दमोह। मड़ियादो के एक गांव में नीम के पेड़ से दूधिया पदार्थ निकलने से लोगों की भीड़ जमा हो गई. लोग इसे चमत्कार मानकर पूजा पाठ कर रहे हैं. हालांकि तरल पदार्थ क्या है इसके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है. विज्ञान ने भले ही कितनी तरक्की कर ली है, 21वीं सदी में लोग जी रहे हैं लेकिन इसके बाद भी लोगों की धर्म पर आस्था और विश्वास बना हुआ है. लोग आज भी आस्था में किसी भी घटना को ईश्वर का चमत्कार मान लेते हैं और पूजा अर्चना का क्रम भी शुरू हो जाता है. वनवासहार में एक खेत मे लगे (Neem Tree Milky Water) नीम के पेड़ से तरल पदार्थ के रिसाव होता देख यंहा लोगो ने दैवीय चमत्कार मानकर पूजा अर्चना शुरू कर दी.
मंदिर का निर्माण: आस्था में डूबे लोगों ने यंहा एक छोटे मंदिर का निर्माण भी करा दिया. जिसके बाद लोगों की भीड़ पूजा करने के लिए उमड़ रही है. नीम के पेड़ से निकल रहे दूधिया तरल पदार्थ को जमा करने पेड़ के नीचे ही एक गढ्ढा बनाया गया है. यहां आने वाले श्रद्धालु उस जल को पीते हैं. लोगों की मानें तो पिछले कुछ महीनों से नीम के पेड़ से यह दूधिया जल निकल रहा है. हालांकि जानकार लोग इसे सिर्फ सामान्य प्रक्रिया बता रहे हैं. जिन्होंने इसका वैज्ञानिक कारण भी बताया है. गांव के गुलजार सिंह बताते हैं कि तीन-चार माह से नीम के पेड़ से दूध जैसी धार निकल रही है. जिसके बाद सभी लोगों ने मिलकर यहां पर एक छोटे मंदिर का निर्माण कर दिया है.
पहले भी आ चुके हैं ऐसे मामले: नीम के पेड़ से दूधिया पानी निकलने की घटनाएं पहले भी प्रदेश के अलग-अलग जिलोंं गावों से आ चुकी हैं. जहां लोग पेड़ से दूध निकलने पर चमत्कार मानकर पूजा पाठ शुरू कर देते है. कई जगह लोग इस तरह की घटना को शीतला माता का चमत्कार मानते है. (Neem Tree Milky Water) यही नहीं अक्सर लोग इसे सच मानते हैं और वैज्ञानिक कारणों को दरकिनार भी कर देते हैं.
Disclaimer: Etv Bharat इस तरह की घटनाओं में चमत्कार की पुष्टी नहीं करता. अधिकांश मामलों के पीछे वैज्ञानिक कारण होते हैं.