दमोह। प्रदूषण इस समय एक गंभीर समस्या बनकर उभरा है. शिकागो यूनिवर्सिटी के एयर क्वॉलिटी लाइफ इंडेक्स में मध्यप्रदेश में प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक निकली है. वहीं दमोह में भी वायु प्रदूषण की स्थिति काफी खराब है. पिछले दिनों त्योहारी मौसम में तो दमोह में डस्ट और प्रदूषित गैसों का लेवल इतना बढ़ गया कि जिले का नाम प्रदूषित शहरों की श्रेणी में प्रदेशभर में अव्वल आ गया. जिसके बाद यहां पहुंचकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने जांच भी की. हालांकि मैनुअल जांच में दमोह के वातावरण को फिलहाल खतरे से बाहर बताया गया है.
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड सागर के क्षेत्रीय अधिकारी एसपी झा ने बताया कि एक दिन प्रदूषण का लेवल हाई होने को जिले के प्रदूषित होने का मापदंड नहीं कहा जा सकता क्योंकि मैनुअल जांच में यहां का प्रदूषण लेवल ठीक स्तर पर पाया गया है. लेकिन फिर भी प्रदूषण के स्थिति पर लगातार नजर रखने के लिए जिला मुख्यालय पर एक मशीन लगाई गई है.
हर 15 मिनट में होती है प्रदूषण की जांच
इस मशीन से वायु में फैली डस्ट की मात्रा और अन्य गैसों की मात्रा की जांच की जाती है. मशीन हर 15 मिनट में प्रदूषण की जांच करके जिला कलेक्ट्रेट में लगवाए गए डिस्प्ले पर अपडेट करती है. मशीन डिस्प्ले के साथ ही सारा डेटा वेबसाइट पर भी ऑटोमेटिक अपडेट करती है. जिससे प्रदूषण की मात्रा का लगातार पता चलता रहे.
पूरे जिले में एक सा हाल
हालांकि मशीन जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय परिसर में लगी है. जो पूरे जिले में प्रदूषण की जांच नहीं कर पाती. दमोह के शहरी इलाके काफी प्रदूषित हैं, यहां के वातावरण में प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह धूल और वाहनों से निकलने वाला धुआं है. ऐसे भीड़-भाड़ वाले इलाकों में प्रदूषण के नियंत्रण के लिए प्रशासन को कदम उठाने चाहिए. आगे जिले में प्रदूषण की स्थिति सामान्य रहे इस दिशा में काम किए जाने की जरूरत है. ईटीवी भारत मध्यप्रदेश