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दमोह में है केवल आठ फायर ब्रिग्रेड वाहन, जिलेभर की अग्निशमन एक दूसरे को करती है सहयोग - जिला प्रशासन

जिले में होने वाली आगजनी की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए पूरे जिले में केवल 8 फायर ब्रिग्रेड वाहन है. जो जिला प्रशासन के निर्देश के चलते एक दूसरे से मिलकर आगजनी की घटनाओं को नियंत्रित करने में सहयोग करते हैं.

दमोह में है केवल आठ फायर ब्रिग्रेड वाहन
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Published : May 9, 2019, 5:21 PM IST

दमोह। जिले में होने वाली आगजनी की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए पूरे जिले में केवल 8 फायर ब्रिग्रेड वाहन है. जो जिला प्रशासन के निर्देश के चलते एक दूसरे से मिलकर आगजनी की घटनाओं को नियंत्रित करने में सहयोग करते हैं.

दमोह में है केवल आठ फायर ब्रिग्रेड वाहन


जिला शहरी अभिकरण अधिकारी कपिल कुमार खरे ने बताया कि गर्मी के दिनों में आग लगने की दुर्घटनाएं बहुत होती हैं. शासन से मंजूर कराकर हमने एक फायर ब्रिगेड और खरीदी है. अब दमोह नगर पालिका के पास दो फायर ब्रिगेड हैं. इनमें 12 कर्मचारी कार्यरत हैं. जिले में बढ़ती आगजनी की घटनाओं को देखते हुए फायर बिग्रेड के लिए उपयोग होने वाले अन्य सामग्री को भी जुटाया गया.

उन्होंने बताया कि पूरानी फायर ब्रिगेड में फोम की सुविधा नहीं है वहीं नए खरीदे गए फायर ब्रिग्रेड में फोम की व्यवस्था उपलब्ध है. जिससे ज्वलनशील पदार्थों वाले स्थानों पर आग लगने पर जल्द काबू पाया जाता है. फिलहाल 8 फायर ब्रिगेड के माध्यम से पूरे जिले को अग्निशमन के लिए फायर प्रूफ किए जाने का काम किया जा रहा है.

दमोह। जिले में होने वाली आगजनी की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए पूरे जिले में केवल 8 फायर ब्रिग्रेड वाहन है. जो जिला प्रशासन के निर्देश के चलते एक दूसरे से मिलकर आगजनी की घटनाओं को नियंत्रित करने में सहयोग करते हैं.

दमोह में है केवल आठ फायर ब्रिग्रेड वाहन


जिला शहरी अभिकरण अधिकारी कपिल कुमार खरे ने बताया कि गर्मी के दिनों में आग लगने की दुर्घटनाएं बहुत होती हैं. शासन से मंजूर कराकर हमने एक फायर ब्रिगेड और खरीदी है. अब दमोह नगर पालिका के पास दो फायर ब्रिगेड हैं. इनमें 12 कर्मचारी कार्यरत हैं. जिले में बढ़ती आगजनी की घटनाओं को देखते हुए फायर बिग्रेड के लिए उपयोग होने वाले अन्य सामग्री को भी जुटाया गया.

उन्होंने बताया कि पूरानी फायर ब्रिगेड में फोम की सुविधा नहीं है वहीं नए खरीदे गए फायर ब्रिग्रेड में फोम की व्यवस्था उपलब्ध है. जिससे ज्वलनशील पदार्थों वाले स्थानों पर आग लगने पर जल्द काबू पाया जाता है. फिलहाल 8 फायर ब्रिगेड के माध्यम से पूरे जिले को अग्निशमन के लिए फायर प्रूफ किए जाने का काम किया जा रहा है.

Intro:पूरे जिले में 8 अग्निशमन वाहन करते हैं आगजनी की घटनाओं को नियंत्रित जिला मुख्यालय पर है फॉर्म वाली अग्निशमन

जिला शहरी अभिकरण के माध्यम से जिलेभर की अग्निशमन एक दूसरे को करती है सहयोग

Anchor. दमोह जिले में होने वाली आगजनी की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए पूरे जिले में करीब 8 अग्निशमन वाहन है, और यह 8 अग्निशमन वाहन जिला प्रशासन के निर्देश के चलते एक दूसरे से मिलकर आगजनी की घटनाओं को नियंत्रित करने में सहयोग करते हैं. दमोह जिला मुख्यालय के साथ जिले की अन्य नगर पालिका एवं नगर पंचायतों में एक-एक अग्निशमन वाहन आसपास के क्षेत्रों में होने वाली आगजनी की घटनाओं को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इनमें स्टाफ की कमी तो जरूर है. लेकिन स्थानीय नगर पालिका के कर्मचारी ही अग्निशमन वाहनों का संचालन करते हैं.


Body:Vo. दमोह जिला मुख्यालय की दमोह नगर पालिका की यदि बात करें तो नगरपालिका के अंतर्गत दो फायर ब्रिगेड है, और इनमें 12 कर्मचारी कार्यरत हैं. हमेशा ही आठ 8 घंटे की ड्यूटी करके यह कर्मचारी आगजनी की घटनाओं को नियंत्रित करते हैं. पुराना अग्निशमन वाहन जहां केवल पानी की बौछार के माध्यम से आग को नियंत्रित करने का काम कर पाता है. वही नया अग्निशमन यंत्र में फोम की फैसिलिटी भी उपलब्ध है. जिससे ज्वलनशील पदार्थों वाले स्थानों पर आग लगने पर वह काम करता है. जिला शहरी विकास अभिकरण के माध्यम से जिलेभर की नगर पालिका एवं नगर पंचायतों में अग्निशमन यंत्रों की स्वीकृति के बाद वहां पर व्यवस्थाएं संचालित की जा रही है. यहां पर फायर बिग्रेड के लिए उपयोग होने वाले अन्य सामग्री को भी जुटाया गया है. जिसके लिए होमगार्ड के जवानों को प्रशिक्षण भी दिलाया गया है. बड़ी आगजनी की घटनाओं में यह लोग आग को नियंत्रित करने का काम करते हैं. दमोह नगर पालिका के अलावा यदि हटा नगर पालिका की बात की जाए तो यहां पर भी दो फायर ब्रिगेड मौजूद हैं. पथरिया नगर पंचायत में एक फायर ब्रिगेड, तेंदूखेड़ा नगर पंचायत में एक फायर ब्रिगेड, हिंडोरिया नगर पंचायत में एक फायर ब्रिगेड एवं पटेरा नगर पंचायत में एक फायर ब्रिगेड है. कुल मिलाकर जिले में 8 फायर वाहन पूरे जिले में होने वाली आगजनी की घटनाओं को नियंत्रित करने का काम करते हैं.

बाइट- कपिल कुमार खरे जिला शहरी अभिकरण अधिकारी


Conclusion:Vo. दमोह जिले में आगजनी की घटनाओं की बात करें तो जिले में पूरे साल में ऐसे बड़े हादसे नहीं होते जिनमें जान माल का नुकसान हो. हालांकि फसलों के आने के दौरान खेतों में आग लगने की घटनाएं लापरवाही एवं शार्ट सर्किट आदि से होती हैं. जिनको बुझाने के लिए आसपास के क्षेत्रों से फायर ब्रिगेड को बुलाकर काबू पाया जाता है. बीते कुछ सालों में आगजनी की घटनाओं की बात करें तो दमोह के घंटाघर इलाके में इलेक्ट्रॉनिक एवं अन्य ज्वलनशील सामग्री की दुकानों पर आग लगने की घटनाएं हुई थी. जहां उन में लाखों रुपए के सामग्री नुकसान के मामले तो आए लेकिन कोई जनहानि नहीं हुई. बीते ही साल दीपावली पर अस्पताल चौक के पास हार्डवेयर की दुकान में आग लगने से लाखों का नुकसान हुआ था, लेकिन रात में हुई इस घटना के बाद तत्काल ही अग्निशमन यंत्र द्वारा आग पर काबू पाया गया था. 1 मई को हटा विधानसभा के मगरोन थाना अंतर्गत नरवाई में आग बुझाते समय एक किसान संतु अहिरवार की मौत हो गई थी. लेकिन उसकी जानकारी नहीं लगने के चलते यह हादसा हुआ था. दमोह जिला मुख्यालय पर कलेक्टर बंगले के आसपास के बांस के झुरमुट में, मत्स्य विभाग के आसपास लगे बास के झुरमुट में हमेशा ही गर्मी के मौसम में आग लगती है. लेकिन उस पर भी काबू पाए जाने की हालात बनते हैं. जिले में भी छोटी-मोटी आगजनी की घटनाओं के अलावा खेतों में आग लगने के मामले सामने आते हैं. लेकिन ऐसे बड़े मामले बीते 1 सालों से सामने नहीं आए. जिसमें सामग्री के नुकसान के साथ जान की हानि हुई हो, फिर भी दमोह जिला में नगर निगम नहीं होने के चलते बढ़ा अमला तो अग्निशमन का नहीं है. फिलहाल 8 फायर ब्रिगेड के माध्यम से पूरे जिले को अग्निशमन के लिए फायर प्रूफ किए जाने का काम किया जा रहा है

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत दमोह
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