दमोह। भाजपा नेता सिद्धार्थ मलैया ने आज बसपा विधायक रामबाई और उनके परिजनों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. उन्होंने अपनी ही सरकार और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए
सिद्धार्थ मलैया का सरकार पर वार
बहुचर्चित देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड के मामले में हटा में पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन करने वाले, भाजपा नेता सिद्धार्थ मलैया लंबे समय बाद आज एक बार फिर रामबाई के खिलाफ मुखर नजर आए. उन्होंने प्रेस वार्ता में अपनी ही सरकार और पूरी व्यवस्था को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की. सिद्धार्थ मलैया ने कहा कि रामबाई और उनके छह परिजनों पर दमोह जिले में 123 अपराधिक मामले दर्ज हैं. उन्होंने कहा कि विधायक के पति को सरकार से सुरक्षा प्राप्त हैं और उसके बाद भी वे भगोड़ा कैसे हो जाते हैं?
संगठित अपराध रोकने के लिए कानून की जरूरत
सिद्धार्थ मलैया ने कहा कि जिस तरह से महाराष्ट्र में संगठित अपराध को रोकने के लिए मकोका कानून है. उस तरह का कोई कानून हमारे प्रदेश में नहीं है. 2010 में जब भाजपा सरकार इस तरह का एक कानून लेकर आई थी तो कांग्रेस सरकार ने उसका विरोध किया था. 2019 में उसी कानून का नाम बदलकर कमलनाथ लेकर आए. क्योंकि उन्हें गुंडा माफियाओं पर कार्यवाई करनी थी.
विधायक रामबाई पर साधा निशाना
सिद्धार्थ मलैया ने रामबाई पर निशाना साधते हुए कहा, कि कल जब उनकी बाउंड्री वाल तोड़ी जा रही थी. पुलिस ने उनके यहां दबिश दी, तब वह न्याय की बात कर रही थीं. मैं आदरणीय दीदी से पूछना चाहता हूं कि जिन लोगों के परिजनों को आपके परिवार वालों ने मारा है, उन्हें भी न्याय चाहिए
पहले प्रहार, फिर मरहम
मलैया ने कहा कि हर काम कायदे से होना चाहिए. पहले रामबाई को नोटिस देना चाहिए था. उसके बाद उनकी बाउंड्री वाल तोड़नी थी. एक तरफ मलैया ने रामबाई पर निशाना साधा तो दूसरी ओर उनके परिजनों को बिना किसी आधार के पुलिस हिरासत में लेने पर सवाल खड़े किए.
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'मेरी हो सकती है हत्या'
सिद्धार्थ मलैया ने एक सवाल के जवाब में कहा कि देर आए दुरुस्त आए. आज मैं न्याय के लिए आवाज उठा रहा हूं. व्यवस्था के लिए आवाज उठा रहा हूं. संभव है कि आज नहीं तो कल या 5 साल बाद उनकी भी हत्या हो जाए.