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दमोह के इस पर्यावरण प्रेमी परिवार ने गोबर के कंडे से किया पिता का अंतिम संस्कार

दमोह में एक परिवार में पिता की मौत के बाद लकड़ी की जगह गोबर के कंडों से अंतिम संस्कार किया गया और पेड़ बचाने का संदेश दिया गया.

Father's funeral performed with cow dung by family members in damoh
दमोह में कंडे से अंतिम संस्कार
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Published : Feb 11, 2020, 9:11 PM IST

दमोह। जिले के पर्यावरण प्रेमी परिवार ने पिता की मौत के बाद लकड़ी के स्थान पर गाय के गोबर के कंडे से पिता का अंतिम संस्कार किया. परिवार के सदस्य 14 साल से पौधे लगाने का काम करते आ रहे हैं. इसी के चलते इस परिवार ने कंडे से अंतिम संस्कार कर पर्यावरण बचाने का संदेश दिया है.

दमोह में कंडे से अंतिम संस्कार


दमोह के फुटेरा वार्ड नंबर 2 में रहने वाले सेन परिवार द्वारा बीते 14 साल से पर्यावरण के प्रति अलख जगाई जा रही है. इस परिवार के दीपक सेन द्वारा कदम संस्था नामक पेड़ लगाने वाली एक विचारधारा से जुड़कर पर्यावरण के संरक्षण का काम किया जा रहा है.


इस संस्था के माध्यम से इन लोगों के द्वारा पेड़ों को लगाने और उन्हें नहीं काटने का संकल्प भी लिया गया है. ऐसे में मंगलवार को दीपक सेन के पिता का देहांत हो गया, तो दीपक सेन सहित उनके परिवार के सदस्यों ने अपने पिता के अंतिम संस्कार में अपने संकल्प के मुताबिक लकड़ी से अंतिम संस्कार नहीं करने का मन बनाया और परिजनों की सहमति से कंडे के माध्यम से अपने पिता का अंतिम संस्कार किया.


दमोह में यह पहला मामला होगा जब किसी के अंतिम संस्कार में केवल गोबर के कंडे का प्रयोग किया गया हो. इस परिवार के सहयोगियों द्वारा बड़ी मात्रा में कंडों का इंतजाम किया गया और दोपहर के बाद हुई अंत्येष्टि में पिता का अंतिम संस्कार कंडों से किया गया.

दमोह। जिले के पर्यावरण प्रेमी परिवार ने पिता की मौत के बाद लकड़ी के स्थान पर गाय के गोबर के कंडे से पिता का अंतिम संस्कार किया. परिवार के सदस्य 14 साल से पौधे लगाने का काम करते आ रहे हैं. इसी के चलते इस परिवार ने कंडे से अंतिम संस्कार कर पर्यावरण बचाने का संदेश दिया है.

दमोह में कंडे से अंतिम संस्कार


दमोह के फुटेरा वार्ड नंबर 2 में रहने वाले सेन परिवार द्वारा बीते 14 साल से पर्यावरण के प्रति अलख जगाई जा रही है. इस परिवार के दीपक सेन द्वारा कदम संस्था नामक पेड़ लगाने वाली एक विचारधारा से जुड़कर पर्यावरण के संरक्षण का काम किया जा रहा है.


इस संस्था के माध्यम से इन लोगों के द्वारा पेड़ों को लगाने और उन्हें नहीं काटने का संकल्प भी लिया गया है. ऐसे में मंगलवार को दीपक सेन के पिता का देहांत हो गया, तो दीपक सेन सहित उनके परिवार के सदस्यों ने अपने पिता के अंतिम संस्कार में अपने संकल्प के मुताबिक लकड़ी से अंतिम संस्कार नहीं करने का मन बनाया और परिजनों की सहमति से कंडे के माध्यम से अपने पिता का अंतिम संस्कार किया.


दमोह में यह पहला मामला होगा जब किसी के अंतिम संस्कार में केवल गोबर के कंडे का प्रयोग किया गया हो. इस परिवार के सहयोगियों द्वारा बड़ी मात्रा में कंडों का इंतजाम किया गया और दोपहर के बाद हुई अंत्येष्टि में पिता का अंतिम संस्कार कंडों से किया गया.

Intro:पर्यावरण प्रेमी परिवार ने पिता की मौत के बाद लकड़ी के स्थान पर गाय के गोबर के कंडे से किया पिता का अंतिम संस्कार

परिवार के सदस्य 14 साल से पौधे लगाने का करते हैं काम, पेड़ बचे इसलिए कंडे से अंतिम संस्कार कर दिया पर्यावरण बचाने संदेश

Anchor. दमोह जिला मुख्यालय पर रहने वाले पर्यावरण प्रेमी एक परिवार के द्वारा गोबर के कंडे से अपने पिता का अंतिम संस्कार किया गया. इस प्रकार का यह पहला मामला सामने आया है. जब एक संपन्न परिवार के द्वारा लकड़ी के स्थान पर कंडे से अपने परिजन का अंतिम संस्कार कर पर्यावरण को बचाने का संदेश दिया गया है.


Body:Vo. दमोह के फुटेरा वार्ड नंबर 2 में रहने वाले सेन परिवार द्वारा बीते 14 साल से पर्यावरण के प्रति अलख जगाई जा रही है. इस परिवार के दीपक सेन द्वारा कदम संस्था नामक पेड़ों को लगाने वाली एक विचारधारा से जुड़कर पर्यावरण के संरक्षण का काम किया जा रहा है. इस संस्था के माध्यम से इन लोगों के द्वारा पेड़ों को लगाने और उन्हें नहीं काटने का संकल्प भी लिया गया है. ऐसे में मंगलवार को दीपक सेन के पिता का देहांत हो गया, तो दीपक सेन सहित उनके परिवार के सदस्यों ने अपने पिता के अंतिम संस्कार में अपने संकल्प के मुताबिक लकड़ी से अंतिम संस्कार नहीं करने का मन बनाया और परिजनों की सहमति से कंडे के माध्यम से अपने पिता का अंतिम संस्कार किया. दमोह में यह पहला मामला होगा, जब किसी के अंतिम संस्कार में केवल गोबर के कंडे का प्रयोग किया गया हो. इस परिवार के सहयोगीयों द्वारा बड़ी मात्रा में कंडो का इंतजाम किया गया और दोपहर के बाद हुई अंत्येष्टि में पिता का अंतिम संस्कार कंडों से किया गया.

बाइट - दीपक सेन शोकाकुल परिजन एवं कदम संस्था प्रमुख

बाइट - डॉक्टर केदार शर्मा पर्यावरण प्रेमी


Conclusion:Vo. सेन परिवार द्वारा जब अपने पिता का अंतिम संस्कार गोबर के कंडे से करने की बात समाज के लोगों से कही गई, तो कुछ लोगों ने लकड़ी से ही अंतिम संस्कार किए जाने की परंपरा का हवाला दिया. इसके बावजूद अपने पिता का अंतिम संस्कार करने के लिए दीपक सेन सहित परिजनों ने सहमति जताई और पर्यावरण प्रेमी इस परिवार द्वारा अपने पिता का अंतिम संस्कार लकड़ी से नहीं गोबर के कंडे से किया गया. दीपक सेन ने लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक होने का संदेश भी दिया है.

आशीष कुमार जैन
कंटेंट एडिटर एंड रिपोर्टर दमोह
ईटीवी भारत मध्य प्रदेश
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