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कुंडलपुर रेल लिंक को मंजूरी देने की मांग, सौंपा ज्ञापन

जिले की महत्वकांक्षी कुंडलपुर रेल लिंक परियोजना को मंजूरी दिलाने की मांग को लेकर विभिन्न संगठनों ने कलेक्टर से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा.

Demand for approval of Kundalpur rail link
कुंडलपुर रेल लिंक को मंजूरी देने की मांग
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Published : Mar 9, 2021, 5:40 PM IST

दमोह। जिले के कई संगठनों ने मिलकर दमोह से कुंडलपुर लिंक रेल लाइन को स्विकृत कराने की मांग की है. जैन महिला मंडल, सकल युवा जैन समाज और दमोह रेल संघर्ष समिति ने संयुक्त रूप से कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में मांग की गई है कि 13 वर्ष पूर्व तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने दमोह से कुंडलपुर करीब 38 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के लिए मंजूरी प्रदान की थी. लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बजट देने से इंकार कर दिया था.

  • क्या है मामला

दमोह से कुंडलपुर के लिए लिंक रेल मार्ग के सर्वे के लिए 2007 में तत्कालीन भाजपा सांसद चंद्रभान सिंह ने अपनी निधि से 1 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की थी. जिस पर केंद्र सरकार द्वारा राज्य राशि के लिए पत्र तत्कालीन भाजपा सरकार को भेजा गया, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह कहते हुए राशि देने से इंकार कर दिया कि मध्य प्रदेश में रेल का घनत्व काफी कम है. ऐसी परियोजना के लिए केंद्र सरकार को ही पूर्ण राशि देना चाहिए. तभी से दमोह से कुंडलपुर के लिए लिंक रेल मार्ग का मामला अधर में लटका हुआ है.

महावीर जयंती पर कुंडलपुर में नहीं हुआ कोई आयोजन, जैन समाज ने घर पर किया कार्यक्रम

  • क्या है मांगें

ज्ञापन में कहा गया है कि 2022 तक कुंडलपुर में बड़े बाबा का मंदिर बनकर पूर्ण हो जाएगा. उस समय पूरे देश और कई अन्य देशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे. उनके लिए कुंडलपुर जाने की कोई व्यवस्था नहीं है. ऐसे में उन्हें दमोह स्टेशन पर उतरना पड़ेगा और किसी अन्य साधन से कुंडलपुर तक जाना पड़ेगा. मंदिर निर्माण होने के पूर्व ही उक्त रेल लाइन को बजट दिए जाने की मांग की गई है.

दमोह। जिले के कई संगठनों ने मिलकर दमोह से कुंडलपुर लिंक रेल लाइन को स्विकृत कराने की मांग की है. जैन महिला मंडल, सकल युवा जैन समाज और दमोह रेल संघर्ष समिति ने संयुक्त रूप से कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में मांग की गई है कि 13 वर्ष पूर्व तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने दमोह से कुंडलपुर करीब 38 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के लिए मंजूरी प्रदान की थी. लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बजट देने से इंकार कर दिया था.

  • क्या है मामला

दमोह से कुंडलपुर के लिए लिंक रेल मार्ग के सर्वे के लिए 2007 में तत्कालीन भाजपा सांसद चंद्रभान सिंह ने अपनी निधि से 1 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की थी. जिस पर केंद्र सरकार द्वारा राज्य राशि के लिए पत्र तत्कालीन भाजपा सरकार को भेजा गया, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह कहते हुए राशि देने से इंकार कर दिया कि मध्य प्रदेश में रेल का घनत्व काफी कम है. ऐसी परियोजना के लिए केंद्र सरकार को ही पूर्ण राशि देना चाहिए. तभी से दमोह से कुंडलपुर के लिए लिंक रेल मार्ग का मामला अधर में लटका हुआ है.

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  • क्या है मांगें

ज्ञापन में कहा गया है कि 2022 तक कुंडलपुर में बड़े बाबा का मंदिर बनकर पूर्ण हो जाएगा. उस समय पूरे देश और कई अन्य देशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे. उनके लिए कुंडलपुर जाने की कोई व्यवस्था नहीं है. ऐसे में उन्हें दमोह स्टेशन पर उतरना पड़ेगा और किसी अन्य साधन से कुंडलपुर तक जाना पड़ेगा. मंदिर निर्माण होने के पूर्व ही उक्त रेल लाइन को बजट दिए जाने की मांग की गई है.

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