दमोह। प्रदेश और देश में भले ही गायों की सुरक्षा के लिए तमाम वादे और दावे किए जाएं. हिंदू संगठन द्वारा गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने और गौ हत्या बंद करने की मांग की जाए, लेकिन जमीन पर गौवंश की हकीकत कुछ और ही है. गायों पर अत्याचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसा ही एक ताजा मामला दमोह के तेंदूखेड़ा थाना क्षेत्र के ग्राम देवरी निजाम से सामने आया है. यहां पर गायों की हालत देखकर लोगों की रूह कांप जाएगी. फसल चरने खेत में घुसी गायों के साथ कुछ लोगों ने ऐसा क्रूर व्यवहार किया कि सुनकर ही आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे.
गायों को पैरे में ठोकी कीलें: दरअसल, दमोह के ग्राम देवरी निजाम में चारा-पानी की तलाश में भटकती गाएं, जब कुछ किसानों के खेत में घुस गईं, तो उन खेत मालिकों ने गाय के खुरों में बड़े-बड़े कील ठोक दिए. कई गायों के पैरों में इतने गहरे जख्म हो गए कि वह पक गए और उनसे मवाद बाहर निकलने लगा. गायों से ठीक तरह से चलते भी नहीं बन रहा है. ऐसा सलूक किसी एक गाय के साथ नहीं लगभग 50 से अधिक गायों के साथ किया गया है. बताया जाता है की देवरी निजाम के गुड्डू अहिरवार, गुल्ला आदिवासी व रितेश अहिरवार के खेतों में जब फसल चरने के लिए गाए घुसी, तो उन्होंने बंदी करके खेतों में घुसी सभी गायों के पैरों में बड़े-बड़े कील ठोक दिए.
खेतों को जानवरों से बचाने से शर्मनाक हरकत: जब भगवती मानव कल्याण संगठन के लोगों ने उन गायों को लंगड़ाते हुए और पैरों से खून निकलते हुए देखा तो उन्होंने पाया कि उनके पैरों में कील ठोके गए हैं. जानकारी लेने पर आरोपियों के नाम सामने आए. मामले की रिपोर्ट तेंदूखेड़ा थाने में दर्ज कराई गई. भगवती मानव कल्याण संगठन से जुड़े वरिष्ठ कार्यकर्ता जगदीश लोधी ने बताया कि यह बहुत ही शर्मनाक और क्रूर घटना है. जिन किसानों की भी फसलों का नुकसान हो रहा है. उन्हें अपने खेत में बाड़-बंदी करना चाहिए. इस तरह गायों के पैरों में कील ठोकना अपराध है. जब हमें इसकी सूचना मिली तो हमने गायों के पैरों से कीले निकाली है.
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आरोपी को किया गया गिरफ्तार: उन्होंने बताया कि बहुत सारी ऐसी गाय हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है. पशु चिकित्सा विभाग को भी इसकी सूचना दी गई है. वह भी इनका इलाज कर रहा है. कुछ गाय और हैं जिनके पैरों से कील निकालना बाकी है. प्रशासन से हम आग्रह करते हैं कि इस तरह के क्रूर अपराध करने वालों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाए. तेंदूखेड़ा टीआई फेमिदा खान ने बताया की 'एक आरोपी रितेश अहिरवार की गिरफ्तारी की जा चुकी है. जबकि दो आरोपी फरार हैं. इन आरोपियों पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है.'