दमोह। शनिवार बटियागढ़ थाना क्षेत्र स्थित पाडाझिर गांव में 45 वर्षीय महिला ने अपने 16वें बच्चे को जन्म दिया, लेकिन कुछ ही घंटों बाद महिला और उसके नवजात बेटे की मौत हो गई. महिला की गंभीर हालत होने पर उसे तत्काल ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया जहां रास्ते में ही महिला एवं नवजात की मौत हो गई. इतनी कम उम्र में एक के बाद एक 16 बच्चों को जन्म देना आश्चर्यजनक होने के साथ समाज पर भी सवाल खड़े कर रहा है.
जानकारी के अनुसार पाड़ाझिर निवासी सुखरानी अहिरवार को शनिवार को प्रसव के दौरान 16वें बच्चे को जन्म दिया. लेकिन प्रसव के दौरान गंभीर हालत के चलते परिजन उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हटा लाए. जहां रास्ते में ही महिला सुखरानी एवं नवजात दोनों की मौत हो गई. बताया गया है कि महिला सोलहवीं बार मां बनी थी. महिला कि पहले की 15 संतानों में से मात्र 4 लड़के और 4 लड़कियां जीवित हैं. जबकि 7 बच्चों की मौत हो चुकी है.
आशा सहयोगी की जानकारी
आशा कार्यकर्ता कल्लो बाई विश्वकर्मा ने रविवार को बताया कि पाड़ाझिर निवासी सुखरानी अहिरवार ने शनिवार को अपने 16वें बच्चे को जन्म दिया. प्रसव के दौरान गंभीर हालत के चलते परिजन जच्चा और बच्चा को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, लेकिन रास्ते में ही मां और बेटे दोनों ने दम तोड़ दिया.
परिवार नियोजन की चिंता
इसी बीच, दमोह जिले की मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संगीता त्रिवेदी ने कहा कि शासन की इतनी योजनाओं के बाद भी अभी तक इस महिला का परिवार नियोजन न होना जांच का विषय है. इसकी जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी. लिहाजा पाड़ाझिर गांव दमोह जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर है. जहां सरकारी योजनाओं के अभाव और सोशल मीडिया के दौर में भी एक महिला की 16वें बच्चे को जन्म देने के बाद उसकी मौत होना काफी हैरान कर देने वाला विषय है.