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राम जन्मभूमि पर व्याख्यानमाला, विश्व हिंदू परिषद के धर्म प्रसार मंच ने किया आयोजन

राम जन्मभूमि मंदिर की पृष्ठभूमि को लेकर विश्व हिंदू परिषद द्वारा व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया.

राम जन्मभूमि मंदिर
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Published : Feb 18, 2019, 2:47 PM IST

दमोह। पिछले कुछ महीनों से राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई लगातार टलती जा रही है. साथ ही लोकसभा चुनाव का समय जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे मोदी सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें खिंचती जा रही है. इस बीच दमोह में राम जन्मभूमि मंदिर की पृष्ठभूमि को लेकर व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया.

राम जन्मभूमि मंदिर
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विश्व हिंदू परिषद के धर्म प्रसार मंच के माध्यम से भगवान राम जन्मभूमि मंदिर की पृष्ठभूमि को लेकर एक व्याख्यानमाला का आयोजन दमोह में किया गया. मानस भवन में इसका आयोजन किया गया. विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय और बाबरी मस्जिद ढांचा गिराए जाने के बाद राम मंदिर के सबूतों को एकत्रित करने वाली पुरातत्व हिस्टोरियंस फोरम की सदस्य डॉ सुधा मलैया इसमें शामिल हुईं. दोनों ने उस वक्त की कई बातों को साझा किया.

पुरातत्वविद डॉ. सुधा मलैया ने उस दौर के बिंदुओं को विस्तार से श्रोताओं के बीच रखा. साथ ही तत्कालीन समय में मिले एक शिलालेख का ज्रिक करते हुए उन्होंने कहा कि यह साबित करता है कि भगवान श्रीराम का मंदिर उसी स्थान पर था. इसके अलावा कई ऐसे शिलालेख मिले हैं, जो मंदिर के होने की पुष्टि करते हैं. इस दौरान विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने भी लोगों से अपनी बात साझा करते हुए कहा कि राम मंदिर का यह विवाद वर्तमान का नहीं है, बल्कि सैकड़ों साल पुराना है और अब जब सबूत पुख्ता है तो उसके बाद भी फैसला नहीं आना दुखद है. व्याख्यानमाला के दौरान मध्य प्रदेश शासन के पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया और बीजेपी से जुड़े जनप्रतिनिधि, पदाधिकारियों सहित हिंदू संगठनों के लोग भी मौजूद रहे.

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दमोह। पिछले कुछ महीनों से राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई लगातार टलती जा रही है. साथ ही लोकसभा चुनाव का समय जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे मोदी सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें खिंचती जा रही है. इस बीच दमोह में राम जन्मभूमि मंदिर की पृष्ठभूमि को लेकर व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया.

राम जन्मभूमि मंदिर
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विश्व हिंदू परिषद के धर्म प्रसार मंच के माध्यम से भगवान राम जन्मभूमि मंदिर की पृष्ठभूमि को लेकर एक व्याख्यानमाला का आयोजन दमोह में किया गया. मानस भवन में इसका आयोजन किया गया. विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय और बाबरी मस्जिद ढांचा गिराए जाने के बाद राम मंदिर के सबूतों को एकत्रित करने वाली पुरातत्व हिस्टोरियंस फोरम की सदस्य डॉ सुधा मलैया इसमें शामिल हुईं. दोनों ने उस वक्त की कई बातों को साझा किया.

पुरातत्वविद डॉ. सुधा मलैया ने उस दौर के बिंदुओं को विस्तार से श्रोताओं के बीच रखा. साथ ही तत्कालीन समय में मिले एक शिलालेख का ज्रिक करते हुए उन्होंने कहा कि यह साबित करता है कि भगवान श्रीराम का मंदिर उसी स्थान पर था. इसके अलावा कई ऐसे शिलालेख मिले हैं, जो मंदिर के होने की पुष्टि करते हैं. इस दौरान विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने भी लोगों से अपनी बात साझा करते हुए कहा कि राम मंदिर का यह विवाद वर्तमान का नहीं है, बल्कि सैकड़ों साल पुराना है और अब जब सबूत पुख्ता है तो उसके बाद भी फैसला नहीं आना दुखद है. व्याख्यानमाला के दौरान मध्य प्रदेश शासन के पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया और बीजेपी से जुड़े जनप्रतिनिधि, पदाधिकारियों सहित हिंदू संगठनों के लोग भी मौजूद रहे.

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Intro:राम जन्मभूमि मंदिर की पृष्ठभूमि बताने हुआ व्याख्यानमाला का आयोजन

आयोजन के दौरान विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय रहे मौजूद

ढांचा गिरने के बाद राम मंदिर के शिलालेखों की जानकारी एकत्रित करने वाली डॉ सुधा मलैया रही मौजूद

Anchor. विश्व हिंदू परिषद के धर्म प्रसार मंच के माध्यम से श्री राम जन्मभूमि मंदिर पृष्ठभूमि को लेकर एक व्याख्यानमाला का आयोजन दमोह में किया गया. दमोह के मानस भवन में आयोजित व्याख्यानमाला के दौरान विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय जी के साथ बाबरी ढांचा गिराए जाने के बाद श्री राम मंदिर के उस स्थान पर होने के सबूतों को एकत्रित करने वाली पुरातत्व हिस्टोरियंस फोरम के सदस्य डॉ सुधा मलैया ने उस दौरान की बातों को सांझा किया.


Body:VO. धर्म प्रसार मंच के माध्यम से दमोह में आयोजित व्याख्यानमाला के अंतर्गत बाबरी ढांचा गिराए जाने के बाद बतौर पुरातत्वविद काम करने वाली डॉक्टर सुधा मलैया ने उस दौर के बिंदुओं को विस्तार से दमोह के श्रोताओं के बीच अपनी बात रखते हुए बताया. साथ ही कहा कि उस दौरान मिला एक शिलालेख यह साबित करता है कि भगवान श्रीराम का मंदिर उस स्थान पर मौजूद था. इसके अलावा अनेक ऐसे शिलालेख है तथा ऐसे पत्थर हैं जो उस स्थान पर भगवान राम के मंदिर के होने की पुष्टि करते हैं. इसके बाद भी यह नहीं माना जाना दुखद है. उसके साथ उन्होंने अनेक अन्य बिंदुओं पर चर्चा की. इसके बाद विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय जी ने भी अपनी बात रखते हुए कहा कि राम मंदिर का यह विवाद वर्तमान का नहीं, बल्कि सैकड़ों साल पुराना है और अब जब सबूत पुख्ता है उसके बाद भी फैसला ना आना दुखद है. व्याख्यानमाला के दौरान मध्य प्रदेश शासन के पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के साथ भारतीय जनता पार्टी से जुड़े जनप्रतिनिधि एवं पदाधिकारियों सहित हिंदू संगठनों के लोगों की मौजूदगी रही.

स्पीच डॉक्टर सुधा मलैया पुरातत्व विद एवं हिस्टोरियन फोरम सदस्य

स्पीच चंपत राय जी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विश्व हिंदू परिषद


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