दमोह। 21वीं सदी में हम भले ही कितने ही आधुनिक हों और चांद पर इंसान को बसाने की बात कर लें, लेकिन हकीकत दमोह जिले के कुछ गांव से कोसों दूर है. हम बात कर रहे हैं जिले की एकमात्र महिला और बसपा की दबंग विधायक रामबाई परिहार के विधानसभा क्षेत्र पथरिया की. जहां असलाना और बड़ी सागोनी गांव के बीच में बहने वाली सुनार नदी जीवनदायिनी तो है लेकिन परेशानी से भी कम नहीं है. दरअसल, स्कूली बच्चों को नाव में बैठकर नदी को पार करना पड़ता है यहीं बड़ी परेशानी है.
बता दें कि सुनार नदी को पार करने के लिए पक्का पुल तो बना है, लेकिन उसका लोकार्पण न होने का कारण बच्चों को पढ़ने के लिए सदगुवां नाव से नदी को पार करके जाना पड़ता है. ऐसे में किसी अनहोनी होने का डर हमेशा बना रहता है. बता दें इन दिनों भारी बारिश के कारण सभी नदियां उफान पर हैं. कब नदी रौद्र रूप ले ले कुछ कहा नहीं जा सकता है. इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में बच्चे अपनी जान हथेली पर लेकर नदी पार करते हैं. बताया जा रहा है नदी पर पुल बना है लेकिन पुल के दोनों तरफ निजी जमीने हैं. उनका अभी तक हस्तांतरण और अधिग्रहण नहीं हुआ है, जिसके कारण बच्चों को नाव की सवारी करके जान जोखिम में डालकर स्कूल आना जाना पड़ता है
नाव से स्कूल जाना मजबूरीः स्कूल की छात्रा आरुषि कुर्मी कहती हैं कि, ''सड़क नहीं है, जिसके कारण नदी पार करके नाव से आना जाना पड़ता है. कभी-कभी जब नदी में बाढ़ आती है तो दो से तीन दिन तक स्कूल नहीं जा पाते. डर लगता है लेकिन स्कूल जाना भी मजबूरी है."
सड़क बनने से आना-जाना होगा सरलः कक्षा आठवीं की छात्रा रक्षा कुर्मी कहती है कि, ''हमारे गांव से सड़क नहीं है, जिससे नाव के जरिए नदी पार करनी पड़ती है. यदि सड़क बन जाए तो आना-जाना सरल हो जाएगा."
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25 गांव के लोगों को पुल का मिलेगा लाभः वहीं, स्कूल के प्राचार्य हरगोविंद तिवारी का कहना है कि "यदि पुल चालू हो जाए तो 25 गांव के लोगों को इसका लाभ मिलेगा. पुल तो बन गया है, लेकिन जमीन दोनों तरफ प्राइवेट है जिसके कारण सड़क नहीं बन पा रही है इससे बच्चों के साथ सभी को परेशानी होती है."