वो भी पास होने की झूठी बात सुनकर खुश हो गई. लेकिन जब उसने मार्कशीट निकलवाकर रिजल्ट देखा तो एक विषय में वो फेल हो गई थी. जब उसे ये बात पता लगी की वो फेल हो गई है और सप्लीमेंट्री परीक्षा भी नहीं दे सकी, तो छात्रा ने जहर खा लिया. जिसके बाद परिजनों द्वारा उसे जिला अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया. जहां उसका इलाज किया जा रहा है.

ग्रामीण अंचलों में आज भी बच्चों की पढ़ाई के प्रति माता-पिता चिंतित नहीं हैं. यही कारण है कि दसवीं का परीक्षा परिणाम आने के बाद छात्रा को सही रिजल्ट नहीं बताया गया. यदि सही रिजल्ट बता दिया गया होता, तो छात्रा माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित होने वाली सप्लीमेंट्री की परीक्षा में बैठकर पास हो सकती थी.

Intro:कक्षा दसवीं की परीक्षा में फेल हुई छात्रा ने रिजल्ट के इतने दिनों बाद खाया जहर

परिजनों ने पहले रखा था छात्रा को अंधेरे में सच्चाई आई सामने तो सहम गई छात्रा

दमोह. सरकार चाहे लाख जतन करे की स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को सही शिक्षा दें साथ ही उसके फेल हो जाने पर फिर से परीक्षा दिलाए जाने का प्रावधान करें. लेकिन जब स्कूली बच्चों के दुश्मन उनके परिवार के लोग भी बन जाए तो इसे क्या कहेंगे. दसवीं का परीक्षा परिणाम आने के बाद परिजनों ने छात्रा को अंधेरे में रखकर उसे उसके पास हो जाने का मरहम दे दिया. लेकिन जब सच्चाई सामने आई तो छात्रा ने जहर खाकर खुदकुशी करने की कोशिश की.



Body:
यह मामला दमोह जिले के हिंडोरिया थाना अंतर्गत बिलाई गांव का है जहां पर कक्षा दसवीं में पढ़ने वाली आरती पटेल नामक छात्रा को रिजल्ट आने के बाद परिजनों ने बता दिया कि वह पास हो गई है. घर के लोग अपनी बेटी को आगे नहीं पढ़ाना चाहते थे. इस कारण से युवती ने अपना रिजल्ट नहीं देखा. परिवार के आश्वासन के बाद वह भी पास होने की झूठी बात सुनकर खुश हो गई. लेकिन जब उसने मार्कशीट निकलवाकर रिजल्ट देखा तो एक विषय में वह फेल हो गई थी. परिजनों के आश्वासन से संतुष्ट छात्रा को जब पता चला कि वह एक विषय में फेल हो गई थी और अब वह सप्लीमेंट्री परीक्षा भी नहीं दे सकती, तो छात्रा ने दुखी होकर खेतों के लिए लाई गई कीटनाशक दवाई का सेवन कर लिया. जिसके बाद परिजनों द्वारा उसे जिला अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया. जहां उसका इलाज किया जा रहा है. छात्रा ने बताया कि फेल होने की जानकारी उसे इतने दिन बात पता चली जिसके सदके में उसने यह कदम उठाया है. वहीं उसके परिजन भी स्वीकार करते हैं कि छात्रा ने एक विषय में फेल होने के चलते यह कदम उठाया है. वहीं अस्पताल के डॉक्टर छात्रा की हालत को स्थिर रहे हैं बता रहे हैं तथा इलाज की बात कर रहे हैं.

बाइट आरती पीड़ित छात्रा

बाइट केशव पीड़ित छात्रा का परिजन

बाइट चिकित्सक जिला अस्पताल


Conclusion:वजह चाहे जो भी हो लेकिन ग्रामीण अंचलों में आज भी बच्चों की पढ़ाई के प्रति माता-पिता चिंतित नहीं है. यही कारण है कि दसवीं का परीक्षा परिणाम आने के बाद छात्रा को सही रिजल्ट नहीं बताया गया. यदि सही रिजल्ट बता दिया गया होता, तो छात्रा माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित होने वाली सप्लीमेंट्री की परीक्षा में बैठकर परीक्षा परिणाम पास में बदल सकती थी. लेकिन परिजनों की सोच के चलते छात्रा को जहां दसवीं की परीक्षा में फेल होना पड़ा, वही सही परिणाम जानने के बाद छात्रा ने यह कदम उठाया. डॉक्टर छात्रा की हालत को ठीक बता रहे हैं, तो अब परिजनों को आवश्यकता है कि वे बिटिया की पढ़ाई में सहयोग देकर उसे फिर से परीक्षा में बिठाकर उसका भविष्य संवारे.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत दमोह
Last Updated : Jul 15, 2019, 12:07 AM IST
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