दमोह। मायानगरी में सिनेमैटोग्राफर के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले हरीश पटेल ने कई फिल्मों में अपनी कला के जरिए बेहतर छायांकन दिया है, साथ ही अन्य भाषाओं की फिल्मों में भी अपनी भूमिका अदा कर रहे हैं. दमोह पहुंचे हरीश पटेल ने ईटीवी भारत ने बातचीच की. हरीश ने बताया कि मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं, उनकी स्कूली शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर से हुई थी. बचपन से ही सिनेमा की तरफ रुझान होने के चलते वे सांस्कृतिक कार्यक्रमों और नाटकों में हिस्सा लेते थे. यहीं से उनका सफर शुरु हुआ.
बुंदेली माटी से मुंबई पहुंचे हरीश पटेल ने संघर्षों के बाद सिनेमैटोग्राफी के लिए अपने करियर का लक्ष्य बनाया और अपने मुकाम को हासिल भी किया. कई बड़े फिल्म स्टार के साथ वे फिल्में बना चुके हैं. उनकी पहली फिल्म निर्वाना 13 थी. उसके बाद उन्होंने एक विलेन, हॉफ गर्लफ्रेंड जैसी बॉलीवुड फिल्म में भी काम किया है. साथ ही उन्होंने पंजाबी, गुजराती, मराठी फिल्मों में भी अपनी इस कला का लोहा मनवाया है.
ईटीवी भारत ने उनसे उनके संघर्ष की कहानी के साथ बुंदेलखंड में फिल्म को लेकर किस तरह से काम हो सकता है. इसको लेकर चर्चा की. उन्होंने बताया कि क्षेत्र में बुंदेली फिल्म को लेकर काफी संभावनाएं हैं. यहां कई कलाकार हैं, जो बॉलीबुड के अलावा कई फिल्म इंडस्ट्री में अपना लोहा मनवा चुके हैं. चाहे सागर के गोविंद नामदेव हों या आशुतोष राणा. इन नामों को कौन नहीं जानता.
बुंदेलखंड अंचल की कई प्रतिभाओं ने फिल्म इंडस्ट्री में स्टार के रूप में अपनी पहचान बनाई है, लेकिन हरीश पटेल ने अलग ही मुकाम हासिल किया है. सिनेमैटोग्राफर के रूप में हरीश पटेल उन सभी एंगल को अपने कैमरे में कैद करते हैं. जो फिल्म को ऊंचाइयों तक ले जाते हैं. हरीश पटेल कहते हैं कि आगामी दिनों में बुंदेलखंड में भी अनेक फिल्मों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे.