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नागपंचमी के दिन श्रद्धालुओं ने चढ़ाया दूध, विधि विधान से की पूजा - Damoh Nag Panchami celebrated

दमोह जिले के पथरिया में नाग पंचमी के अवसर पर लोगों ने नाग देवता का पूजन कर उन्हें दूध पिलाया. वहीं कोरोना के चलते कई शिव मंदिरों के बंद होने से लोगों ने बाहर से दर्शन लाभ लिया.

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Published : Jul 25, 2020, 5:58 PM IST

दमोह। नाग पंचमी हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है. हिंदू पंचांग के अनुसार सावन माह की शुक्ल पक्ष को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन नाग देवता या सर्प की पूजा की जाती है और उन्हें दूध से स्नान कराया जाता है.

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पूजा करते लोग

उत्साह से मनाया गया नाग पंचमी का पर्व

पथरिया में नागपंचमी का त्योहार शनिवार को आस्था और विश्वास के साथ मनाया गया. हिन्दू धर्म के आस्थावान लोगों ने इस मौके पर नाग देवता का विधिवत पूजन किया व दूध और धान का लावा चढ़ाया गया.

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पूजा करते लोग

जगह-जगह सपेरों ने नाग देवता के दर्शन कराए. सुबह से ही शिव मंदिरों पर नाग देव के पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही है, लेकिन नगर में लॉकडाउन की वजह से मंदिर बंद होने के कारण श्रद्धालुओं ने मंदिर के बाहर ही नागदेवता को दूध अर्पित किया. लोगों का मानना है इस दिन नागदेवता को दूध चढ़ाने से वो प्रसन्न होते हैं और हमारी रक्षा करते हैं.

नगरवासियों ने बताया कि यह हमारी संस्कृति का एक हिस्सा है

लोकेंद्र दुबे ने बताया हिन्‍दू धर्म में देवी-देवताओं के साथ ही उनके प्रतीकों और वाहनों की पूजा-अर्चना करने की भी परंपरा है. देवी-देवताओं के ये प्रतीक और वाहन किसी करिश्‍माई लोक से नहीं बल्‍कि प्रकृति का अभिन्‍न हिस्‍सा हैं, जिनमें जानवर, पक्षी, सरीसृप, फूल और वृक्ष शामिल हैं.

नाग पंचमी भी ऐसा ही एक पर्व है जिसमें सांप या नाग को देवता मानकर उसकी पूजा की जाती है. अनुराग शुक्ला, सचिन खरे, आदर्श दुबे, अनुज दुबे, प्रीत राय ने बताया की नाग पंचमी के दिन लोग दिन भर व्रत करते हैं और सांपों को दूध भी पिलाते हैं.

दमोह। नाग पंचमी हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है. हिंदू पंचांग के अनुसार सावन माह की शुक्ल पक्ष को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन नाग देवता या सर्प की पूजा की जाती है और उन्हें दूध से स्नान कराया जाता है.

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उत्साह से मनाया गया नाग पंचमी का पर्व

पथरिया में नागपंचमी का त्योहार शनिवार को आस्था और विश्वास के साथ मनाया गया. हिन्दू धर्म के आस्थावान लोगों ने इस मौके पर नाग देवता का विधिवत पूजन किया व दूध और धान का लावा चढ़ाया गया.

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पूजा करते लोग

जगह-जगह सपेरों ने नाग देवता के दर्शन कराए. सुबह से ही शिव मंदिरों पर नाग देव के पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही है, लेकिन नगर में लॉकडाउन की वजह से मंदिर बंद होने के कारण श्रद्धालुओं ने मंदिर के बाहर ही नागदेवता को दूध अर्पित किया. लोगों का मानना है इस दिन नागदेवता को दूध चढ़ाने से वो प्रसन्न होते हैं और हमारी रक्षा करते हैं.

नगरवासियों ने बताया कि यह हमारी संस्कृति का एक हिस्सा है

लोकेंद्र दुबे ने बताया हिन्‍दू धर्म में देवी-देवताओं के साथ ही उनके प्रतीकों और वाहनों की पूजा-अर्चना करने की भी परंपरा है. देवी-देवताओं के ये प्रतीक और वाहन किसी करिश्‍माई लोक से नहीं बल्‍कि प्रकृति का अभिन्‍न हिस्‍सा हैं, जिनमें जानवर, पक्षी, सरीसृप, फूल और वृक्ष शामिल हैं.

नाग पंचमी भी ऐसा ही एक पर्व है जिसमें सांप या नाग को देवता मानकर उसकी पूजा की जाती है. अनुराग शुक्ला, सचिन खरे, आदर्श दुबे, अनुज दुबे, प्रीत राय ने बताया की नाग पंचमी के दिन लोग दिन भर व्रत करते हैं और सांपों को दूध भी पिलाते हैं.

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