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आंगनवाड़ी केंद्र के निरीक्षण दौरान कलेक्टर ने बच्चों के साथ खाई खिचड़ी, अधिकारियों के सूख गये हलक - दमोह

मंगलवार की सुबह अपने मातहतों के साथ इलाकों का भ्रमण करने निकले कलेक्टर नीरज कुमार सिंह एक आंगनबाड़ी केंद्र पहुंच गए. जहां पर उन्होंने बच्चों के लिए वितरित होने आई खिचड़ी देखकर स्वयं भी खिचड़ी खाने की इच्छा प्रकट की. तत्काल ही आंगनवाड़ी केंद्र संचालन करने वाली कार्यकर्ता द्वारा कलेक्टर को खिचड़ी दी गई.

Collector Neeraj Kumar Singh
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Published : Mar 6, 2019, 5:18 AM IST

दमोह। क्षेत्र में दौरे पर निकले कलेक्टर नीरज कुमार सिंह दमोह की एक आंगनवाड़ी केंद्र पहुंचे. जहां पर बच्चों के मध्याह्न भोजन का समय हो गया था. ऐसे में कलेक्टर ने भी खिचड़ी देने का आग्रह किया. जिसके बाद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं महिला बाल विकास अधिकारी के चेहरे देखने लायक थे. हालांकि कलेक्टर ने खिचड़ी खाने के बाद कुछ नहीं कहा. वहीं इस दौरान अधिकारी किसी अनहोनी की आशंका के चलते चुप्पी साधे नजर आए.

वीडियो.

कमलनाथ सरकार बनने के बाद दमोह कलेक्टर के पद पर नीरज कुमार सिंह को पदस्थ किया गया. करीब 2 माह की कार्यशैली के दौरान कलेक्टर नीरज कुमार सिंह अपने व्यवहार एवं क्रियाकलापों से जनता के बीच स्थान बनाने में कामयाब होते दिख रहे हैं. कई मामलों में कलेक्टर का रवैया अभी भी लोगों की समझ से परे है. लेकिन शासकीय अमले एवं शासकीय क्रियाकलापों में कलेक्टर का नजरिया सकारात्मक ही रहता है.


ऐसे में मंगलवार की सुबह अपने मातहतों के साथ इलाकों का भ्रमण करने निकले कलेक्टर नीरज कुमार सिंह एक आंगनबाड़ी केंद्र पहुंच गए. जहां पर उन्होंने बच्चों के लिए वितरित होने आई खिचड़ी देखकर स्वयं भी खिचड़ी खाने की इच्छा प्रकट की. तत्काल ही आंगनवाड़ी केंद्र संचालन करने वाली कार्यकर्ता द्वारा कलेक्टर को खिचड़ी दी गई. इस दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं महिला बाल विकास अधिकारी की बोलती बंद होती नजर आई.


हालांकि कलेक्टर ने खिचड़ी खाने के बाद कुछ नहीं कहा, लेकिन कलेक्टर द्वारा इस प्रकार से शासकीय भवनों में संचालित होने वाली आंगनवाड़ियों में वितरित होने वाले भोजन को चखना, उनकी क्वालिटी परखना, संबंधित विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों के लिए कभी भी परेशानी का सबब बन सकता है, क्योंकि शासकीय पैसे से स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मध्यान्ह भोजन एवं आंगनवाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले बच्चों को वितरित की जाने वाली खिचड़ी की क्वालिटी कितनी ठीक होती है. यह किसी से छिपी नहीं है.

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ऐसे हालात में कलेक्टर द्वारा अपने भ्रमण के दौरान किसी भी स्थान पर उस भोजन को खाने की इच्छा प्रकट करना विभाग के प्रमुख अधिकारी के लिए परेशानी का कारण कभी भी बन सकता है.

दमोह। क्षेत्र में दौरे पर निकले कलेक्टर नीरज कुमार सिंह दमोह की एक आंगनवाड़ी केंद्र पहुंचे. जहां पर बच्चों के मध्याह्न भोजन का समय हो गया था. ऐसे में कलेक्टर ने भी खिचड़ी देने का आग्रह किया. जिसके बाद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं महिला बाल विकास अधिकारी के चेहरे देखने लायक थे. हालांकि कलेक्टर ने खिचड़ी खाने के बाद कुछ नहीं कहा. वहीं इस दौरान अधिकारी किसी अनहोनी की आशंका के चलते चुप्पी साधे नजर आए.

वीडियो.

कमलनाथ सरकार बनने के बाद दमोह कलेक्टर के पद पर नीरज कुमार सिंह को पदस्थ किया गया. करीब 2 माह की कार्यशैली के दौरान कलेक्टर नीरज कुमार सिंह अपने व्यवहार एवं क्रियाकलापों से जनता के बीच स्थान बनाने में कामयाब होते दिख रहे हैं. कई मामलों में कलेक्टर का रवैया अभी भी लोगों की समझ से परे है. लेकिन शासकीय अमले एवं शासकीय क्रियाकलापों में कलेक्टर का नजरिया सकारात्मक ही रहता है.


ऐसे में मंगलवार की सुबह अपने मातहतों के साथ इलाकों का भ्रमण करने निकले कलेक्टर नीरज कुमार सिंह एक आंगनबाड़ी केंद्र पहुंच गए. जहां पर उन्होंने बच्चों के लिए वितरित होने आई खिचड़ी देखकर स्वयं भी खिचड़ी खाने की इच्छा प्रकट की. तत्काल ही आंगनवाड़ी केंद्र संचालन करने वाली कार्यकर्ता द्वारा कलेक्टर को खिचड़ी दी गई. इस दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं महिला बाल विकास अधिकारी की बोलती बंद होती नजर आई.


हालांकि कलेक्टर ने खिचड़ी खाने के बाद कुछ नहीं कहा, लेकिन कलेक्टर द्वारा इस प्रकार से शासकीय भवनों में संचालित होने वाली आंगनवाड़ियों में वितरित होने वाले भोजन को चखना, उनकी क्वालिटी परखना, संबंधित विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों के लिए कभी भी परेशानी का सबब बन सकता है, क्योंकि शासकीय पैसे से स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मध्यान्ह भोजन एवं आंगनवाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले बच्चों को वितरित की जाने वाली खिचड़ी की क्वालिटी कितनी ठीक होती है. यह किसी से छिपी नहीं है.

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ऐसे हालात में कलेक्टर द्वारा अपने भ्रमण के दौरान किसी भी स्थान पर उस भोजन को खाने की इच्छा प्रकट करना विभाग के प्रमुख अधिकारी के लिए परेशानी का कारण कभी भी बन सकता है.

आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण करने के दौरान कलेक्टर ने बच्चों के साथ खाई खिचड़ी 

खिचड़ी खाने के दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं महिला बाल विकास अधिकारी की  बोलती बंद 

कलेक्टर ने बच्चों से किए सवाल तो बच्चों ने दिए जवाब

Anchor. दमोह कलेक्टर नीरज कुमार सिंह अपने भ्रमण के दौरान दमोह की एक आंगनवाड़ी केंद्र पहुंचे. जहां पर बच्चों को खिचड़ी वितरण का समय हो गया था, तो आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा बच्चों को खिचड़ी वितरित की गई, इसी दौरान कलेक्टर ने भी उनको भी खिचड़ी देने का आग्रह किया. इतना कहते ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं महिला बाल विकास अधिकारी की बोलती बंद हो गई. हालांकि कलेक्टर के कहने पर उनको खिचड़ी दी गई. इस दौरान स्वयं महिला बाल विकास अधिकारी गौर से कलेक्टर द्वारा खिचड़ी खाने के नजारे को देखकर किसी अनहोनी की आशंका के चलते चुप्पी साध कर बैठे नजर आए.

VO. कमलनाथ सरकार बनने के बाद दमोह कलेक्टर के पद पर नीरज कुमार सिंह को पदस्थ किया गया. करीब 2 माह की कार्यशैली के दौरान कलेक्टर नीरज कुमार सिंह अपने व्यवहार एवं क्रियाकलापों से जनता के बीच स्थान बनाने में कामयाब होते दिख रहे हैं. कई मामलों में कलेक्टर का रवैया अभी भी लोगों की समझ से परे है. लेकिन शासकीय अमले एवं शासकीय क्रियाकलापों में कलेक्टर का नजरिया सकारात्मक ही रहता है. मंगलवार की सुबह अपने मातहत कर्मचारियों के साथ विभिन्न इलाकों का भ्रमण करने निकले कलेक्टर नीरज कुमार सिंह एक आंगनबाड़ी केंद्र पहुंच गए. जहां पर उन्होंने बच्चों के लिए वितरित होने आई खिचड़ी देखकर स्वयं भी खिचड़ी खाने की इच्छा प्रकट की. तत्काल ही आंगनवाड़ी केंद्र संचालन करने वाली कार्यकर्ता द्वारा कलेक्टर को खिचड़ी दी गई. इस दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं महिला बाल विकास अधिकारी की बोलती बंद होती नजर आई. हालांकि कलेक्टर ने खिचड़ी खाने के बाद कुछ नहीं कहा, लेकिन कलेक्टर द्वारा इस प्रकार से शासकीय भवनों में संचालित होने वाली आंगनबाड़ियों स्कूलों में वितरित होने वाले भोजन को चखना, उनकी क्वालिटी परखना, संबंधित विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों के लिए कभी भी परेशानी का सबब बन सकता है. क्योंकि शासकीय पैसे से स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मध्यान्ह भोजन एवं आंगनवाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले बच्चों को वितरित की जाने वाली खिचड़ी की क्वालिटी कितनी ठीक होती है. यह किसी से छिपी नहीं है. ऐसे हालात में कलेक्टर द्वारा अपने भ्रमण के दौरान किसी भी स्थान पर उस भोजन को खाने की इच्छा प्रकट करना विभाग के प्रमुख अधिकारी के लिए परेशानी का कारण कभी भी बन सकता है.

आशीष कुमार जैन 
ईटीवी भारत दमोह
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