ETV Bharat / state

27 फरवरी को सीएम करेंगे मेडिकल कॉलेज का भूमिपूजन - दमोह मेडिकल कॉलेज

दमोह में मेडिकल खोले जाने की मांग के बाद शिवराज सरकार आगामी 27 फरवरी को को दमोह आएंगे और मेडिकल कॉलेज के आवंटित जमीन का भूमि पूजन करेंगे.

CM will do bhoomipujan of medical college in damoh
27 फरवरी को सीएम करेंगे मेडिकल कॉलेज का भूमिपूजन
author img

By

Published : Feb 24, 2021, 8:27 PM IST

दमोह। जिले में मेडिकल कॉलेज खोले जाने की मांग के बाद शिवराज सरकार ने सहमति देते हुए पत्र जारी किया है. आगामी 27 फरवरी को अपने दमोह आगमन पर प्रदेश के मुखिया मेडिकल कॉलेज के लिए भूमि पूजन करेंगे.

  • 27 फरवरी को होगा भूमि पूजन

सीएम शिवराज सिंह 27 तारीख को दमोह आएंगे .इसी मौके पर दमोह में मेडिकल कॉलेज के लिए औपचारिक तौर पर भूमि पूजन भी किया जाएगा. 2018 में आम चुनाव के ठीक पहले आचार संहिता लगने के 1 दिन पहले शिवराज सिंह चौहान ने छतरपुर में भी मेडिकल कॉलेज का भूमि पूजन किया था. लेकिन कॉलेज के नाम पर आज तक वहां एक ईंट भी नहीं रखी गई है. मुख्यमंत्री ने मेडिकल कॉलेज की घोषणा कर दी थी. लेकिन छतरपुर में मेडिकल कॉलेज बनाने संबंधी पूर्ण प्रस्ताव केंद्र सरकार को नहीं भेजा था. इसलिए वहां पर आज भी मामला लंबित है.

  • दमोह में खुलेगा मेडिकल कॉलेज

छतरपुर में मेडिकल कॉलेज का पहले भूमि पूजन हो चुका है. लेकिन दमोह, छतरपुर और कटनी में मेडिकल कॉलेज बनने की शत-प्रतिशत संभावनाएं केवल कटनी में ही हैं. पिछले महीने प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग जब कटनी पहुंचे थे. तो उन्होंने साफ तौर पर मीडिया से कहा था कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के आग्रह पर कटनी में मेडिकल कॉलेज खोले जाने की प्रदेश सरकार ने स्वीकृति दी थी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को राज्य सरकार बजट राशि, भूमि आवंटन के आधार पर अपना प्रस्ताव भेज चुकी है. जल्द ही दिल्ली जाकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन सिंह से मुलाकात कर मेडिकल कॉलेज को मंजूरी दिए जाने की मांग रखेंगे. दमोह में अभी केवल मंजूरी का पत्र जारी हुआ है. किसी तरह का कोई प्रस्ताव राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को नहीं भेजा है. इसलिए दमोह में मेडिकल कॉलेज खुलेगा इसकी संभावनाएं कम कर दिख रही है.

  • क्या कहता हैं नियम ?

रिटायर्ड संयुक्त संचालक डॉ केके ताम्रकार कहते हैं कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमानुसार किसी भी जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने के पूर्व उसकी औपचारिकताएं पूरी करना जरुरी है. जिसमें पहले राज्य सरकार द्वारा बजट आवंटन करना, भूमि उपलब्ध कराना, आबादी और उसके घनत्व और दूरी के हिसाब से वहां व्यवहार्यता की स्वीकार्यता जरूरी है.जब प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास पहुंच जाता है. उसके बाद केंद्र की एक टीम आकर सारी चीजों को देखती है और उसके बाद ही अनुमति देती है.

दमोह। जिले में मेडिकल कॉलेज खोले जाने की मांग के बाद शिवराज सरकार ने सहमति देते हुए पत्र जारी किया है. आगामी 27 फरवरी को अपने दमोह आगमन पर प्रदेश के मुखिया मेडिकल कॉलेज के लिए भूमि पूजन करेंगे.

  • 27 फरवरी को होगा भूमि पूजन

सीएम शिवराज सिंह 27 तारीख को दमोह आएंगे .इसी मौके पर दमोह में मेडिकल कॉलेज के लिए औपचारिक तौर पर भूमि पूजन भी किया जाएगा. 2018 में आम चुनाव के ठीक पहले आचार संहिता लगने के 1 दिन पहले शिवराज सिंह चौहान ने छतरपुर में भी मेडिकल कॉलेज का भूमि पूजन किया था. लेकिन कॉलेज के नाम पर आज तक वहां एक ईंट भी नहीं रखी गई है. मुख्यमंत्री ने मेडिकल कॉलेज की घोषणा कर दी थी. लेकिन छतरपुर में मेडिकल कॉलेज बनाने संबंधी पूर्ण प्रस्ताव केंद्र सरकार को नहीं भेजा था. इसलिए वहां पर आज भी मामला लंबित है.

  • दमोह में खुलेगा मेडिकल कॉलेज

छतरपुर में मेडिकल कॉलेज का पहले भूमि पूजन हो चुका है. लेकिन दमोह, छतरपुर और कटनी में मेडिकल कॉलेज बनने की शत-प्रतिशत संभावनाएं केवल कटनी में ही हैं. पिछले महीने प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग जब कटनी पहुंचे थे. तो उन्होंने साफ तौर पर मीडिया से कहा था कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के आग्रह पर कटनी में मेडिकल कॉलेज खोले जाने की प्रदेश सरकार ने स्वीकृति दी थी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को राज्य सरकार बजट राशि, भूमि आवंटन के आधार पर अपना प्रस्ताव भेज चुकी है. जल्द ही दिल्ली जाकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन सिंह से मुलाकात कर मेडिकल कॉलेज को मंजूरी दिए जाने की मांग रखेंगे. दमोह में अभी केवल मंजूरी का पत्र जारी हुआ है. किसी तरह का कोई प्रस्ताव राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को नहीं भेजा है. इसलिए दमोह में मेडिकल कॉलेज खुलेगा इसकी संभावनाएं कम कर दिख रही है.

  • क्या कहता हैं नियम ?

रिटायर्ड संयुक्त संचालक डॉ केके ताम्रकार कहते हैं कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमानुसार किसी भी जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने के पूर्व उसकी औपचारिकताएं पूरी करना जरुरी है. जिसमें पहले राज्य सरकार द्वारा बजट आवंटन करना, भूमि उपलब्ध कराना, आबादी और उसके घनत्व और दूरी के हिसाब से वहां व्यवहार्यता की स्वीकार्यता जरूरी है.जब प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास पहुंच जाता है. उसके बाद केंद्र की एक टीम आकर सारी चीजों को देखती है और उसके बाद ही अनुमति देती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.