दमोह। कोर्ट की सीजेएम न्यायाधीश रजनी प्रकाश बाथम ने विधायक पति गोविंद सिंह के पक्ष में हटा पुलिस की ओर से पेश खारिजी आवेदन को निरस्त करते हुए पूर्व में हटा न्यायालय द्वारा गोविंद सिंह के खिलाफ अपराध में वारंट जारी करने की कार्रवाई को न्यायोचित ठहराया है. हटा पुलिस की ओर से गोविंद सिंह के पक्ष में पेश हत्या के मामले में खारिजी लगाने का आवेदन लगाया था.
क्या है मामला
बता दें कि करीब 1 साल पहले हटा पुलिस की ओर से देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड में मुख्य आरोपी गोविंद सिंह की मोबाइल लोकेशन घटनास्थल पर न पाए जाने और विधायक की सुरक्षा में मौजूद गार्ड्स के बयानों के आधार पर गोविंद सिंह के खिलाफ मुकदमा खारिजी के लिए आवेदन पत्र दिया था. मामले में पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने कोर्ट के सामने तर्क रखा के कोई शातिर अपराधी अगर घटना करने के पहले अपना मोबाइल कहीं और छोड़ देता है तो इससे उसकी टॉवर लोकेशन के आधार पर बचाया नहीं जा सकता.
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वहीं मामले में रिपोर्ट देने वाले महेश चौरसिया और सोमेश चौरसिया ने आरोपी के खिलाफ कथन कोर्ट में वीसी के जरिए दिए थे. तमाम पहलुओं पर विचार करने के बाद दमोह कोर्ट ने आरोपी गोविंद सिंह के पक्ष में प्रस्तुत खारिजी आवेदन निरस्त करते हुए मामला वापस हटा न्यायालय प्रेषित कर दिया है. इसके पूर्व एडीजे कोर्ट हटाने मामले की सुनवाई करते हुए पिछले महीने पारित अपने एक आदेश में मृतक देवेंद्र चौरसिया के बेटे सोमेश चौरसिया के कथन के आधार पर विधायक राम भाई के पति गोविंद को हत्या का मुख्य अभियुक्त मानते हुए उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. सीजेएम कोर्ट ने भी हटा न्यायालय के आदेश की पुष्टि की.