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Lumpy Virus Spreading in Damoh: एक बार फिर फैल रहा खतरनाक लंपी वायरस, सड़कों पर गौवंशों की हो रही दर्दनाक मौत - दमोह में लंपी वायरस से मवेशियों की मौत

तेजी से फैल रहे लंबी वायरस के कारण असमय पशु काल के गाल में समा रहे हैं. पशुपालकों को कोई राहत नहीं मिल रही है. वहीं पशु चिकित्सा विभाग का दावा है कि वैक्सीनेशन किया जा रहा है.

lumpy virus in mp
एमपी में लंपी वायरस
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Published : Jul 29, 2023, 4:30 PM IST

दमोह। पिछले कुछ महीनों के बाद एक बार फिर तेजी से लंबी वायरस फैलने लगा है. गाय, बछड़े, बैल इसकी चपेट में आ रहे हैं. अभी तक दर्जनों पशुओं की मौत हो चुकी है जिससे पशुपालक परेशान हैं. दरअसल 5 माह पहले भी लंबी वायरस फैलने के कारण हजारों गौवंशो की मौत हो गई थी लेकिन उस समय इस वायरस को नियंत्रित कर लिया गया था. अब एक बार फिर से तेजी से यह वायरस पैर पसार रहा है. दमोह नगर सहित आसपास के ग्रामीण अंचलों और जिले भर से पशुओं की लंपी वायरस से पीड़ित होने की खबरें आ रही हैं.

तेजी से फैलता है वायरस: बताया जाता है कि यह वायरस बहुत तेजी के साथ फैलता है. यदि किसी जानवर में लंपी वायरस के लक्षण हैं तो उसके संपर्क में आने वाले दूसरे चौपाया जानवरों को भी यह अपनी चपेट में ले लेता है. यदि शीघ्र ही इसका इलाज न किया जाए तो पशुओं की बहुत ही दर्दनाक स्थिति में मौत हो जाती है. अभी जिन जानवरों की मौत लंपी वायरस से हुई है उनके शरीर में पहले पहले तो छोटी-छोटी गांठे बन गई. उसके बाद वह बड़ी होती गई. वह गांठे एक एक करके फूटती हैं और उनमें से रक्तस्राव होने लगता है. धीरे-धीरे इन लक्षणों के प्रकट होने के बाद पशुओं की मौत हो जाती है. गनीमत की बात यह है कि यह वायरस पशुओं से मनुष्य में नहीं फैलता है.

नहीं हो रहा वैक्सीनेशन: वायरस फैलने का एक मुख्य कारण सामने आया है कि जिन पशुपालकों ने अपनी गायों को खुला छोड़ दिया, वह इसकी चपेट में आ गई. जबकि जो गाय घरों में सुरक्षित हैं वह इससे बची हुई हैं. कई गायों की तो सड़क पर ही मौत हो गई. जिन्हें गौ सेवा समिति के सदस्यों ने विधि विधान के साथ दफनाया. गौ सेवा समिति से जुड़े दीपक नेमा का कहना है कि बहुत तेजी से वायरस फैल रहा है और गायों की मौत हो रही है. फोन करने के बाद भी डॉक्टर बताए गए स्थान पर नहीं पहुंचते हैं. वैक्सीनेशन का दावा झूठ है यदि वैक्सीनेशन हो रहा होता तो इतनी गायों की मौत नहीं होती.

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शासन द्वारा जो पशु वाहन उपलब्ध कराए गए हैं उसका 150 रुपए शुल्क पशुपालक से जमा तो करा लिया जाता है लेकिन उसका लाभ नहीं मिल रहा है. जबकि पशु चिकित्सा विभाग के प्रशिक्षित कर्मचारी और डॉक्टर निजी स्तर पर इलाज करने और वैक्सीनेशन करने पहुंच जाते हैं और उसका तगड़ा शुल्क भी वसूलते हैं. शासन को इस मामले में जांच भी कराना चाहिए. हमारी समिति से जुड़े करीब 10-12 सदस्य जिन गायों की शिनाख्त नहीं हो पा रही है उन्हें अपने स्तर पर दफना रहे हैं.
वैक्सीनेशन का दावा: उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं एडब्ल्यू खान का कहना है कि जहां से सूचना मिलती है हमारी कर्मचारी वहां जाकर इलाज करते हैं. सभी औषधालयों पर लंपी वायरस की वैक्सीन उपलब्ध है वैक्सीनेशन किया जा रहा है. यह वैक्सीन और उपचार शासन द्वारा नि:शुल्क है.

दमोह। पिछले कुछ महीनों के बाद एक बार फिर तेजी से लंबी वायरस फैलने लगा है. गाय, बछड़े, बैल इसकी चपेट में आ रहे हैं. अभी तक दर्जनों पशुओं की मौत हो चुकी है जिससे पशुपालक परेशान हैं. दरअसल 5 माह पहले भी लंबी वायरस फैलने के कारण हजारों गौवंशो की मौत हो गई थी लेकिन उस समय इस वायरस को नियंत्रित कर लिया गया था. अब एक बार फिर से तेजी से यह वायरस पैर पसार रहा है. दमोह नगर सहित आसपास के ग्रामीण अंचलों और जिले भर से पशुओं की लंपी वायरस से पीड़ित होने की खबरें आ रही हैं.

तेजी से फैलता है वायरस: बताया जाता है कि यह वायरस बहुत तेजी के साथ फैलता है. यदि किसी जानवर में लंपी वायरस के लक्षण हैं तो उसके संपर्क में आने वाले दूसरे चौपाया जानवरों को भी यह अपनी चपेट में ले लेता है. यदि शीघ्र ही इसका इलाज न किया जाए तो पशुओं की बहुत ही दर्दनाक स्थिति में मौत हो जाती है. अभी जिन जानवरों की मौत लंपी वायरस से हुई है उनके शरीर में पहले पहले तो छोटी-छोटी गांठे बन गई. उसके बाद वह बड़ी होती गई. वह गांठे एक एक करके फूटती हैं और उनमें से रक्तस्राव होने लगता है. धीरे-धीरे इन लक्षणों के प्रकट होने के बाद पशुओं की मौत हो जाती है. गनीमत की बात यह है कि यह वायरस पशुओं से मनुष्य में नहीं फैलता है.

नहीं हो रहा वैक्सीनेशन: वायरस फैलने का एक मुख्य कारण सामने आया है कि जिन पशुपालकों ने अपनी गायों को खुला छोड़ दिया, वह इसकी चपेट में आ गई. जबकि जो गाय घरों में सुरक्षित हैं वह इससे बची हुई हैं. कई गायों की तो सड़क पर ही मौत हो गई. जिन्हें गौ सेवा समिति के सदस्यों ने विधि विधान के साथ दफनाया. गौ सेवा समिति से जुड़े दीपक नेमा का कहना है कि बहुत तेजी से वायरस फैल रहा है और गायों की मौत हो रही है. फोन करने के बाद भी डॉक्टर बताए गए स्थान पर नहीं पहुंचते हैं. वैक्सीनेशन का दावा झूठ है यदि वैक्सीनेशन हो रहा होता तो इतनी गायों की मौत नहीं होती.

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शासन द्वारा जो पशु वाहन उपलब्ध कराए गए हैं उसका 150 रुपए शुल्क पशुपालक से जमा तो करा लिया जाता है लेकिन उसका लाभ नहीं मिल रहा है. जबकि पशु चिकित्सा विभाग के प्रशिक्षित कर्मचारी और डॉक्टर निजी स्तर पर इलाज करने और वैक्सीनेशन करने पहुंच जाते हैं और उसका तगड़ा शुल्क भी वसूलते हैं. शासन को इस मामले में जांच भी कराना चाहिए. हमारी समिति से जुड़े करीब 10-12 सदस्य जिन गायों की शिनाख्त नहीं हो पा रही है उन्हें अपने स्तर पर दफना रहे हैं.
वैक्सीनेशन का दावा: उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं एडब्ल्यू खान का कहना है कि जहां से सूचना मिलती है हमारी कर्मचारी वहां जाकर इलाज करते हैं. सभी औषधालयों पर लंपी वायरस की वैक्सीन उपलब्ध है वैक्सीनेशन किया जा रहा है. यह वैक्सीन और उपचार शासन द्वारा नि:शुल्क है.

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