दमोह। पोस्टर में हिंदू छात्राओं को हिजाब में दिखाने के बाद से सुर्खियों में आए गंगा-जमुना स्कूल का विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. गंगा जमुना स्कूल में तोड़फोड़ आज दूसरे दिन भी जारी रही. वहीं इस मामले में आज कलेक्टर और एसपी के बयान जिला कोर्ट में दर्ज किए गए है. बता दें गंगा जमुना स्कूल पर बुलडोजर की कार्रवाई करने मंगलवार को प्रशासन पहुंचा था. जहां बुलडोजर की बजाए छेनी-हथोड़ी से तोड़फोड़ की गई थी. वहीं दूसरे भी बुलडोजर स्कूल नहीं पहुंचा है.
एसपी-कलेक्टर ने दर्ज कराए बयान: हिंदू छात्राओं को हिजाब पहनाने के मामले में चर्चाओं में आए गंगा जमुना स्कूल के संचालकों के विरुद्ध शासन, प्रशासन का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है. स्कूल परिसर में हायर सेकेंडरी के लिए बनाए जा रहे नए भवन में तोड़फोड़ की कार्रवाई आज दूसरे दिन भी जारी रही. हालांकि आज भी नगर पालिका द्वारा मजदूरों को लगाकर सेटिंग पर बांधे गए सरिया जाल को तोड़ने का काम किया गया, लेकिन बुलडोजर आज भी नहीं पहुंचा. इससे उलट इसी मामले में कलेक्टर मयंक अग्रवाल और एसपी राकेश कुमार सिंह जिला न्यायालय पहुंचे. वहां पर उन्होंने अपने बयान विदुषी न्यायाधीश के समक्ष दर्ज कराए.
प्रिंसिपल और भ्रत्य को मिली थी क्लीनचिट: न्यायालयीन सूत्रों का कहना है की इसके 1 दिन पूर्व गंगा जमुना स्कूल की तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ताओं ने आपत्ति दर्ज कराई थी, की कलेक्टर एवं एसपी दोनों ही पूर्व में स्कूल की प्रिंसिपल और वहां के भ्रत्य को क्लीन चिट दे चुके हैं. इसलिए ऐसे में अब उन पर प्राथमिकी दर्ज किया जाना उचित नहीं है. जिस पर अभियोजन पक्ष ने दलील दी की कलेक्टर व एसपी ने किसी तरह की क्लीन चिट नहीं दी है. जिसके बाद विदुषी न्यायाधीश ने कलेक्टर और एसपी को कोर्ट में पेश होने आदेश के दिए. दोनों ही अधिकारी आज सिविल कोर्ट पहुंचे और वहां पर अपने बयान दर्ज कराए हैं. माना जा रहा है की कलेक्टर ने जब जिला शिक्षा अधिकारी से पोस्टर की जांच कराई थी, संभवत उस समय और उस मामले में गंगा जमुना स्कूल की प्रिंसिपल और भ्रत्य की कोई भूमिका नहीं थी. उसी मामले में क्लीन चिट दी गई होगी.
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बीते दिन हुई कार्रवाई: बता दें गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि बुलडोजर गंगा जमुना स्कूल पहुंच गया है, कुछ ही देर में बिल्डिंग धराशाई हो जाएगी. गृह मंत्री के बयान के बाद नगर निगम का दस्ता स्कूल पहुंचा था. जहां स्थानीय लोगों ने स्कूल गिराने को लेकर नाराजगी जताई थी. स्थानीय लोगों की नाराजगी देखते हुए प्रशासन को यह कहना पड़ा था कि टीम बारिश से पहले नाला साफ करने आई है. इसके बाद प्रशासन ने छेनी-हथोड़ी से स्कूल तोड़ने की कार्रवाई की थी.