दमोह। जिले में चिटफंड कंपनी से संबंधित एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. जिसमें आरोपियों ने निवेशकों पर प्रकरण दर्ज करा दिया है. अब फरियादी रहे निवेशक आरोपी बन गए हैं. कुछ समय पहले तक दमोह में कार्यरत फ्यूचर मेकर कंपनी ने जिलेभर में हितग्राहियों से करीब 4.50 करोड़ रुपये निवेश के नाम पर लिए थे. उस पर तगड़ा ब्याज देने का प्रलोभन दिया था, लेकिन यह कंपनी रातों-रात गायब हो गई. जिसके बाद निवेशकों ने फ्यूचर मेकर कंपनी के संचालकों पर पुलिस में प्रकरण पंजीबद्ध कराया था.
चेक हुआ बाउंस: इस मामले में निवेशक विजय दुबे की रिपोर्ट पर रामसिंह सुथार, सुंदर सुथार तथा राधेश्याम सुथार के विरुद्ध दमोह कोतवाली में वर्ष 2019 में मामला दर्ज कराया था. जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 16 में से करीब 4 को गिरफ्तार किया था. प्रकरण दर्ज होने के बाद आरोपी पक्ष ने राजीनामा के लिए एक याचिका उच्च न्यायालय में दायर की थी. इसमें इस बात पर सहमति बनी थी कि कंपनी निवेशकों के ब्याज सहित 12 करोड़ रुपए लौटएगी. जिस पर कंपनी के ऑनर सुरेश कुमार, प्रदीप कुमार व विकास कुमार ने विजय कुमार के नाम से 12 करोड़ के चेक दिए थे, लेकिन बैंक में पर्याप्त राशि ना होने के कारण चेक बाउंस हो गया.
थाने में प्रकरण दर्ज: इसके बाद दमोह पुलिस बल से दो पार्टियां निवेशक विजय दुबे के साथ हिसार हरियाणा गई थी. ताकि संबंधित आरोपियों की साक्षी शिनाख्त हो सके, लेकिन वहां पर आरोपी सुरेश कुमार ने हिसार जिले के आदमपुर थाने में निवेशक विजय कुमार दुबे एवं 6 अन्य के विरुद्ध 21 जनवरी को रंग दारी दिखाकर, डरा धमका कर उगाही करने का आरोप लगाते हुए एक प्रकरण दर्ज करा दिया. हिसार पुलिस ने निवेशक विजय दुबे के विरुद्ध धारा 34, 387, 506, 452 तथा आर्म्स एक्ट 25 के तहत प्रकरण दर्ज किया है.
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एसपी को सौंपा ज्ञापन: इस मामले के बाद निवेशकों ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से दमोह एसपी राकेश कुमार सिंह को ज्ञापन दिया. जिसमें हिसार में बनाए गए फर्जी प्रकरण को खारिज कराने तथा आरोपियों से राशि वापस दिलाने एवं उनकी गिरफ्तारी की मांग की है. निवेशकों के अधिवक्ता मनीष नगायच ने प्रकरण को फर्जी बताया है. कहा कि, फ्यूचर मेकर कंपनी निवेशकों का रुपया लौटाना नहीं चाहती इसलिए उन्होंने यह फर्जी प्रकरण बनवाया है. जबकि पूरा मामला विधिवत कार्यवाही के साथ पुलिस काम कर रही थी, लेकिन हाईकोर्ट ने यह मामला नीमच ट्रांसफर कर दिया.जिससे भविष्य में निवेशकों के साथ फ्यूचर मेकर कंपनी के ऑनर्स द्वारा कोई हानि पहुंचाई जा सकती है. इस मामले में एसपी ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. निवेशक विजय दुबे का कहना है कि, कंपनी ऑनर राजीनामा का अनावश्यक दबाव बना रहे हैं. वह नहीं चाहते कि निवेशकों का पैसा लौटाना पड़े. इसलिए उन्होंने यह पूरा फर्जी प्रकरण दर्ज कराया है.