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'माई के लाल' शब्द पर फिर सियासी बवाल, जयंत मलैया बोले,-अब बिना पैसे के नहीं होता काम - पूर्व मंत्री जयंत मलैया

दमोह में पूर्व मंत्री जयंत मलैया ने कमलनाथ सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि यहां कोई माई का लाल है जिसका काम बिना पैसों के हुआ हो.

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पूर्व मंत्री जयंत मलैया
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Published : Dec 15, 2019, 11:16 AM IST

Updated : Dec 15, 2019, 12:46 PM IST

दमोह। प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले आया एक शब्द 'माई के लाल' अब फिर सियासी खलबली मचा रहा है. एक बार फिर बीजेपी नेता और प्रदेश के पूर्व मंत्री जयंत मलैया की जुबान पर ये शब्द आया है. बीजेपी के खेत धरना-प्रदर्शन के दौरान एक गांव में भाषण के दौरान पूर्व मंत्री ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसा कोई 'माई का लाल' है, जिसका काम इस सरकार में बिना पैसै के हो रहा है.

बिना पैसों के नहीं होता कोई काम

जिले के बांदकपुर गांव में लोगों के बीच भाषण देते हुए उनके मुंह से 'माई के लाल' शब्द निकला. जयंत मलैया का दावा है कि प्रदेश में कमलनाथ की सरकार में दलाल सक्रिय हैं. टीचर के तबादलों तक में पैसे लिए जा रहे हैं. खुले मंच से मलैया ने इस बात को कहा की वो भी विधायक-मंत्री रहे हैं. लेकिन कोई उनपर एक पैसे का आरोप नहीं लगा सका. लेकिन इस सरकार में बिना पैसे के कोई काम संभव नहीं है.

पूर्व मंत्री ने कमलनाथ सरकार पर साधा निशाना

माई के लाल पर सियासी बवाल

साल भर पहले प्रदेश में विधानसभा चुनावों से ठीक पहले इस शब्द ने जमकर हंगामा मचाया था. तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भरी सभा में आरक्षण की वकालत करते हुए कहा था कि कोई माई का लाल आरक्षण खत्म नहीं कर सकता. शिवराज के इस बयान ने पूरे सूबे में खलबली मचा दी थी. सियासतदारों से लेकर सड़कों तक शिवराज की जमकर आलोचना हुई थी. इतना ही नहीं कहा जाता है कि इसी शब्द ने प्रदेश में सपाक्स जैसी राजनैतिक पार्टी को भी जन्म दिया.

जयंत मलैया भी उन लोगों में शामिल हैं. जिन्हें शिवराज के माई के लाल बयान का खामियाजा भुगतना पड़ा. करीब चार दशकों की राजनैतिक चमक-दमक से दूर विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. लेकिन हार के बाद भी वो क्षेत्र में सक्रिय हैं.

दमोह। प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले आया एक शब्द 'माई के लाल' अब फिर सियासी खलबली मचा रहा है. एक बार फिर बीजेपी नेता और प्रदेश के पूर्व मंत्री जयंत मलैया की जुबान पर ये शब्द आया है. बीजेपी के खेत धरना-प्रदर्शन के दौरान एक गांव में भाषण के दौरान पूर्व मंत्री ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसा कोई 'माई का लाल' है, जिसका काम इस सरकार में बिना पैसै के हो रहा है.

बिना पैसों के नहीं होता कोई काम

जिले के बांदकपुर गांव में लोगों के बीच भाषण देते हुए उनके मुंह से 'माई के लाल' शब्द निकला. जयंत मलैया का दावा है कि प्रदेश में कमलनाथ की सरकार में दलाल सक्रिय हैं. टीचर के तबादलों तक में पैसे लिए जा रहे हैं. खुले मंच से मलैया ने इस बात को कहा की वो भी विधायक-मंत्री रहे हैं. लेकिन कोई उनपर एक पैसे का आरोप नहीं लगा सका. लेकिन इस सरकार में बिना पैसे के कोई काम संभव नहीं है.

पूर्व मंत्री ने कमलनाथ सरकार पर साधा निशाना

माई के लाल पर सियासी बवाल

साल भर पहले प्रदेश में विधानसभा चुनावों से ठीक पहले इस शब्द ने जमकर हंगामा मचाया था. तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भरी सभा में आरक्षण की वकालत करते हुए कहा था कि कोई माई का लाल आरक्षण खत्म नहीं कर सकता. शिवराज के इस बयान ने पूरे सूबे में खलबली मचा दी थी. सियासतदारों से लेकर सड़कों तक शिवराज की जमकर आलोचना हुई थी. इतना ही नहीं कहा जाता है कि इसी शब्द ने प्रदेश में सपाक्स जैसी राजनैतिक पार्टी को भी जन्म दिया.

जयंत मलैया भी उन लोगों में शामिल हैं. जिन्हें शिवराज के माई के लाल बयान का खामियाजा भुगतना पड़ा. करीब चार दशकों की राजनैतिक चमक-दमक से दूर विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. लेकिन हार के बाद भी वो क्षेत्र में सक्रिय हैं.

Intro:फिर सामने आया माई के लाल जिन्न

भाजपाइयों की  जुबान पर माई के लाल

कदावर नेता और पूर्व वित्त मंत्री तलाश रहे है जनता में से माई के लाल 

Anchor. मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले आया एक शब्द माई के लाल अब फिर सियासी खलबली मचा रहा है. इस बार भी भाजपा नेता की जुबान पर ये शब्द आया और सोशल मीडिया से लेकर जनचर्चाओं तक माई के लाल प्रासंगिक हो गया है. खेत किसान आंदोलन के दौरान एक गांव में भाषण के बीच में पूर्व वित्त मंत्री ने एक बार फिर एक शब्द को वायरल कर कांग्रेसियों को चुनौती दी है.


Body:Vo - साल भर पहले मध्यप्रदेश में चुनावों से ठीक पहले एक शब्द ने जमकर हंगामा मचाया और ये शब्द था '' माई के लाल '' ....... तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भरी सभा में आरक्षण की वकालत करते हुए कहा की कोई माई का लाल आरक्षण ख़त्म नहीं कर सकता. शिवराज के इस बयान ने पूरे सूबे में खलबली मचा दी और सियासतदारों से लेकर सड़कों तक शिवराज की फजीती हुई. इतना ही नहीं इस एक शब्द ने प्रदेश सपाक्स जैसी राजनैतिक पार्टी को भी जन्म दिया और जब कम अंतर से सरकार से बाहर हुई भाजपा को कहीं ना कहीं इस बात का मलाल भी रहा की माई के लाल शब्द ने उन्हें सत्ता सुख से बाहर किया. चुनावों के बाद फिर शिवराज की जुबान पर ये शब्द नहीं आया लेकिन एक बार फिर माई के लाल का जिन्न बाहर निकला है. इस बार शिवराज ये नहीं कहा बल्कि उनकी सरकार में वित्त मंत्री रहे प्रदेश के कद्दावर भाजपा नेता जयंत मलैया ताल ठोककर माई के लाल की तलाश कर रहे है. मलैया ने ताल ठोककर माई के लाल शब्द का इस्तेमाल करते हुए कहा है की कोई सामने आये जो कह दे की कमलनाथ की सरकार में मुफ्त में कोई काम हो रहा हो.

बाइट- जयंत मलैया पूर्व वित्त मंत्री मध्यप्रदेश

Vo - दरअसल मलैया भी उन लोगों में शामिल है. जिन्हे शिवराज के माई के लाल बयान का खामियाजा भुगतना पड़ा और करीब चार दशकों की राजनैतिक चमक दमक से दूर विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. लेकिन हार के बाद भी अपनी जमीन कायम रखने वो क्षेत्र में सक्रिय है और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर बरस रहे है. दमोह जिले के बांदकपुर में लोगों के बीच भाषण देते हुए उनके मुँह से माई के लाल शब्द निकला. जयंत मलैया का दावा है की प्रदेश में कमलनाथ की सरकार में दलाल सक्रीय है और टीचर के तबादलों तक में पैसे लिए जा रहे है. खुले मंच से मलैया ने इस बात को कहा की वो भी विधायक मंत्री रहे है. लेकिन कोई उन पर एक पैसे का आरोप नहीं लगा सका. लेकिन इस सरकार में बिना पैसे के कोई काम संभव नहीं है.


Conclusion:Vo- बहरहाल प्रदेश सरकार पर दलाली का गंभीर आरोप है, और ये आरोप एक वरिष्ठ नेता ने लगाया है. जिस पर सरकार को प्रतिक्रया देनी होगी. लेकिन जिस तरह आक्रोश में मलैया ने सरेआम फिर माई के लाल शब्द का इस्तेमाल किया. उसके बाद जनचर्चा का विषय जरूर बना हुआ है और कहीं ना कहीं लोग ये मान रहे है की भाजपा के साथ माई के लाल का गहरा रिश्ता जरूर है.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत दमोह
                           
Last Updated : Dec 15, 2019, 12:46 PM IST
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