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जहरीली हवा में सांस ले रहे लोग, एक दिन के लिए प्रदूषित शहरों में सबसे ऊपर रहा दमोह - दमोह में प्रदूषण

शिकागो यूनिवर्सिटी के एयर क्वॉलिटी लाइफ इंडेक्स में मध्यप्रदेश के कई जिलों में प्रदूषण की स्थिति को चिंताजनक बताया गया है. पिछले दिनों त्योहारी मौसम में दमोह में भी प्रदूषित गैसों का लेवल इतना बढ़ गया कि जिले का नाम प्रदूषित शहरों की श्रेणी में प्रदेशभर में अव्वल आ गया था.

दमोह
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Published : Nov 8, 2019, 6:03 AM IST

दमोह। प्रदूषण इस समय एक गंभीर समस्या बनकर उभरा है. शिकागो यूनिवर्सिटी के एयर क्वॉलिटी लाइफ इंडेक्स में मध्यप्रदेश में प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक निकली है. वहीं दमोह में भी वायु प्रदूषण की स्थिति काफी खराब है. पिछले दिनों त्योहारी मौसम में तो दमोह में डस्ट और प्रदूषित गैसों का लेवल इतना बढ़ गया कि जिले का नाम प्रदूषित शहरों की श्रेणी में प्रदेशभर में अव्वल आ गया. जिसके बाद यहां पहुंचकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने जांच भी की. हालांकि मैनुअल जांच में दमोह के वातावरण को फिलहाल खतरे से बाहर बताया गया है.

दमोह में जहरीली हवा में सांस ले रहे लोग

प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड सागर के क्षेत्रीय अधिकारी एसपी झा ने बताया कि एक दिन प्रदूषण का लेवल हाई होने को जिले के प्रदूषित होने का मापदंड नहीं कहा जा सकता क्योंकि मैनुअल जांच में यहां का प्रदूषण लेवल ठीक स्तर पर पाया गया है. लेकिन फिर भी प्रदूषण के स्थिति पर लगातार नजर रखने के लिए जिला मुख्यालय पर एक मशीन लगाई गई है.

हर 15 मिनट में होती है प्रदूषण की जांच

इस मशीन से वायु में फैली डस्ट की मात्रा और अन्य गैसों की मात्रा की जांच की जाती है. मशीन हर 15 मिनट में प्रदूषण की जांच करके जिला कलेक्ट्रेट में लगवाए गए डिस्प्ले पर अपडेट करती है. मशीन डिस्प्ले के साथ ही सारा डेटा वेबसाइट पर भी ऑटोमेटिक अपडेट करती है. जिससे प्रदूषण की मात्रा का लगातार पता चलता रहे.

पूरे जिले में एक सा हाल

हालांकि मशीन जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय परिसर में लगी है. जो पूरे जिले में प्रदूषण की जांच नहीं कर पाती. दमोह के शहरी इलाके काफी प्रदूषित हैं, यहां के वातावरण में प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह धूल और वाहनों से निकलने वाला धुआं है. ऐसे भीड़-भाड़ वाले इलाकों में प्रदूषण के नियंत्रण के लिए प्रशासन को कदम उठाने चाहिए. आगे जिले में प्रदूषण की स्थिति सामान्य रहे इस दिशा में काम किए जाने की जरूरत है. ईटीवी भारत मध्यप्रदेश

दमोह। प्रदूषण इस समय एक गंभीर समस्या बनकर उभरा है. शिकागो यूनिवर्सिटी के एयर क्वॉलिटी लाइफ इंडेक्स में मध्यप्रदेश में प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक निकली है. वहीं दमोह में भी वायु प्रदूषण की स्थिति काफी खराब है. पिछले दिनों त्योहारी मौसम में तो दमोह में डस्ट और प्रदूषित गैसों का लेवल इतना बढ़ गया कि जिले का नाम प्रदूषित शहरों की श्रेणी में प्रदेशभर में अव्वल आ गया. जिसके बाद यहां पहुंचकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने जांच भी की. हालांकि मैनुअल जांच में दमोह के वातावरण को फिलहाल खतरे से बाहर बताया गया है.

दमोह में जहरीली हवा में सांस ले रहे लोग

प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड सागर के क्षेत्रीय अधिकारी एसपी झा ने बताया कि एक दिन प्रदूषण का लेवल हाई होने को जिले के प्रदूषित होने का मापदंड नहीं कहा जा सकता क्योंकि मैनुअल जांच में यहां का प्रदूषण लेवल ठीक स्तर पर पाया गया है. लेकिन फिर भी प्रदूषण के स्थिति पर लगातार नजर रखने के लिए जिला मुख्यालय पर एक मशीन लगाई गई है.

हर 15 मिनट में होती है प्रदूषण की जांच

इस मशीन से वायु में फैली डस्ट की मात्रा और अन्य गैसों की मात्रा की जांच की जाती है. मशीन हर 15 मिनट में प्रदूषण की जांच करके जिला कलेक्ट्रेट में लगवाए गए डिस्प्ले पर अपडेट करती है. मशीन डिस्प्ले के साथ ही सारा डेटा वेबसाइट पर भी ऑटोमेटिक अपडेट करती है. जिससे प्रदूषण की मात्रा का लगातार पता चलता रहे.

पूरे जिले में एक सा हाल

हालांकि मशीन जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय परिसर में लगी है. जो पूरे जिले में प्रदूषण की जांच नहीं कर पाती. दमोह के शहरी इलाके काफी प्रदूषित हैं, यहां के वातावरण में प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह धूल और वाहनों से निकलने वाला धुआं है. ऐसे भीड़-भाड़ वाले इलाकों में प्रदूषण के नियंत्रण के लिए प्रशासन को कदम उठाने चाहिए. आगे जिले में प्रदूषण की स्थिति सामान्य रहे इस दिशा में काम किए जाने की जरूरत है. ईटीवी भारत मध्यप्रदेश

Intro:एक दिन प्रदेश में अब्बल आया दमोह में फैला प्रदूषण

कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों ने दमोह पहुंचकर की जांच

जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में लगी मशीन करती है प्रदूषण लेवल की जांच

Anchor. पूरे देश के साथ दमोह में भी प्रदूषण के हालात कुछ वक्त के लिए खराब हो जाते हैं. यही कारण है कि दमोह में 1 दिन प्रदूषण इतना बड़ा की प्रदेश में प्रदूषण की कैटेगरी में दमोह का नाम अव्वल आ गया. जिसके बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों में हड़कंप के हालात बने तो उन्होंने दमोह पहुंचकर जांच भी की. हालांकि मैनुअल जांच में दमोह के वातावरण को स्वच्छ बताया गया. वही मशीन लगातार ही प्रदूषण को मापने में लगी है.


Body:Vo. दमोह जिला मुख्यालय पर प्रदूषण को कंट्रोल करने एवं उसकी जांच करने के लिए एक मशीन जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय परिसर में लगाई गई है. इस मशीन के द्वारा वायु में फैली डस्ट की मात्रा एवं अन्य गैसों की मात्रा की जांच की जाती है. यह मशीन पीएम 2.5, पीएम 10, धूल की मात्रा की जांच करती है. इसके साथ ही मशीन सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइ ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड की भी जांच करके वातावरण में प्रदूषण की मात्रा को प्रदर्शित करती है. यह मशीन हर 15 मिनट में प्रदूषण की जांच करके अपडेट भी करती है. जिसके लिए दमोह के जिला कलेक्ट्रेट में डिस्प्ले ही लगाया गया है. यह डिस्प्ले सहित मशीन वेबसाइट पर ऑटोमेटिक अपडेट भी करती है. जिससे प्रदूषण की मात्रा का पता चलता है. चंद रोज पहले दमोह में डस्ट लेवल एवं प्रदूषित गैसों का लेवल बढ़ने के कारण दमोह का नाम प्रदूषित शहरों की श्रेणी में प्रदेश में अव्वल आ गया था. जिसके बाद दमोह पहुंचे क्षेत्रीय अधिकारी ने मैनुअल जांच करने के बाद यह पाया की मशीन द्वारा अन्य कारणों के चलते इस लेवल को एग्जाम कर लिया था. लेकिन दमोह का एनवायरमेंट साफ स्वच्छ एवं प्रदूषण से मुक्त है.

बाइट - एसपी झा क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड सागर


Conclusion:Vo. दमोह में लगी प्रदूषण की जांच करने वाली मशीन दमोह के वातावरण से प्रदूषण को जांच कर रिपोर्ट देती है. लेकिन दमोह के शहरी इलाके की बात की जाए तो दमोह के वातावरण में सबसे ज्यादा धूल प्रदूषण का कारण है. इसके साथ ही वाहनों से निकलने वाला धुआं भी प्रदूषण के लेबल को बढ़ाता है. हालांकि मशीन जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय परिसर में लगी है. जहां पर बहुत कम ही प्रदूषण का की जांच हो पाती है. अधिकारियों की माने तो 1 दिन प्रदूषण का लेवल हाई होना दमोह के प्रदूषित होने का मापदंड नहीं कहा जा सकता. क्योंकि मैनुअल जांच में दमोह का प्रदूषण लेवल ठीक स्तर पर पाया गया है.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत दमोह
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