दमोह। आई फ्लू का प्रकोप जिलेभर में लगातार बढ़ता जा रहा है. आई फ्लू यानि कंजेक्टिवाइटिस लगातार लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है. खुले बाजारों में तो यह संक्रमण फैला ही रहा है लेकिन अब जेल की सुरक्षित दीवारों को भेदकर कैदियों को भी अपनी चपेट में ले रहा है. दरअसल, जिला जेल में बंद विचाराधीन कैदियों और बंदियों में लगातार बढ़ती बीमारी को देखकर जेल प्रशासन ने स्वास्थ्य शिविर लगाया. जिसमें लगभग 125 से अधिक कैदियों और बंदियों में आई फ्लू के लक्षण पाए गए. उन्हें तुरंत ही दवा दी गई तथा सावधानी बरतने एवं संक्रमण उनसे किसी दूसरे बंदी एवं कैदियों में न फैले इसके लिए उन्हें समझाइश दी.
बाहर के कैदियों से फैला रोग : बता दें कि करीब 450 क्षमता वाले जेल में 700 से अधिक कैदी और बंदी हैं. इस संबंध में उप जेल अधीक्षक सीएल प्रजापति का कहना है कि बाहर से जो कैदी जेल में आए हैं, उनके कारण यह आई फ्लू फैला है. पिछले एक हफ्ते से संक्रमण फैला हुआ था. इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग को हमने पत्र लिखकर शिविर लगाने का आग्रह किया था. जिसके बाद नेत्र चिकित्सक डॉ.राकेश राय और उनकी टीम ने कैदियों और बंदियों का नेत्र परीक्षण किया. जिसमें करीब सवा सौ लोग आई फ्लू से पीड़ित निकले.
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तेजी से फैलता है संक्रमण : नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ.राकेश राय ने बताया कि जेल में बंद कैदियों का परीक्षण किया गया. पीड़ित मरीजों को आई ड्रॉप दिए गए. साथ ही उन्हें समझाइश दी गई कि स्वस्थ मरीजों के संपर्क में न रहें. अपने हाथों को और चेहरे को बार-बार धोते रहें. हाथ सैनेटाइज करते रहें. जरा भी गंदगी हाथ और आंखों में नहीं रहना चाहिए. गंदे हाथों से आंखों को न छुएं. तभी इस संक्रामक बीमारी से बचा जा सकता है. हवा में उड़कर फैलने वाली बीमारी है. अस्वस्थ व्यक्ति से शीघ्र ही स्वस्थ व्यक्ति में फैल जाती है. जिसमें आंखें लाल होना, उनसे लगातार कीचड़ और पानी आना, आंखों में दर्द होना, साफ-साफ न दिखाई देना इसके प्रमुख लक्षण हैं.