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ये युवा रोज 200 असहाय लोगों का भर रहे पेट, कोरोना युद्धाओं को करा रहे नाश्ता - कोरोना योद्धाओं

दमोह के पथरिया में कई युवा कोरोना से परेशान और असहाय लोगों की मदद कर रहे हैं, ये युवा रोज भूखे लोगों को खाना खिला रहे हैं, साथ ही कोरोना युद्धाओं को नाश्ता करा रहे हैं.

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कोरोना महामारी के विकट संकट में युवाओं ने लिया सेवा का संकल्प
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Published : Apr 9, 2020, 3:56 PM IST

Updated : Apr 9, 2020, 4:09 PM IST

दमोह। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में 21 दिनों का लॉकडाउन है. जिले के पथरिया मे लोग लॉकडाउन का पूर्णत: पालन भी कर रहे हैं. कई युवा हैं जो लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों की सेवा कर रहे हैं. बढ़ते संकट की वजह से कई लोगों के काम ठप हो गए हैं, जिसकी वजह से मजदूरों की रोजी-रोटी प्रभावित हो रही है. ऐसे हाल में नगर पथरिया के कुछ युवाओं द्वारा बाहर से आये लोगों को खाने की व्यवस्था की जा रही है जो एक अच्छी और इंसानियत की सोच को जिंदा किये हुये है. कविश सिंघई की इस पहल ने भूखों को भोजन ही नहीं बल्कि इस विकट समय मे इंसानियत की मिसाल कायम की है.

ये युवा रोज 200 असहाय लोगों का भर रहे पेट


देश में लॉकडाउन ने दिहाड़ी मजदूरों, बेघरों और गरीब जनता के सामने जीवन को आगे चलाने और खाने का संकट खड़ा कर दिया . इस समय में उनके दुःख को कम करने और पेट की भूख को शांत करने के लिए नगर के बहुत से परिवार आगे आ रहे हैं. ये परिवार अपने परिस्थिति के हिसाब से खाने के पैकेट बनाकर मजदूर वर्ग और असहाय ओर विकलांग लोगों तक पहुंचाया जा रहा है. 20 परिवार से लगभग 200 पैकेट खाने के युवा कविश सिंघई ओर उनकी टीम के द्वारा वितरित किये जा रहे हैं.

इस तरह की सोच ने नगर में इंसानियत की सोच को जिंदा रखा है और सभी ने कविश सिंघई ओर उनकी टीम को सराहा है और कई लोगों ने उनके कार्य में मदद की है. 21 दिन के इस लॉकडाउन में नगर में कई लोग बेसहारों का सहारा बने हुए हैं जो कि सराहनीय है. कोरोना योद्धाओं को भी नगर के युवाओं द्वारा चाय नाश्ता कराया जा रहा है सभी दफ्तरों में उनके लिए चाय नाश्ते का इंतजाम है.

दमोह। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में 21 दिनों का लॉकडाउन है. जिले के पथरिया मे लोग लॉकडाउन का पूर्णत: पालन भी कर रहे हैं. कई युवा हैं जो लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों की सेवा कर रहे हैं. बढ़ते संकट की वजह से कई लोगों के काम ठप हो गए हैं, जिसकी वजह से मजदूरों की रोजी-रोटी प्रभावित हो रही है. ऐसे हाल में नगर पथरिया के कुछ युवाओं द्वारा बाहर से आये लोगों को खाने की व्यवस्था की जा रही है जो एक अच्छी और इंसानियत की सोच को जिंदा किये हुये है. कविश सिंघई की इस पहल ने भूखों को भोजन ही नहीं बल्कि इस विकट समय मे इंसानियत की मिसाल कायम की है.

ये युवा रोज 200 असहाय लोगों का भर रहे पेट


देश में लॉकडाउन ने दिहाड़ी मजदूरों, बेघरों और गरीब जनता के सामने जीवन को आगे चलाने और खाने का संकट खड़ा कर दिया . इस समय में उनके दुःख को कम करने और पेट की भूख को शांत करने के लिए नगर के बहुत से परिवार आगे आ रहे हैं. ये परिवार अपने परिस्थिति के हिसाब से खाने के पैकेट बनाकर मजदूर वर्ग और असहाय ओर विकलांग लोगों तक पहुंचाया जा रहा है. 20 परिवार से लगभग 200 पैकेट खाने के युवा कविश सिंघई ओर उनकी टीम के द्वारा वितरित किये जा रहे हैं.

इस तरह की सोच ने नगर में इंसानियत की सोच को जिंदा रखा है और सभी ने कविश सिंघई ओर उनकी टीम को सराहा है और कई लोगों ने उनके कार्य में मदद की है. 21 दिन के इस लॉकडाउन में नगर में कई लोग बेसहारों का सहारा बने हुए हैं जो कि सराहनीय है. कोरोना योद्धाओं को भी नगर के युवाओं द्वारा चाय नाश्ता कराया जा रहा है सभी दफ्तरों में उनके लिए चाय नाश्ते का इंतजाम है.

Last Updated : Apr 9, 2020, 4:09 PM IST
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