दमोह। एक पीड़ित परिवार बेटी को न्याय के लिए पदयात्रा करते हुए शनिवार की देर शाम दमोह जिले के हटा पहुंचा. पन्ना जिले के मणियन गांव के रहने वाले इस परिवार ने बेटी को न्याय के लिए पुलिस प्रशासन और सरकारी तंत्र के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और न्याय की मांग की. किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ईश्वर चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि शिवराज सरकार में बेटियां सुरक्षित नहीं है. यहां आए दिन बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बलात्कारियों को राजनीतिक लोग संरक्षण दे रहे हैं जिस का ताजा और उदाहरण मणियन गांव में हुई घटना के बाद पुलिस का रवैया बता रहा है.
वहीं मृतिका के भाई जगदीश कुशवाह ने बताया कि पुलिस द्वारा उनकी बहन के साथ हुई वारदात में अभी तक सिर्फ एक आरोपी बनाया गया है. जबकि घटना में एक से ज्यादा लोग शामिल थे. युवक ने कहा कि उनकी बहन के साथ दुष्कर्म के बाद आरोपियों ने चाकूओं से गोदकर हत्या कर दी थी.
युवक ने बताया कि इस पूरी घटना में पुलिस ने अब तक चाकू और खून से सने कपड़े और मोबाइल जब्त नहीं किया है. युवक ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने मंगेतर को आरोपी बनाकर पूरे मामले को दबा दिया है. वह न्याय के लिए पन्ना में विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं. लेकिन उन्हें अभी तक कोई न्याय नहीं मिला है. युवक जगदीश कुशवाह ने कहा कि अब पैदल यात्रा करते हुए सागर कमिश्नर के यहां धरना देंगे और अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो आत्महत्या कर लेंगे.
क्या था मामला
पन्ना कोतवाली थाना क्षेत्र के गांव मणियन में एक नाले में 20 वर्षीय युवती की क्षत विक्षत अवस्था में लाश मिली थी. घटना में पुलिस ने युवती के मंगेतर को आरोपी बनाया था लेकिन मृतिका के भाई का कहना है घटना में एक से अधिक आरोपी शामिल हैं जिसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए. जिसके बाद से ही पीड़िता के परिजन लगातार न्याय के लिए दर दर भटक रहे हैं.