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किसानों का गुस्सा फूटा, जबलपुर-दमोह हाईवे किया जाम

सायलो मशीन बंद होने से परेशान किसानों ने दमोह-जबलपुर हाईवे पर जाम लगा दिया, जिसकी जानकारी लगते ही मौके पर पहुंचे एसडीओपी और संबंधित विभाग के अधिकारियों ने किसानों को आश्वासन देकर जाम खुलवाया.

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जबलपुर-दमोह हाईवे किया जाम
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Published : Apr 25, 2021, 10:44 AM IST

दमोह। गेहूं खरीदी केंद्र में बार-बार सायलो मशीन बंद होने से परेशान किसानों ने दमोह-जबलपुर हाइवे पर जाम लगा दिया. सूचना मिलने पर तेंदूखेड़ा एसडीओपी और संबंधित विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर किसानों को आश्वासन देकर जाम खुलवाया.

इस चिलचिलाती धूप में जहां लोग घरों से नहीं निकल रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ किसान कई-कई दिनों से अपना अनाज तुलवाने के लिए खरीदी केंद्रों पर डेरा डाले हुए हैं. स्थानीय बिसनाखेड़ी साइलो केंद्र के बाहर पिछले तीन दिनों से करीब 4 किलोमीटर लंबी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की कतार लगी हुई हैं. बार-बार साइलो मशीन खराब होने के कारण किसानों की तुलाई प्रभावित हो रही है. लिहाजा किसानों का गुस्सा फूट पड़ा. उन्होंने जबलपुर-दमोह स्टेट हाईवे जाम कर दिया. जाम लगने के कारण दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गई. उधर सूचना मिलते ही नोहटा थाना प्रभारी सत्येंद्र राजपूत, तेंदूखेड़ा एसडीओपी अशोक चौरसिया, लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन के जिला प्रबंधक बीएम सिंह राठौर मौके पर पहुंचे. उन्होंने किसानों को किसी तरह समझाइश दी.

जबलपुर-दमोह हाईवे किया जाम

पांच दिन में होती है तुलाई
किसानों ने आरोप लगाया कि सायलो केंद्र की दोनों मशीनें खराब पड़ी है, जिससे गेहूं की तुलाई नहीं हो पा रही है. प्रतिदिन 200 से अधिक किसानों को एसएमएस के जरिए गेहूं बेचने के लिए तो बुला लिया जाता है, लेकिन यहां आकर पता चलता है कि तुलाई ही नहीं हो रही है. कुछ किसान चार दिन से तो कुछ पांच दिन से केंद्र के बाहर कतार लगाकर डेरा डाले हुए हैं.

किसानों का आरोप है कि केंद्र के बाहर न तो पेयजल की व्यवस्था है और न ही छांव की, जिससे किसान धूप से बच सकें. इस तपती गर्मी में ही किसानों का माल दो से चार दिन के इंतजार के बाद तुल पाता है. किसानों ने आरोप लगाया कि केंद्र में किसानों को तुलाई के बदले 100-200 रुपए की रिश्वत भी देनी पड़ती है.

मुरैना: फसल बेचने को परेशान अन्नदाता, एमएसपी पर गेहूं की खरीदी बंद

किसानों का कहना है कि जब तक चुनाव नहीं हुए थे, तब नेता गांव-गांव आकर उन्हें आश्वासन दे रहे थे, लेकिन चुनाव होते ही किसानों की क्या परेशानियां हैं, यह कोई नेता देखने नहीं आ रहा है. इतने दिन में एक बार किसी ने यह नहीं पूछा कि माल की तुलाई हो भी रही है या नहीं. एक ट्रॉली माल डालने में करीब 15 मिनट का समय लगता है. इस तरह एक घंटे में करीब 4 ट्रॉली माल की तुलाई होती है.

कितना लक्ष्य, कितना खरीदा
सहकारी बैंक के महाप्रबंधक एसके कनौजिया ने बताया कि इस वर्ष 25 लाख क्विंटल गेहूं खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. आज तक करीब छह लाख क्विंटल गेहूं खरीदा जा चुका है. इसके लिए 42 केंद्र बनाए गए हैं. 41 केंद्र सोसायटी और 41 केंद्रों में स्व-सहायता समूह द्वारा गेहूं खरीदी जा रही है.

दोनों मशीनों से होगी तुलाई
लॉजिस्टिक कार्पोरेशन के प्रबंधक बीएम सिंह राठौर ने बताया कि एक सायलो मशीन चालू है. दूसरी मशीन में कुछ खराबी है. उसे ठीक किया जा रहा है. 243 ट्रॉलियां आई थी, जिसमें से करीब 150 ट्रॉली गेहूं खरीदा गया है. किसानों को किसी तरह की परेशानी न हों, इसके पूरे प्रयास किए जा रहे हैं.

दमोह। गेहूं खरीदी केंद्र में बार-बार सायलो मशीन बंद होने से परेशान किसानों ने दमोह-जबलपुर हाइवे पर जाम लगा दिया. सूचना मिलने पर तेंदूखेड़ा एसडीओपी और संबंधित विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर किसानों को आश्वासन देकर जाम खुलवाया.

इस चिलचिलाती धूप में जहां लोग घरों से नहीं निकल रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ किसान कई-कई दिनों से अपना अनाज तुलवाने के लिए खरीदी केंद्रों पर डेरा डाले हुए हैं. स्थानीय बिसनाखेड़ी साइलो केंद्र के बाहर पिछले तीन दिनों से करीब 4 किलोमीटर लंबी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की कतार लगी हुई हैं. बार-बार साइलो मशीन खराब होने के कारण किसानों की तुलाई प्रभावित हो रही है. लिहाजा किसानों का गुस्सा फूट पड़ा. उन्होंने जबलपुर-दमोह स्टेट हाईवे जाम कर दिया. जाम लगने के कारण दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गई. उधर सूचना मिलते ही नोहटा थाना प्रभारी सत्येंद्र राजपूत, तेंदूखेड़ा एसडीओपी अशोक चौरसिया, लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन के जिला प्रबंधक बीएम सिंह राठौर मौके पर पहुंचे. उन्होंने किसानों को किसी तरह समझाइश दी.

जबलपुर-दमोह हाईवे किया जाम

पांच दिन में होती है तुलाई
किसानों ने आरोप लगाया कि सायलो केंद्र की दोनों मशीनें खराब पड़ी है, जिससे गेहूं की तुलाई नहीं हो पा रही है. प्रतिदिन 200 से अधिक किसानों को एसएमएस के जरिए गेहूं बेचने के लिए तो बुला लिया जाता है, लेकिन यहां आकर पता चलता है कि तुलाई ही नहीं हो रही है. कुछ किसान चार दिन से तो कुछ पांच दिन से केंद्र के बाहर कतार लगाकर डेरा डाले हुए हैं.

किसानों का आरोप है कि केंद्र के बाहर न तो पेयजल की व्यवस्था है और न ही छांव की, जिससे किसान धूप से बच सकें. इस तपती गर्मी में ही किसानों का माल दो से चार दिन के इंतजार के बाद तुल पाता है. किसानों ने आरोप लगाया कि केंद्र में किसानों को तुलाई के बदले 100-200 रुपए की रिश्वत भी देनी पड़ती है.

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किसानों का कहना है कि जब तक चुनाव नहीं हुए थे, तब नेता गांव-गांव आकर उन्हें आश्वासन दे रहे थे, लेकिन चुनाव होते ही किसानों की क्या परेशानियां हैं, यह कोई नेता देखने नहीं आ रहा है. इतने दिन में एक बार किसी ने यह नहीं पूछा कि माल की तुलाई हो भी रही है या नहीं. एक ट्रॉली माल डालने में करीब 15 मिनट का समय लगता है. इस तरह एक घंटे में करीब 4 ट्रॉली माल की तुलाई होती है.

कितना लक्ष्य, कितना खरीदा
सहकारी बैंक के महाप्रबंधक एसके कनौजिया ने बताया कि इस वर्ष 25 लाख क्विंटल गेहूं खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. आज तक करीब छह लाख क्विंटल गेहूं खरीदा जा चुका है. इसके लिए 42 केंद्र बनाए गए हैं. 41 केंद्र सोसायटी और 41 केंद्रों में स्व-सहायता समूह द्वारा गेहूं खरीदी जा रही है.

दोनों मशीनों से होगी तुलाई
लॉजिस्टिक कार्पोरेशन के प्रबंधक बीएम सिंह राठौर ने बताया कि एक सायलो मशीन चालू है. दूसरी मशीन में कुछ खराबी है. उसे ठीक किया जा रहा है. 243 ट्रॉलियां आई थी, जिसमें से करीब 150 ट्रॉली गेहूं खरीदा गया है. किसानों को किसी तरह की परेशानी न हों, इसके पूरे प्रयास किए जा रहे हैं.

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