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Damoh School Students Risk: MP में सड़क और एजुकेशन का दावा फेल, जान पर खेलकर स्कूल जाते हैं ये बच्चे - MP education claim failed

MP में रोड और एजुकेशन पर सराहनीय काम किए जाने के दावे तो किए जा रहे हैं, (MP Education Claim Failed) लेकिन हकीकत इसके उलट है. मध्य प्रदेश के दमोह से सामने आई इन तस्वीरों से पता चलता है कि, आखिर बच्चों को स्कूल पहुंचने के लिए मुश्किल भरे राश्ते के का सामना करना पड़ता है. (Damoh School Students Cross River) अगर कहा जाए कि ये बच्चे अपनी जान हथेली पर रखकर स्कूल जाते हैं तो यह गलत नहीं होगा. (Damoh School Students Risk) (MP Road Claim Failed)

Damoh School Students Risk
दमोह जान पर खेलकर स्कूल जाते हैं बच्चे
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Published : Aug 9, 2022, 10:22 AM IST

Updated : Aug 9, 2022, 11:54 AM IST

दमोह। सरकार भले ही यह दावा करे कि मध्यप्रदेश की सड़कें अमेरिका से बेहतर हैं, लेकिन यह दावे बटियागढ़ ब्लॉक के मंगोला ग्राम में दम तोड़ते नजर आ रहे हैं. यहां स्कूली बच्चे जान हथेली पर रखकर स्‍कूल जाने को मजबूर हैं. सरकारी स्‍कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को पुल के अभाव में रोजाना नदी में उतरकर उसे पार करते हुए स्‍कूल पहुंचना पड़ता है. नदी के जोख‍िम भरे रास्‍ते की वजह से अभ‍िभावकों को हादसे का डर बना रहता है. (Damoh School Students Risk)

दमोह जान पर खेलकर स्कूल जाते हैं बच्चे

पुल बनाए जाने की मांग: मंगोला ग्राम में कोई स्कूल नहीं है. यहां के बच्चों को पढ़ने के लिए सीतानगर जाना पड़ता है. पथरिया और बटियागढ़ ब्लॉक के बीच सुनार नदी पड़ती है. नदी पर पुल नहीं बना है. कई वर्षों से यहां के लोग शासन-प्रशासन से नदी पर पुल बनाए जाने की मांग कर रहे हैं. उनकी यह आवाज सरकार के कानों तक नहीं पहुंच पा रही है या फिर ये कहें कि, आवाज तो पहुंचती है लेकिन उसे अनसुना कर दिया जाता है. (MP Road Claim Failed) (Damoh School Students Risk)

Watch Video: गुना के इस गांव में जान पर खेलकर रस्सी के सहारे नदी पार कर स्कूल पहुंचते हैं बच्चे, हैरान कर देने वाला वीडियो वायरल

बारिश में मुसीबत: सीता नगर के कई परिवार पिछले 50 साल से अपने खेतों में मकान बनाकर रह रहे हैं. हर साल बारिश के दौरान इस रास्ते पर कीचड़ रहता है. यहां के बच्चे पढ़ने के लिए सीता नगर जाते हैं. बच्चों ने बताया जब बारिश होती है तो नदी भर जाती है. ऐसे में नदी पार कर पढ़ने के लिए जाना पड़ता है. सरकारी मिडिल स्कूल लगभग 4 किलोमीटर दूर है.(MP Education Claim Failed) (Damoh School Students Risk)

नदी से खतरा: छात्रा रजनी और दिव्यांशी ने बताया कि, जब नदी में पानी जादा होता है तो नदी पार करने में भी डर लगता है. सुनार नदी में सिंचाई परियोजना के बड़े बड़े डैम बना दिए गए हैं. जब डैम के गेट खुलते हैं तो नदी में बाढ़ आ जाती है. ऐसे में हर दिन अपनी जान को खतरे में डालकर नदी पार करते हैं. (Damoh School Students Cross River) (Damoh School Students Risk)

गांव के लोगों में डर: इसी ग्राम के हरिश्चंद्र पटेल ने बताया कि, बच्चे पढ़ने के लिए नदी को पार कर सीता नगर जाते हैं. सीतानगर के पास मड़कोले में 3 नदियों का संगम है. यहां मकर संक्रांति, सावन सोमवार, सोमवती अमावस, शिवरात्रि पर बड़े मेले लगते है. इससे यहां बहुत भीड़ होती है. मंगोला क्षेत्र से लगे हुए करीब 50 गांव के लोगों को 30 किलोमीटर चक्कर लगाकर शिव जी के दर्शन के लिए जाना पड़ता है. अगर सुनार नदी पर पुल बना दिया जाए तो बच्चों को पढ़ने के लिए आसानी होगी और श्रद्धालु भी आसानी से पहुंच सकेंगे. (Damoh School Students Risk)

दमोह। सरकार भले ही यह दावा करे कि मध्यप्रदेश की सड़कें अमेरिका से बेहतर हैं, लेकिन यह दावे बटियागढ़ ब्लॉक के मंगोला ग्राम में दम तोड़ते नजर आ रहे हैं. यहां स्कूली बच्चे जान हथेली पर रखकर स्‍कूल जाने को मजबूर हैं. सरकारी स्‍कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को पुल के अभाव में रोजाना नदी में उतरकर उसे पार करते हुए स्‍कूल पहुंचना पड़ता है. नदी के जोख‍िम भरे रास्‍ते की वजह से अभ‍िभावकों को हादसे का डर बना रहता है. (Damoh School Students Risk)

दमोह जान पर खेलकर स्कूल जाते हैं बच्चे

पुल बनाए जाने की मांग: मंगोला ग्राम में कोई स्कूल नहीं है. यहां के बच्चों को पढ़ने के लिए सीतानगर जाना पड़ता है. पथरिया और बटियागढ़ ब्लॉक के बीच सुनार नदी पड़ती है. नदी पर पुल नहीं बना है. कई वर्षों से यहां के लोग शासन-प्रशासन से नदी पर पुल बनाए जाने की मांग कर रहे हैं. उनकी यह आवाज सरकार के कानों तक नहीं पहुंच पा रही है या फिर ये कहें कि, आवाज तो पहुंचती है लेकिन उसे अनसुना कर दिया जाता है. (MP Road Claim Failed) (Damoh School Students Risk)

Watch Video: गुना के इस गांव में जान पर खेलकर रस्सी के सहारे नदी पार कर स्कूल पहुंचते हैं बच्चे, हैरान कर देने वाला वीडियो वायरल

बारिश में मुसीबत: सीता नगर के कई परिवार पिछले 50 साल से अपने खेतों में मकान बनाकर रह रहे हैं. हर साल बारिश के दौरान इस रास्ते पर कीचड़ रहता है. यहां के बच्चे पढ़ने के लिए सीता नगर जाते हैं. बच्चों ने बताया जब बारिश होती है तो नदी भर जाती है. ऐसे में नदी पार कर पढ़ने के लिए जाना पड़ता है. सरकारी मिडिल स्कूल लगभग 4 किलोमीटर दूर है.(MP Education Claim Failed) (Damoh School Students Risk)

नदी से खतरा: छात्रा रजनी और दिव्यांशी ने बताया कि, जब नदी में पानी जादा होता है तो नदी पार करने में भी डर लगता है. सुनार नदी में सिंचाई परियोजना के बड़े बड़े डैम बना दिए गए हैं. जब डैम के गेट खुलते हैं तो नदी में बाढ़ आ जाती है. ऐसे में हर दिन अपनी जान को खतरे में डालकर नदी पार करते हैं. (Damoh School Students Cross River) (Damoh School Students Risk)

गांव के लोगों में डर: इसी ग्राम के हरिश्चंद्र पटेल ने बताया कि, बच्चे पढ़ने के लिए नदी को पार कर सीता नगर जाते हैं. सीतानगर के पास मड़कोले में 3 नदियों का संगम है. यहां मकर संक्रांति, सावन सोमवार, सोमवती अमावस, शिवरात्रि पर बड़े मेले लगते है. इससे यहां बहुत भीड़ होती है. मंगोला क्षेत्र से लगे हुए करीब 50 गांव के लोगों को 30 किलोमीटर चक्कर लगाकर शिव जी के दर्शन के लिए जाना पड़ता है. अगर सुनार नदी पर पुल बना दिया जाए तो बच्चों को पढ़ने के लिए आसानी होगी और श्रद्धालु भी आसानी से पहुंच सकेंगे. (Damoh School Students Risk)

Last Updated : Aug 9, 2022, 11:54 AM IST
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