दमोह। पथरिया से विधायक रामबाई परिहार अक्सर चर्चाओं में बनी रहती हैं. इस बार मामला उनके द्वारा दी गई कक्षा दसवीं की परीक्षा के परिणाम से जुड़ा है. विधायक परिहार का कल ओपन बोर्ड से कक्षा दसवीं का परिणाम घोषित हुआ था. जिसमें उन्हें पूरक की पात्रता प्राप्त हुई थी, लेकिन बोर्ड के नियमों के अनुसार अब लगभग यह तय हो गया है कि रामबाई पूरक की परीक्षा नहीं देंगी.
राजनीति के अखाड़े में विधायकी की परीक्षा पास करने के बाद अब रामबाई परिहार ने कक्षा दसवीं के एक पेपर में सप्लीमेंट्री आई है. वह एक अंक का ग्रेस पाकर सफल हो सकती हैं. उन्होंने दिसंबर के महीने में दमोह की शासकीय जेपीबी कन्या शाला से ओपन बोर्ड में कक्षा दसवीं के पेपर दिए थे. उस समय पेपर देने के कारण वह सुर्खियों में आ गई थी. इस बार परीक्षा परिणाम को लेकर एक बार फिर सुर्खियों में आ गई हैं. विधायक परिहार को विज्ञान विषय में 24 अंक प्राप्त हुए हैं. जबकि नियमानुसार 25 अंक पास होने के लिए आवश्यक हैं. इस तरह कल तक वह पूरक पात्रता श्रेणी में थी, लेकिन अब वह उससे बाहर हो सकती हैं.
जेपीबी स्कूल के प्राचार्य राजकुमार खरे ने बताया कि ओपन बोर्ड में यह नियम है कि यदि परीक्षार्थी ने पांचों विषय के पेपर दिए हों और वह सभी में पास हो तो एक विषय में 1 अंक कम होने पर उसे बोर्ड की तरफ से ग्रेस दिया जाता है. वहीं परीक्षार्थी को पास कर दिया जाता है. इसके लिए परीक्षार्थी को बोर्ड में एक आवेदन देना पड़ता है. विधायक इसका सारा श्रेय अपनी बेटी को देती हैं. गौरतलब है कि विधायक रहते हुए परीक्षा देने का यह पहला मामला नहीं है इसके पूर्व पथरिया से ही भाजपा की विधायक सोना बाई अहिरवार ने 2007 में आठवीं कक्षा की परीक्षा का इम्तिहान पथरिया से ही दिया था. सोनाबाई 2003 में भाजपा के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुई थी.
मैं जान गई ज्ञान का महत्व
विधायक रामबाई परिहार ने परीक्षा परिणाम आने के बाद खुशी जताते हुए कहा कि वह ज्ञान का महत्व समझ गई हैं. उन्होंने पढ़ाई करने के लिए प्रेरित करने वाली अपनी बेटी को भी साधुवाद दिया है. साथ ही कहा कि सरकार की यह नीति अच्छी है कि ग्रेस के अंक मिलाकर परीक्षार्थी पास हो जाता है. यदि मैं फेल भी हो जाती तो कोई गम नहीं था, क्योंकि में पुनः प्रयास करती और यदि पूरक की पात्रता होती तब भी मैं परीक्षा देने के लिए तैयार थी. मुझे खुशी है कि मैं ग्रेस से ही सही लेकिन पास हुई हूं.