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दमोह में बीएसपी ने बुंदेलखंडी लोकगीत गायक जित्तू खरे को बनाया उम्मीदवार, त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार - #damoh

दमोह लोकसभा सीट से बीएसपी ने बुंदेलखंड अंचल के मशहूर लोकगीत गायक जित्तू खरे को उम्मीदवार बनाया है. जिससे इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार बनते नजर आ रहे हैं.

बीएसपी प्रत्याशी जित्तू खरे दमोह लोकसभा सीट
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Published : Apr 13, 2019, 1:51 PM IST

दमोह। बुंदेलखंड अंचल की दमोह लोकसभा सीट पर बीएसपी ने मशहूर लोकगीत गायक जित्तू खरे को उम्मीदवार बनाया है. जिससे इस सीट पर अब मुकाबला त्रिकोणीय होता नजर आ रहा है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में बीएसपी प्रत्याशी जित्तू खरे ने कहा कि लोगों को ऐसे सांसद की जरूरत है, जो ग्रामीण अंचलों के लोगों के जीवनस्तर को बेहतर बना सकें, जबकि बुंदेलखंड की संस्कृति को भी बढ़ावा दे.

जित्तू खरे का कहना है कि उन्होंने ग्रामीण अंचलों की स्थितियां देखी हैं. वे जानते हैं कि ग्रामीण अंचलों की क्या आवश्यकता है. लेकिन कुछ सियासी दल क्षेत्र में केवल जातिगत राजनीति को आधार बनाकर ही फैसले लेते हैं, जो राजनीति के लिए ठीक नहीं है. बीएसपी प्रत्याशी ने कहा कि वह सभी जातियों को साथ लेकर चलने वाले व्यक्ति हैं, जिसके आधार पर ही वे जनता से वोट मांगने जाएंगे. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में विकास का केवल ढिंढोरा पीटा जा रहा है, जबकि क्षेत्र में विकास कहीं दिखता ही नहीं है. बुंदेलखंड में लगातार बेरोजगारी और पलायन हो रहा है. जिसे खत्म करने के लिए जनप्रतिनिधियों ने कोई काम नहीं किया है.

दमोह लोकसभा सीट से बीएसपी प्रत्याशी जित्तू खरे से ईटीवी भारत की खास बातचीत।

बुंदेलखंड की संस्कृति को दिया जाएगा बढ़ावा
जित्तू खरे ने कहा कि मेरी पहली प्राथमिकता क्षेत्र में बेरोजगारी की समस्या को खत्म करने की रहेगी. साथ ही शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए भी इस क्षेत्र में बहुत काम करने की जरुरत है. जित्तू खरे ने कहा कि अगर जनता उन्हें मौका देती है, तो वह क्षेत्र की सभी आठों विधानसभा क्षेत्रों में बुंदेली मेलों का आयोजन करेंगे. जिसमें बुंदेलखंड के गौरवशाली संस्कृति को दिखाने के साथ-साथ लोगों की समस्यायों को भी दूर करने का काम किया जाएगा.

बता दें कि बीएसपी प्रत्याशी जित्तू खरे बुंदेलखंडी लोकगीतों के मशहूर गायक माने जाते हैं. जित्तू खरे की ग्रामीण अंचलों में अच्छी पकड़ मानी जाती है. यही वजह है कि बसपा महागठबंधन ने उनको अपना प्रत्याशी बनाया है. दमोह में बीएसपी द्वारा मजबूत उम्मीदवार उतारे जाने से यहां त्रिकोणीय मुकाबले के पूरे आसार बनते नजर आ रहे हैं. बीजेपी से दमोह सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल मैदान में है. तो कांग्रेस ने इस सीट पर पूर्व विधायक प्रताप सिंह लोधी पर दांव लगाया है.

दमोह। बुंदेलखंड अंचल की दमोह लोकसभा सीट पर बीएसपी ने मशहूर लोकगीत गायक जित्तू खरे को उम्मीदवार बनाया है. जिससे इस सीट पर अब मुकाबला त्रिकोणीय होता नजर आ रहा है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में बीएसपी प्रत्याशी जित्तू खरे ने कहा कि लोगों को ऐसे सांसद की जरूरत है, जो ग्रामीण अंचलों के लोगों के जीवनस्तर को बेहतर बना सकें, जबकि बुंदेलखंड की संस्कृति को भी बढ़ावा दे.

जित्तू खरे का कहना है कि उन्होंने ग्रामीण अंचलों की स्थितियां देखी हैं. वे जानते हैं कि ग्रामीण अंचलों की क्या आवश्यकता है. लेकिन कुछ सियासी दल क्षेत्र में केवल जातिगत राजनीति को आधार बनाकर ही फैसले लेते हैं, जो राजनीति के लिए ठीक नहीं है. बीएसपी प्रत्याशी ने कहा कि वह सभी जातियों को साथ लेकर चलने वाले व्यक्ति हैं, जिसके आधार पर ही वे जनता से वोट मांगने जाएंगे. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में विकास का केवल ढिंढोरा पीटा जा रहा है, जबकि क्षेत्र में विकास कहीं दिखता ही नहीं है. बुंदेलखंड में लगातार बेरोजगारी और पलायन हो रहा है. जिसे खत्म करने के लिए जनप्रतिनिधियों ने कोई काम नहीं किया है.

दमोह लोकसभा सीट से बीएसपी प्रत्याशी जित्तू खरे से ईटीवी भारत की खास बातचीत।

बुंदेलखंड की संस्कृति को दिया जाएगा बढ़ावा
जित्तू खरे ने कहा कि मेरी पहली प्राथमिकता क्षेत्र में बेरोजगारी की समस्या को खत्म करने की रहेगी. साथ ही शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए भी इस क्षेत्र में बहुत काम करने की जरुरत है. जित्तू खरे ने कहा कि अगर जनता उन्हें मौका देती है, तो वह क्षेत्र की सभी आठों विधानसभा क्षेत्रों में बुंदेली मेलों का आयोजन करेंगे. जिसमें बुंदेलखंड के गौरवशाली संस्कृति को दिखाने के साथ-साथ लोगों की समस्यायों को भी दूर करने का काम किया जाएगा.

बता दें कि बीएसपी प्रत्याशी जित्तू खरे बुंदेलखंडी लोकगीतों के मशहूर गायक माने जाते हैं. जित्तू खरे की ग्रामीण अंचलों में अच्छी पकड़ मानी जाती है. यही वजह है कि बसपा महागठबंधन ने उनको अपना प्रत्याशी बनाया है. दमोह में बीएसपी द्वारा मजबूत उम्मीदवार उतारे जाने से यहां त्रिकोणीय मुकाबले के पूरे आसार बनते नजर आ रहे हैं. बीजेपी से दमोह सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल मैदान में है. तो कांग्रेस ने इस सीट पर पूर्व विधायक प्रताप सिंह लोधी पर दांव लगाया है.

Intro:इलेक्शन स्पेशल

संसदीय चुनाव में बीएसपी महागठबंधन ने खेला दाव बुंदेलखंड के चर्चित लोकगीत गायक को बनाया प्रत्याशी

बुंदेलखंडी लोक गीतों के गायक जित्तू खरे से ईटीवी भारत ने की सीधी विशेष बात

Anchor. दमोह लोकसभा सीट वैसे तो हमेशा ही हाई प्रोफाइल सीट रही है. पूर्व के वर्षों में भी राष्ट्रपति भवन से निकल कर तत्कालीन राष्ट्रपति वीवी गिरी के पुत्र शंकर गिरी ने दमोह संसदीय सीट से चुनाव लड़ा और यहां से सांसद बने. उसके बाद से लेकर अब तक यह सीट संसदीय चुनाव में प्रदेश ही नहीं देश के चर्चाओं के केंद्र में रही है. इस बार भी इस सीट का यही हाल है, क्योंकि इस सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री भाजपा के कद्दावर नेता प्रहलाद पटेल चुनाव लड़ रहे हैं. तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व विधायक प्रताप सिंह को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं विधानसभा चुनाव में धमाकेदार जीत दर्ज कराते हुए दमोह की 1 विधानसभा पर बसपा ने कब्जा जमाया था, और अब बसपा ने एक और दांव खेलते हुए बुंदेलखंड के प्रसिद्ध गायक को अपना लोकसभा उम्मीदवार बनाया है.


Body:Vo. बुंदेलखंड में लोकगीतों की परंपरा बहुत पुरानी है और यह लोकगीत मूलतः दो अर्थ वाले होते हैं, और इस लोकगीतों की परंपरा में लोकगीत गाने वालों में एक बड़ा चर्चित और प्रसिद्ध नाम जित्तू खरे बादल का है. जित्तू खरे ग्रामीण अंचलों में सबसे ज्यादा चर्चित और जाने-माने व्यक्ति है. बसपा महागठबंधन ने उनको अपना प्रत्याशी बनाया है. पहले कयास लगाए जा रहे थे कि बसपा के विधायक बनी रामबाई सिंह की देवरानी को बहुजन समाज पार्टी संसदीय सीट का प्रत्याशी बनाएगी. लेकिन देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड के बाद बदले हालात के बीच पार्टी ने एक धमाकेदार फैसला करते हुए चर्चित और जाने-माने चेहरे जित्तू खरे को अपना उम्मीदवार बनाकर दमोह संसदीय चुनाव में राजनीतिक लड़ाई को त्रिकोणी कर दिया है.

121 - ईटीवी भारत संवाददाता आशीष कुमार जैन से जित्तू खरे बादल की सीधी बात


Conclusion:Vo. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान जित्तू खरे बादल ने क्षेत्र की स्थानीय मांग पर अपनी बात रखी. साथ ही यह भी कहा कि यहां के लोगों को ऐसे सांसद की जरूरत है जो ग्रामीण अंचलों के लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बना सके. उनकी परेशानियों को समझ सके. जित्तू खरे का दावा है कि उन्होंने ग्रामीण अंचलों की स्थितियां देखी है. ऐसे में वे जानते हैं कि ग्रामीण अंचलों की क्या आवश्यकता है. वहीं जित्तू खरे मानते हैं कि जिस प्रकार से दोनों पार्टियां जातिगत राजनीति को आधार रखकर फैसले ले रही हैं. वह अन्य जातियों के लिए ठीक नहीं है. वे सर्व समाज को साथ लेकर चलने वाले व्यक्ति हैं, और इसी आधार पर लोगों के बीच वोट मांगने जाएंगे.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत दमोह
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