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दमोह में स्थापित भगवान वराह की सदियों पुरानी प्रतिमा बनी भक्तों की आस्था का केंद्र

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Published : Oct 17, 2019, 12:30 PM IST

Updated : Oct 18, 2019, 7:34 AM IST

दमोह जिले में स्थित भगवान वराह की 11वीं और 12वीं शताब्दी में निर्मित विशाल प्रतिमाएं लोगों की आस्था का केंद्र बनी हुई हैं.

वराह अवतार की सदियों पुरानी प्रतिमा

दमोह। शहर में फुटेरा तालाब के किनारे एक मंदिर में भगवान विष्णु के वराह अवतार की सदियों पुरानी विशाल प्रतिमा स्थित है, जो शहर के प्राचीन ऐतिहासिक विरासत की गवाही देती हैं. वराह भगवान की यह प्रतिमा भारतीय पुरातत्व विभाग के द्वारा संरक्षित होने के साथ-साथ शहर के लोगों के लिए अस्था का केंद्र भी है.

वराह अवतार की सदियों पुरानी प्रतिमा

इतिहासकारों को भी इस बात की पुख्ता जानकारी नहीं है कि, प्रतिमा कब की है, लेकिन वे बताते हैं कि यह 11वीं या 12वीं शताब्दी की हो सकती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस अवतार में भगवान विष्णु ने पृथ्वी को समुद्र से बाहर निकाला था. तब से भगवान विष्णू की इस रूप में पूजा की जाती है.

यह प्रतिमा प्राचीन होने के साथ दमोह की समृद्ध परंपरा को भी पेश करती है. जिले में इसके अलावा अनेकों मंदिरों और मूर्तियों के अवशेष कई जगह हैं. जिनमें से कुछ तो संरक्षित हैं. वहीं कई स्मारक ऐसे हैं, जिन्हें संरक्षण की आवश्यकता है.

दमोह। शहर में फुटेरा तालाब के किनारे एक मंदिर में भगवान विष्णु के वराह अवतार की सदियों पुरानी विशाल प्रतिमा स्थित है, जो शहर के प्राचीन ऐतिहासिक विरासत की गवाही देती हैं. वराह भगवान की यह प्रतिमा भारतीय पुरातत्व विभाग के द्वारा संरक्षित होने के साथ-साथ शहर के लोगों के लिए अस्था का केंद्र भी है.

वराह अवतार की सदियों पुरानी प्रतिमा

इतिहासकारों को भी इस बात की पुख्ता जानकारी नहीं है कि, प्रतिमा कब की है, लेकिन वे बताते हैं कि यह 11वीं या 12वीं शताब्दी की हो सकती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस अवतार में भगवान विष्णु ने पृथ्वी को समुद्र से बाहर निकाला था. तब से भगवान विष्णू की इस रूप में पूजा की जाती है.

यह प्रतिमा प्राचीन होने के साथ दमोह की समृद्ध परंपरा को भी पेश करती है. जिले में इसके अलावा अनेकों मंदिरों और मूर्तियों के अवशेष कई जगह हैं. जिनमें से कुछ तो संरक्षित हैं. वहीं कई स्मारक ऐसे हैं, जिन्हें संरक्षण की आवश्यकता है.

Intro:जिला मुख्यालय पर तालाब के किनारे स्थित है वाराह अवतार की विशाल प्राचीन प्रतिमा

11वीं 12वीं शताब्दी में किसी मंदिर का अवशेष रही है यह प्रतिमा

जिले के लोगों की आस्था का केंद्र वराह अवतार की अद्भुत प्रतिमा

दमोह. जिला मुख्यालय पर स्थित फुटेरा तालाब के पास भगवान विष्णु के वराह अवतार की विशाल प्रतिमा स्थित है. यह प्रतिमा दमोह के लोगों की आस्था का केंद्र है. बराह भगवान की प्रतिमा पुरातत्व विभाग के अधीन है. साथ ही भारतीय पुरातत्व विभाग का यह संरक्षित स्थल भी है. यह प्रतिमा दमोह के प्राचीन ऐतिहासिक विरासत की गवाही देती है.


Body:फुटेरा तालाब के किनारे मंदिर में कई सालों से यह प्रतिमा विराजमान है. भगवान विष्णु के अवतार के रूप में वराह भगवान की पूजा होती है. भगवान विष्णु के अवतारों में नर पशु एवं मिश्रित अवतार माने गए हैं. भगवान विष्णु का वराह अवतार पशु अवतार है. इस अवतार के द्वारा भगवान विष्णु ने पृथ्वी को समुद्र से बाहर निकाला था. तब से लेकर अब तक यह प्रतिमाएं पूरे देश में मिलती है. इस प्रतिमा का दमोह जिले के तालाब के किनारे होना यह साबित करता है कि बड़ी संख्या में भगवान विष्णु के मानने वाले जिले में रहते थे. जिनके द्वारा इस प्रतिमा का निर्माण कराए जाने के साथ इस प्रतिमा को पूजा जाता रहा है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का यह संरक्षित स्थल भी है.

बाइट- सुरेंद्र चौरसिया मार्गदर्शक पुरातत्व विभाग


Conclusion:दमोह जिले में बनाए गए अनेक मंदिरों के भग्नावशेष आज भी जिले में या तो संरक्षित स्मारक के रूप में विद्यमान हैं. या फिर उनको संरक्षण की आवश्यकता है, और इन्हीं मंदिरों में से किसी एक मंदिर से यह प्रतिमा लाई जाकर यहां पर स्थापित किए जाने के बात विभाग के अधिकारी कहते हैं. खैर कहीं से भी इस प्रतिमा को लाया गया हो, लेकिन अब यह प्रतिमा प्राचीन होने के साथ दमोह जिले की समृद्ध परंपरा को देश और दुनिया के सामने जरूर पेश करती है.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत दमोह
Last Updated : Oct 18, 2019, 7:34 AM IST
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