दमोह। जिले भर में चल समारोह उत्साह पूर्वक मनाया गया. जगह-जगह से देवी प्रतिमाएं अखाड़े के साथ निकली और तालाब व नदियों में उनका विसर्जन किया. लेकिन इसी बीच हुई एक घटना ने संप्रदायिक गर्मी बढ़ा दी. यदि समय रहते पुलिस एक्शन न लेती तो निश्चित रूप से दमोह जिला चंद मिनटों में दंगों की चपेट में आ जाता. दरअसल हिंडोरिया नगर में चल समारोह के दौरान प्रतिमाएं तैयार करके निकाली जा रही थीं. उसी दौरान अखाड़ा नंबर 1 के मेन बाजार में स्थापित नगर सेठानी को विसर्जन के लिए ले जाया जा रहा था. इस दौरान बस स्टैंड क्षेत्र पर कुछ लोगों ने पथराव शुरू कर दिया. इसके बाद वहां पर भगदड़ मच गई. कोई कुछ समझ पाता इसके पहले ही पथराव करने वाले रफू चक्कर हो गए.
पार्षद और उनके बेटे को आई चोट: गुस्साए समिति वाले थाने पहुंच गए और मामले की शिकायत दर्ज कराई. घटना में क्षेत्र के एक पार्षद प्रेम नारायण साहू तथा बेटे को चोट भी आई है. गनीमत यह रही की जिस दौरान पथराव हुआ उस समय पुलिस बल मौजूद था. जिसके कारण आगे कोई विवाद नहीं बढ़ पाया. पुलिस ने तुरंत ही लोगों को कार्रवाई का आश्वासन दिया. वार्ड नंबर 13 के पार्षद प्रेम नारायण साहू ने बताया कि ''जब हम दुर्गा विसर्जन के लिए जा रहे थे उसी समय बस स्टैंड पर विशेष वर्ग के कुछ लोगों ने पथराव कर दिया. जिसमें कुछ लोग घायल हो गए हैं.''
आरोपियों की पहचान करे में जुटी पुलिस: एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि ''हिंडोरिया के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है. जब दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के द्वारा इस तरह का निंदनीय कृत्य किया गया है. हम इस कृत्य की निंदा करते हैं, धर्म विशेष के लोगों ने पथराव किया है. जिसमें पार्षद सहित कुछ लोग घायल हुए हैं.'' वही इस मामले में हिंडोरिया थाना प्रभारी महेंद्र सिंह जगत का कहना है कि ''मामले में प्रकरण दर्ज किया जा रहा है, किन लोगों ने हमला किया है उनकी पहचान नहीं हो सकी है. मामले में कार्रवाई चल रही है.''