दमोह। कोरोना महामारी के इस दौर में लोग अभी तक यह नहीं जान पाए हैं कि इस बीमारी का सही इलाज है क्या. तो वहीं इसको लेकर लोगों के मन में कई शंकाएं भी हैं. जिसे दूर करने के लिए दमोह में स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी की है. ताकि लोग अपने मन से सोशल मीडिया और सुनी हुईं बातों में विश्वास न करें. और घरेलू नुस्खे ना आजमाए, क्योंकि ये घातक हो सकता है.
सोशल मीडिया के दावे लोगों की मुसीबत
सोशल मीडिया पर बाकायदा कुछ लोग उपचार की विधि और दवाइयां सजेस्ट कर रहे हैं. कोई आयुर्वेदिक दवाई बता रहा है, तो कोई जड़ी-बूटी के नुस्खे. होम्योपैथिक और एलोपैथिक दवाई भी कई लोग लेने को कह रहे हैं. लेकिन इन सब बातों में भरोसा न करके सीधे डॉक्टर के पास जाना ज्यादा सही रहेगा. कई ऐसे मामले सामने जिसमें लोगों ने खुद से नुस्खे आजमाए और उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई. दमोह में भी कई ऐसे मामले सामने आए हैं. इसलिए आपके लिए ये बातें जानना जरूरी है.
- क्या कहते हैं विशेषज्ञ ?
कोविड-19 के नोडल अधिकारी डॉक्टर दिवाकर पटेल ने बताया कि, यह वायरस पिछली बार से अलग है. पिछली बार 8 दिनों में निमोनिया का संक्रमण होता था, लेकिन इस बार यह 4 दिन में ही फेफड़ों को खराब कर देता है. डॉक्टर दिवाकर ने बताया कि इस बीमारी का सबसे अच्छा उपाय यही है कि लोग अनावश्यक रूप से घरों से न निकलें और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें. डॉक्टर ने बताया कि केवल गाइडलाइन फॉलो करके ही कोरोना की चेन तोड़ी जा सकती है.
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- बुखार आए तो फीवर क्लीनिक जाएं
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संगीता त्रिवेदी ने एडवाइजरी जारी की. उन्होंने कहा, 'सामान्य बुखार को भी लोग हल्के में न लें. यदि किसी को बुखार आता है तो वह तुरंत फीवर क्लीनिक जाकर जांच कराएं. पहले दिन से ही दवा लेना शुरू कर दें. 4 से 5 दिनों में बुखार नहीं जाता है तो वह रिपोर्ट आने का इंतजार न करें, और सीधे अस्पताल में भर्ती हो जाएं.'