दमोह। सागर संभाग के दमोह जिले के हिनौता गांव में 2 बुजुर्गों की हत्या कर दी गई थी. इस मामले पर बुंदेलखंड के ब्राह्मणों में आक्रोश के चलते आखिरकार प्रशासन को झुकना पड़ा और हत्यारोपियों के अतिक्रमण को हटाना पड़ा. दरअसल हिनौता गांव में जमीनी विवाद के चलते 2 ब्राह्मण बुजुर्गों की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में 7 लोगों को आरोपी बनाया गया था, लेकिन सिर्फ 2 लोगों की गिरफ्तारी अभी तक हुई है और 5 आरोपी फरार बताए जा रहे हैं. करीब 2 हफ्ते बीत जाने के बाद जब आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो दमोह में लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया.
हत्यारोपियों के घरों पर चला बुलडोजर: 14 मार्च को सागर संभाग के सभी जिलों के ब्राह्मणों ने दमोह में एकजुट होकर शक्ति प्रदर्शन किया था. इसके साथ ही कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन सौंपकर चेतावनी भी दी थी. उन्होंने कहा था कि अगर आरोपियों के खिलाफ इनाम घोषित नहीं किया गया और उनके अतिक्रमण नहीं हटाए गए तो 10 दिन बाद भोपाल में सीएम हाउस पर प्रदेशभर के ब्राह्मण प्रदर्शन करेंगे. ब्राह्मणों की नाराजगी का नतीजा ये हुआ कि पुलिस और प्रशासन का दल हिनौता गांव पहुंचा और आरोपियों के दो मकान सरकारी जमीन पर की गई खेती पर बुलडोजर चला दिया गया. इस कार्रवाई में सरकारी जमीन पर बने आरोपियों के टपरे शामिल हैं.
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क्या है मामला: दरअसल दमोह जिले के पथरिया थाना के हिनौता गांव में 28 फरवरी की सुबह जमीनी विवाद में दो लोगों की गोली मारकर हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया था। विवाद में गोली लगने से सेवक शुक्ला (65) और बद्री शुक्ला (68) की मौत हो गई थी. विवाद खेत से रास्ता निकालने को लेकर हुआ था. दोनों परिवारों में काफी दिनों से विवाद चल रहा था और मृतक ब्राह्मण बुजुर्गों के खेत के बाद आरोपियों का खेत था और खेत से रास्ता निकालने को लेकर आए दिन विवाद होता रहता था वारदात के दिन शुक्ला परिवार के लोग खेत में बने मकान पर थे. तभी आरोपी पक्ष के सात लोगों ने विवाद शुरू किया और गोली चला दी. गोली लगने से सेवक शुक्ला व बद्री शुक्ला की मौत हो गई. घटना के बाद इलाके में तनाव पूर्ण माहौल हो गया और भारी पुलिस बल तैनात करना पड़ा. पुलिस ने मामले में 7 आरोपियों पर मामला दर्ज किया है, जो एक ही परिवार के हैं. इनमें से 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन 5 आरोपी अभी भी फरार हैं.
जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है उसमें जाहर सिंह, माखन सिंह और उम्मेद सिंह शामिल हैं. आरोपियों और मृतकों के परिवार के बीच 3 एकड़ जमीन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था. इसी रंजिश में यह हत्याकांड़ हुआ. हत्या के आरोपियों पर कुछ सरकारी जमीन और बोरवेल पर अवैध कब्जे का भी आरोप है. हालांकि जिला प्रशासन ने इस मामले में अब तक कार्रवाई करते हुए 26 लाख से अधिक की प्रॉपर्टी को सील किया है. मामले में जिला कलेक्टर कृष्णा चैतन्य का कहना है हत्या के आरोपियों के दो मकानों को पहले ही ढहाया जा चुका है. अवैध अतिक्रमण और कब्जे को भी छुड़ाया जा चुका है.