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दमोह में हॉस्टल का वॉर्डन करता था छात्रा को अश्लील मैसेज, बिना अनुमति चल रहा था लाल बंधुओं का छात्रावास - damoh crime news

ईसाई मिशनरी द्वारा संचालित आधारशिला संस्थान बाल गृह पर बाल आयोग ने रविवार को छापामार कार्रवाई की है. मामला एक नाबालिग बच्ची को अश्लील मैसेज किए जाने का है. इस मामले में बाल आयोग ने कार्रवाई की है.

damoh hostel warden send obscene messages
दमोह छात्रावास की वार्डन भेजता था अश्लील मैसेज
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Published : Jun 11, 2023, 11:02 PM IST

दमोह। जिले में ईसाई मिशनरी के प्रमुख लाल बंधुओं की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है. ताजा मामला उनके द्वारा संचालित बाल गृह केंद्र का है. डॉक्टर अजय लाल की संस्था आधारशिला संस्थान द्वारा संचालित बाल गृह पर रविवार को राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने कार्रवाई की. दरअसल यहां से चेन्नई में गोद ली गई एक नाबालिग बच्ची को यहां के कर्मचारी ने अश्लील मैसेज किए थे, जिसका खुलासा हुआ है. इसी मामले को लेकर कार्रवाई की गई.

वॉर्डन करता था अश्लील मैसेज: ओंकार सिंह सदस्य राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग का कहना है कि इस संस्थान से एक बच्ची एडॉप्शन पर चेन्नई भेजी गई थी. बच्ची के दत्तक माता-पिता ने यह शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी बच्ची को यहां के एक शिक्षक द्वारा अश्लील मैसेज भेजे जाते हैं. उस शिकायत के आधार पर हमने यहां पर जांच की है. इस दौरान पता चला कि बॉयज हॉस्टल में ये आरोपी वार्डन है जो गर्ल्स और बॉयस दोनों हॉस्टल में दिन में 3-4 बार जाता था. इसके बाद इस घटना को लेकर कार्रवाई के लिए पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए गए. आयोग सदस्य का कहना है कि स्थानीय प्रशासन और संस्था की मिलीभगत के कारण यह संभव हुआ है. जब मामले की शिकायत कि गई थी, उसी समय पर पुलिस ने कार्रवाई क्यों नहीं की. वहीं शिकायत के बाद कर्मचारी डेनियल को काम से निकाल दिया गया है, लेकिन घटना की जानकारी सामने आने के बाद से ही आरोपी फरार है.

स्कूल में पढ़ाए जाते हैं बाइबल: अश्लील मैसेज मामले में बाल आयोग की टीम ने पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर प्रश्न चिन्ह लगाया है. इस मामले में और कड़ी कार्रवाई करने की मंशा आयोग के सदस्यों ने जाहिर की है. वहीं स्कूल में बाइबल पढ़ाए जाने वाले मामले में आयोग ने चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए हैं. आयोग का कहना है कि छात्रावास की मान्यता उनके पास नहीं है. उसे वह स्कूल मानते हैं, लेकिन यह नियम है कोई अधिकारी उसकी जांच करता है तो उसका उल्लेख अधिकारी को करना चाहिए. जब हमने गंगा जमुना स्कूल की जांच की थी, तब भी कई अनियमितताएं पाई थी. कक्षा 1 से 5 तक की पुस्तकें जब बिक चुकीं हैं, जिनमें बाइबल है कुछ और पुस्तकें हैं जो बच्चों को पढ़ाई जाती है. जबकि संस्थान में अन्य धर्मों के भी बच्चे हैं कुछ बड़े बच्चे तो अपने आप को ईसाई समझने लगे हैं.

कुछ खबरें यहां पढ़ें...

कुछ किताबें भी जब्त: बता दें कि रविवार को राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम यहां पहुंची थी. उनके द्वारा निरीक्षण किया गया और बच्चों से बात की गई. यहां से कुछ किताबें भी जब्त की गई है. उनका कहना है कि यहां हर धर्म के बच्चे हैं पर उनका कोई पूजा स्थल नहीं है. यहां पर बाइबल की पढ़ाई कराई जा रही है. वहीं बच्चों को उनके धर्म से विमुख करने की बात भी आयोग के सदस्यों ने की है.

दमोह। जिले में ईसाई मिशनरी के प्रमुख लाल बंधुओं की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है. ताजा मामला उनके द्वारा संचालित बाल गृह केंद्र का है. डॉक्टर अजय लाल की संस्था आधारशिला संस्थान द्वारा संचालित बाल गृह पर रविवार को राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने कार्रवाई की. दरअसल यहां से चेन्नई में गोद ली गई एक नाबालिग बच्ची को यहां के कर्मचारी ने अश्लील मैसेज किए थे, जिसका खुलासा हुआ है. इसी मामले को लेकर कार्रवाई की गई.

वॉर्डन करता था अश्लील मैसेज: ओंकार सिंह सदस्य राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग का कहना है कि इस संस्थान से एक बच्ची एडॉप्शन पर चेन्नई भेजी गई थी. बच्ची के दत्तक माता-पिता ने यह शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी बच्ची को यहां के एक शिक्षक द्वारा अश्लील मैसेज भेजे जाते हैं. उस शिकायत के आधार पर हमने यहां पर जांच की है. इस दौरान पता चला कि बॉयज हॉस्टल में ये आरोपी वार्डन है जो गर्ल्स और बॉयस दोनों हॉस्टल में दिन में 3-4 बार जाता था. इसके बाद इस घटना को लेकर कार्रवाई के लिए पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए गए. आयोग सदस्य का कहना है कि स्थानीय प्रशासन और संस्था की मिलीभगत के कारण यह संभव हुआ है. जब मामले की शिकायत कि गई थी, उसी समय पर पुलिस ने कार्रवाई क्यों नहीं की. वहीं शिकायत के बाद कर्मचारी डेनियल को काम से निकाल दिया गया है, लेकिन घटना की जानकारी सामने आने के बाद से ही आरोपी फरार है.

स्कूल में पढ़ाए जाते हैं बाइबल: अश्लील मैसेज मामले में बाल आयोग की टीम ने पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर प्रश्न चिन्ह लगाया है. इस मामले में और कड़ी कार्रवाई करने की मंशा आयोग के सदस्यों ने जाहिर की है. वहीं स्कूल में बाइबल पढ़ाए जाने वाले मामले में आयोग ने चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए हैं. आयोग का कहना है कि छात्रावास की मान्यता उनके पास नहीं है. उसे वह स्कूल मानते हैं, लेकिन यह नियम है कोई अधिकारी उसकी जांच करता है तो उसका उल्लेख अधिकारी को करना चाहिए. जब हमने गंगा जमुना स्कूल की जांच की थी, तब भी कई अनियमितताएं पाई थी. कक्षा 1 से 5 तक की पुस्तकें जब बिक चुकीं हैं, जिनमें बाइबल है कुछ और पुस्तकें हैं जो बच्चों को पढ़ाई जाती है. जबकि संस्थान में अन्य धर्मों के भी बच्चे हैं कुछ बड़े बच्चे तो अपने आप को ईसाई समझने लगे हैं.

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कुछ किताबें भी जब्त: बता दें कि रविवार को राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम यहां पहुंची थी. उनके द्वारा निरीक्षण किया गया और बच्चों से बात की गई. यहां से कुछ किताबें भी जब्त की गई है. उनका कहना है कि यहां हर धर्म के बच्चे हैं पर उनका कोई पूजा स्थल नहीं है. यहां पर बाइबल की पढ़ाई कराई जा रही है. वहीं बच्चों को उनके धर्म से विमुख करने की बात भी आयोग के सदस्यों ने की है.

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