जबलपुर। तीन साल पहले लापता हुए 10 वर्षीय बालक के मामले को हाईकोर्ट ने काफी सख्ती से लिया है. चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने इस मामले में दमोह जिले के तारादेही थाने के एसएचओ सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं. युगलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की है.
एसपी से भी की शिकायत : यह बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दमोह निवासी संदीप गौड़ की ओर से दायर की गई है. जिसमें कहा गया कि उनका 10 वर्षीय पुत्र छोटू गौड़ तीन पूर्व घर के बाहर बच्चों के साथ खेलते-खेलते अचानक से गायब हो गया था. जिसकी गुमशुगदी की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज करायी गई थी. इतना ही नहीं जिन लोगों पर शक था उनके नाम भी शिकायती आवेदन में दर्ज कराये गये थे. थाना पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई न किये जाने पर मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक से की गई थी, लेकिन इसके बाद भी उनके पुत्र की तलाश के लिये कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई.
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पुलिस थाने में धमकाया : याचिका में कहा गया है कि पुत्र को तलाशने के लिए उसने कई जगह हाथ-पैर मारे लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा. पुलिस के पास जाकर कई बार आग्रह किया लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया. जब भी वह पुलिस थाने में अपने पुत्र के संबंध में जानकारी लेने जाते है तो उन्हें झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर भगा दिया जाता रहा. जिस पर हाईकोर्ट की शरण ली गई है. याचिका की सुनवाई के बाद न्यायालय ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं.