दमोह। जिले में इन दिनों सब्जियों की सही कीमत नहीं मिलने की वजह से किसान परेशान हैं. इन किसानों का कहना है कि जिन दामों पर वे बीते वर्षों में सब्जियां बेचते रहे हैं. वो दाम भी उनको नहीं मिल रहा. ऐसे में खेतों में ही सब्जियां खराब हो रही हैं या फिर उनको औने-पौने दाम में ही सब्जियों को बेचना पड़ रही हैं. ये हालात बीते 2 से 3 महीने से बने हुए हैं जो अभी तक जारी हैं.
दमोह जिले में विशेष रूप से आलू, प्याज, गिलकी, लौकी, टमाटर सहित वो सभी सब्जियां होती हैं, जो जरूरत के हिसाब से लोग प्रयोग करते हैं. इसके अलावा अनेक सब्जियां बाहरी शहरों से आती हैं. ऐसे हालात में जब लॉकडाउन का वक्त हुआ तो किसानों को खेतों में पैदा हुई सब्जियों को बेचने का मौका नहीं मिला. यदि उनकी सब्जियां बिकने के लिए गयी भी तो उसका उचित दाम नहीं मिल सका. बीते 3 महीनों से ये हालात अभी भी जारी हैं. किसानों का कहना है कि वे बीते महीनों से मेहनत तो पूरी कर रहे हैं, लेकिन मेहनत का उचित दाम उनको नहीं मिल पा रहा है.
मेहनतकश किसान की किस्मत में हमेशा ही दुख ही लिखा होता है, यही कारण है कि खेतों में मेहनत करने वाले किसान को अपनी मेहनत का उचित मेहनताना भी नहीं मिलता. यही हाल दमोह के किसानों का है. इनका कहना है कि बीते महीनों से उनको सब्जियों का उचित दाम नहीं मिल सका है और जो सब्जियां खेतों में लगी हुई हैं, वो भी खराब हो रही हैं, या फिर बिचौलिए औने-पौने दाम पर उनको खरीद रहे हैं.