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रेलवे ब्रिज बना आम रास्ता, जान जोखिम में डालकर पुल पार करते हैं लोग

दमोह में सुनार नदी के ऊपर ट्रेन को निकालने के लिए एक पुल बना है, जिस पर से रोजाना रेलगाड़ियां गुजरती हैं. इसके साथ ही हर दिन हजारों की तादाद में लोग जान जोखिम में डालकर पैदल इस पुल को पार करते हैं.

जान जोखिम में डाल रेल का पुल पार करते हैं लोग
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Published : Aug 9, 2019, 3:29 PM IST

दमोह। बारिश की वजह से अब लोग अपनी जिंदगी भी दांव पर लगाने को मजबूर हैं. ये दांव लोग शौक में या किसी स्टंट को दिखाने के लिए नहीं लगा रहे, बल्कि मजबूरी में उन्हें ये सब करना पड़ रहा है. दमोह जिले में रेलवे ने नदी के ऊपर से ट्रेन को निकालने के लिए एक पुल बनाया है, जिस पर से रोजाना रेलगाड़ियां गुजरती है. इसके साथ ही हर दिन हजारों की तादाद में लोग जान जोखिम में डालकर पैदल इस पुल को पार करते हैं.

जान जोखिम में डाल रेल का पुल पार करते हैं लोग

दमोह जिले के पथरिया में सुनार नदी के ऊपर रेलवे का पुल बना हुआ है. वहीं नदी के ऊपर लोगों के लिए बनाया गया आम रास्ता का पुल जरा सी बारिश में डूब जाता है. इस पार से उस पार तक जाने का कोई रास्ता नहीं है. लिहाजा बच्चे, बूढ़े, जवान सभी आवाजाही के लिए रेल की पटरियों वाले पुल का ही इस्तेमाल करते हैं. सालों से लोग बारिश के दिनों में रेलवे के ब्रिज को आम रास्ता बना कर आवागमन कर रहे हैं.

बता दें कि जरा सी बारिश में सुनार नदी पर बना पुल डूब जाता है, लिहाजा पुलिस दोनों तरफ चौकसी करती है. पुलिस के अफसर भी कहते हैं कि लोग आम पुल पार ना करें इसके लिए पुलिस तैनात है. वहीं शुक्रवार सुबह से इस पुल पर भारी बारिश के चलते पानी भरा हुआ है जिसके चलते पुलिस तैनात हो कर वाहनों को आने-जाने से रोक रही है ताकि किसी प्रकार का दुर्घटना न हो. इसके साथ काफी लंबे समय से पुल के कारण रास्ता बंद होने की समस्या आती रही है, इसके बावजूद प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रही है.

दमोह। बारिश की वजह से अब लोग अपनी जिंदगी भी दांव पर लगाने को मजबूर हैं. ये दांव लोग शौक में या किसी स्टंट को दिखाने के लिए नहीं लगा रहे, बल्कि मजबूरी में उन्हें ये सब करना पड़ रहा है. दमोह जिले में रेलवे ने नदी के ऊपर से ट्रेन को निकालने के लिए एक पुल बनाया है, जिस पर से रोजाना रेलगाड़ियां गुजरती है. इसके साथ ही हर दिन हजारों की तादाद में लोग जान जोखिम में डालकर पैदल इस पुल को पार करते हैं.

जान जोखिम में डाल रेल का पुल पार करते हैं लोग

दमोह जिले के पथरिया में सुनार नदी के ऊपर रेलवे का पुल बना हुआ है. वहीं नदी के ऊपर लोगों के लिए बनाया गया आम रास्ता का पुल जरा सी बारिश में डूब जाता है. इस पार से उस पार तक जाने का कोई रास्ता नहीं है. लिहाजा बच्चे, बूढ़े, जवान सभी आवाजाही के लिए रेल की पटरियों वाले पुल का ही इस्तेमाल करते हैं. सालों से लोग बारिश के दिनों में रेलवे के ब्रिज को आम रास्ता बना कर आवागमन कर रहे हैं.

बता दें कि जरा सी बारिश में सुनार नदी पर बना पुल डूब जाता है, लिहाजा पुलिस दोनों तरफ चौकसी करती है. पुलिस के अफसर भी कहते हैं कि लोग आम पुल पार ना करें इसके लिए पुलिस तैनात है. वहीं शुक्रवार सुबह से इस पुल पर भारी बारिश के चलते पानी भरा हुआ है जिसके चलते पुलिस तैनात हो कर वाहनों को आने-जाने से रोक रही है ताकि किसी प्रकार का दुर्घटना न हो. इसके साथ काफी लंबे समय से पुल के कारण रास्ता बंद होने की समस्या आती रही है, इसके बावजूद प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रही है.

Intro:जिंदगी जोखिम में डाल कर रेलवे के पुल पर पटरियों में सफर करने मजबूर लोग

किसी बड़े हादसे के इंतज़ार में सरकार और प्रशासन 

दमोह. जिले में बारिश की वजह से अब लोग जिंदगी भी दाव पर लगाने मजबूर है , ये दाव लोग शौक में या किसी स्टंट को दिखाने के लिए नहीं लगा रहे, बल्कि मजबूरी में उन्हें ये सब करना पड़ रहा है. सूबे की सरकार और प्रशासन किसी बड़े हादसे के इंतज़ार में बैठा है. रेलवे ने नदी के ऊपर से ट्रेन को निकालने के लिए एक पुल बनाया है. जिस पर से बाकायदा रोजाना रेलगाड़ियां गुजरती है. लेकिन इसके साथ ही हर दिन सैकड़ों की तादात में लोग भी पैदल इस पुल को आम रास्ता बनाये है.


Body:दमोह जिले के पथरिया में सुनार नदी के ऊपर बने रेलवे के इस पुल पर बारिश के दिनों में ये आम बात है. वो इसलिए क्योंकि मुद्दत पहले वहां बनाया आम रास्ते का पुल ज़रा सी बारिश में डूब जाता है. लोगों को इस पार से उस पार तक जाने कोई रास्ता नहीं है. लिहाजा आम रास्ते वाले पुल पर पानी आया, तो फिर बच्चे बूढ़े जवान सभी रेल की पटरियों वाले पुल का ही इस्तेमाल करते है. उन्हें पता है की वो जिंदगी दाव पर लगा रहे है, लेकिन मजबूरी ये करने मजबूर कर देती है. ये परेशानी आज की नहीं बल्कि सालों से लोग बारिश के दिनों में रेलवे के ब्रिज को आम रास्ता बना लेते है. सबको पता है की ज़रा सी बारिश में सुनार नदी पर बना पुल डूब जाता है, लिहाजा पुलिस दोनों तरफ चौकसी करती है , पुलिस के अफसर भी कहते है की लोग आम पुल पार ना करें इसके लिए पुलिस तैनात है. पर इन अफसरों को रेलवे ब्रिज से जान जोखिम में डालकर गुजरते लोग नहीं दीखते. वहीं पुलिस वाले उन्हें रोकने की जहमत नहीं उठा पाते.


Conclusion:हर दिन जिंदगी को खतरे में डालने वाले लोगों के साथ लम्बे समय से ये सब हो रहा है. लोग मजबूरी में ये सब करते है पर आज तक सरकार और प्रशासन को ये नहीं लगा की इस नदी पर एक पुल बना दिया जाए. मश्वरा जरूर है की रेलवे का पुल पटरी पार करना कानूनन अपराध है. लोगों को रास्ता तय करना है तो रेल पुल से ना जाए कोई दूसरा रास्ता तलाश लें. ये आधुनिक भारत की सच्ची तश्वीर है. जब दुनिया चाँद पर बसने की तैयारी में है उस दौर में हर दिन कई जिंदगियां खतरे में या कहें मौत के मुँह में जाने मजबूर रहती है. तब विकास के दावे खोखले साबित होते है. बहरहाल देखना ये है की ये तश्वीरें सरकार और जिम्मेदारों पर कितना असर डालती है ?

आशीष कुमार जैन
etv भारत दमोह
                               
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